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कृषि शिक्षा में सुधार के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरें, आईसीएआर से बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को रिक्त पदों को तत्काल भरने का सोमवार को निर्देश दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यहां राष्ट्रीय कृषि छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे और कृषि मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। मंत्रालय के बयान में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री चौहान के हवाले से कहा गया, ” कृषि छात्रों के भविष्य से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

संसदीय समिति की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीएआर को अपने संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में स्वीकृत कर्मियों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। 31 मार्च 2025 तक 3,550 पद रिक्त थे। अधिकतर रिक्तियां वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक पदों पर हैं। चौहान ने आईसीएआर को कृषि छात्रों का एक दल बनाने का भी निर्देश दिया ताकि कमियों को दूर करने के लिए रचनात्मक सुझाव हासिल किए जा सकें। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की ‘ग्रेडिंग’ में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान करते हुए कहा कि आईसीएआर को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करके उन्हें देश में लागू करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि कृषि एवं गांवों का एक साथ विकास करने से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा, ” कृषि के विकास के बिना एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का अस्तित्व नहीं हो सकता।” चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए वर्ष में कम से कम एक बार किसानों के खेतों का दौरा करना चाहिए। आईसीएआर के कृषि शिक्षा प्रभाग एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में कृषि छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ सीधा संवाद किया। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शिरकत की।

छत्तीसगढ़ में 21 माओवादियों का समर्पण, अमित शाह ने 26 मार्च तक नक्सलवाद के खात्मे का लिया संकल्प

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बताया कि छत्तीसगढ़ में 13 ”वरिष्ठ” माओवादियों समेत 21 माओवादियों ने अपने हथियार सौंपकर आत्मसमर्पण कर दिया है। शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को 21 माओवादियों ने अधिकारियों को 18 हथियार सौंपने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 21 माओवादियों ने अपने हथियार सौंपकर आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से 13 ‘वरिष्ठ काडर’ थे।’

‘ गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आह्वान पर हिंसा का त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सराहना की और कहा कि वह उन नक्सलियों से जल्द से जल्द आत्मसमर्पण करने की अपील करना चाहते हैं जो अब भी बंदूकें थामे हुए हैं। उन्होंने कहा, ”हम 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” बस्तर जिले के जगदलपुर में केंद्रीय समिति के एक सदस्य सहित 210 माओवादियों ने 17 अक्टूबर को पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने इस दौरान अपने 153 से अधिक हथियार सौंपे थे। इन माओवादियों पर कुल 9.18 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले में दो अक्टूबर को 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था जिनमें से 49 पर कुल 1.06 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था।

आवारा कुत्तों का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को किया तलब

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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को अदालत में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि आवारा कुत्तों के मामले में अनुपालन हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा कि केवल दिल्ली नगर निगम और पश्चिम बंगाल तथा तेलंगाना राज्यों ने ही शीर्ष अदालत के 22 अगस्त के आदेश के अनुपालन में अपने हलफनामे दाखिल किए हैं। पीठ ने अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने के लिए अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आलोचना करते हुए कहा कि 22 अगस्त के हलफनामे में सब कुछ कहा गया था।

पीठ आवारा कुत्तों से संबंधित एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। उच्चतम न्यायालय ने 22 अगस्त को आवारा कुत्तों के मामले का दायरा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से आगे बढ़ाते हुए निर्देश दिया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मामले में पक्षकार बनाया जाए। शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त के अपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में टीकाकरण किए गए आवारा कुत्तों को बाड़ों से बाहर छोड़ने पर रोक लगाने के अपने पहले के निर्देश को संशोधित किया था और कुत्तों को नसबंदी तथा कृमि-मुक्त करने के बाद छोड़ने का आदेश दिया था। उसने अपने पहले के आदेश को ‘बहुत कठोर’ बताया था।

एकता दौड़ में शामिल हों, अखंड भारत के सरदार पटेल के दृष्टिकोण का सम्मान करें: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नागरिकों से अखंड भारत के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाने के लिए 31 अक्टूबर को एकता दौड़ (रन फॉर यूनिटी) में शामिल होने का आग्रह किया। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”31 अक्टूबर को एकता दौड़ में शामिल हों और एकजुटता की भावना का उत्सव मनाएं! आइए, सरदार पटेल के अखंड भारत के दृष्टिकोण का सम्मान करें।” 31 अक्टूबर, 1875 को जन्मे पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री थे।

उन्होंने स्वतंत्रता के बाद 500 से अधिक रियासतों के भारत संघ में विलय में अहम भूमिका निभाई थी। पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। प्रधानमंत्री 31 अक्टूबर को गुजरात में केवड़िया के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का नेतृत्व करेंगे। प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ रेडियो संबोधन में कहा था कि इस बार 31 अक्टूबर विशेष है क्योंकि इस दिन सरदार पटेल की 150वीं जयंती है। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर देश भर में ‘एकता दौड़’ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 11 वर्ष में 387 से बढ़कर 819 हुई: नड्डा

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि पिछले 11 वर्ष में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 50वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि इसी तरह स्नातक मेडिकल सीट की संख्या 51,000 से बढ़कर 1.29 लाख और स्नातकोत्तर सीट की संख्या 31,000 से बढ़कर 78,000 हो गई है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 75,000 अतिरिक्त सीट जुड़ने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों को बधाई दी और देश में चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में एम्स के अद्वितीय योगदान की सराहना की।

उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 75,000 अतिरिक्त सीट जोड़े जाने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों को बधाई दी और देश में चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में एम्स के अद्वितीय योगदान की सराहना की। उन्होंने युवा चिकित्सकों से लोगों की सहानुभूतिपूर्वक सेवा करने, नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और देश की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवाचार का उपयोग करने का आह्वान किया। नड्डा ने यह भी कहा कि देश ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार, मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 से घटकर 88 और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 से घटकर 27 हो गई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) और नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में भी क्रमशः 42 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है, जो वैश्विक औसत से अधिक है। नड्डा ने कहा कि भारत में टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।

अखिल भारतीय एसआईआर के पहले चरण की अगले सप्ताह शुरुआत कर सकता है निर्वाचन आयोग

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निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के अखिल भारतीय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के पहले चरण की अगले सप्ताह शुरुआत कर सकता है। इस अभियान की शुरुआत 10 से 15 राज्यों से होगी, जिनमें वे राज्य भी शामिल होंगे जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे और ये सभी उन राज्यों की सूची में में होंगे, जहां मतदाता सूची को शुद्धीकरण किये जाने का काम सबसे पहले शुरू होगा।

अधिकारियों ने बताया कि आयोग एसआईआर के पहले चरण की घोषणा अगले सप्ताह के मध्य में कर सकता है, जिसमें ”10 से 15 राज्य शामिल होंगे।” उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग उन राज्यों में मतदाता सूची के शुद्धीकरण का काम नहीं करेगा जहां स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या होने वाले हैं, क्योंकि जमीनी स्तर की चुनावी मशीनरी इसमें व्यस्त है और शायद एसआईआर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्यों में एसआईआर बाद के चरणों में आयोजित किया जाएगा। बिहार में मतदाता सूची के शुद्धीकरण का काम पूरा हो गया है, जहां लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। बिहार में दो चरणों में, 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी। आयोग एसआईआर लागू करने की रूपरेखा तय करने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।

कई मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने अपने पिछले एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूचियों को अपनी वेबसाइट पर पहले ही डाल दिया है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची है, जब राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम गहन पुनरीक्षण हुआ था। उत्तराखंड में, अंतिम एसआईआर 2006 में हुआ था और उस वर्ष की मतदाता सूची अब राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर है। राज्यों में अंतिम एसआईआर का उपयोग निर्वाचन आयोग ठीक उसी तरह से करेगा जैसे बिहार की 2003 की मतदाता सूची का उपयोग उसने गहन पुनरीक्षण के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में मतदाता सूची का अंतिम एसआईआर 2002 और 2004 के बीच का है। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य जन्म स्थान की पड़ताल करके विदेशी अवैध प्रवासियों को छांटना है। यह कदम बांग्लादेश और म्यांमा सहित अन्य देशों के अवैध प्रवासियों पर विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने की दो ग्रामीणों की हत्या

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने धारदार हथियार से दो ग्रामीणों की हत्या कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के उसूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नेलाकांकेर गांव निवासी रवि कट्टम (25) और तिरुपति सोढी (38) की नक्सलियों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी है।

उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि नक्सलियों के एक दल ने शुक्रवार रात नेलाकांकेर निवासी कट्टम और सोढी की हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। बीजापुर सहित सात जिलों वाले बस्तर संभाग के अलग-अलग स्थानों पर नक्सली ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले जिले में 14 अक्टूबर को नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, नेकां की ‘कठपुतली’, सभी फैसले ‘अब्दुल्ला परिवार’ में होते हैं: भाजपा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की कठपुतली मात्र है और उसके सभी फैसले अब्दुल्लाओं के घर में लिए जाते हैं। यह बयान कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के उपचुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने के ऐलान के बाद आया है। पत्रकारों से बात करते हुए यहां भाजपा विधायक और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुनील शर्मा ने कहा, कांग्रेस वही करती है जो वे (अब्दुल्ला) चाहते हैं। यहां उसके पदाधिकारी केवल वही करेंगे जो अब्दुल्लाओं के निवास में तय होता है, जिसकी मंजूरी दिल्ली से आती है। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक स्वतंत्र राजनीतिक दल नहीं है और उसका नेकां को समर्थन पूर्ण रूप से अपेक्षित” था।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह से पीडीपी और नेकां ने इस चुनाव को मिलकर लड़ने की घोषणा की है, उससे यह स्पष्ट है कि “ये दोनों परिवार किसी भी आम नागरिक को राजनीति और सत्ता में जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में केवल दो परिवार ही अपनी राजनीति जारी रखना चाहते हैं। वे नहीं चाहेंगे कि उनके परिवारों से बाहर किसी को सत्ता मिले। विपक्ष के नेता ने कहा कि ये परिवार तब एकजुट होते हैं जब उन्हें महसूस होता है कि वे किसी खतरे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वे बहुत चतुर हैं और उन्होंने कल अपनी वह होशियारी दिखा दी। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा चुनाव में किसी के मतदान से दूर रहने से भाजपा को इसका लाभ होगा?

शर्मा ने कहा, “यह आप तय करें, आप विश्लेषण करें कि किसे फायदा होगा। उन्होंने कहा, हम अपना लक्ष्य हर हाल में हासिल करेंगे। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पार्टी ने नेकां का समर्थन करने का फैसला किया है और “चुनौतियों के इस अत्यंत महत्वपूर्ण समय में पार्टी सभी मतभेदों को दरकिनार रखेगी।” कांग्रेस के एक बयान में कहा गया है कि पार्टी ने नेकां के साथ रहने का फैसला “मुख्य रूप से और अनिवार्य रूप से भाजपा के अत्याचार और दमन के एजेंडा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने” के लिए किया है।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में ‘दूषित’ भोजन के सेवन से एक सप्ताह में पांच लोगों की मौत

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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मृत्यु भोज के कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर दूषित भोजन का सेवन करने से एक सप्ताह में पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टी.आर. कुंवर ने बताया कि 21 अक्टूबर को जिले के ओरछा विकासखंड के डूंगा गांव के घोट पारा में कथित तौर पर दूषित भोजन के सेवन से मृत्यु की सूचना मिली थी जिसके बाद जिलाधिकारी प्रतिष्ठा ममगाई के निर्देश पर नारायणपुर और बीजापुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा ओरछा के खंड चिकित्सा अधिकारी के दल ने गांव का दौरा कर लोगों का इलाज किया।

कुंवर ने बताया कि ग्रामीणों से चर्चा करने पर जानकारी मिली कि 14 से 20 अक्टूबर तक गांव में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से जानकारी मिली कि गांव में 14 अक्टूबर को मृत्यु भोज का कार्यक्रम था, जिसमें सभी ग्रामीण शामिल हुए थे। मृत्यु भोज में भोजन करने के बाद लगातार उल्टी-दस्त के कारण एक सप्ताह के भीतर पांच लोगों की मृत्यु हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान बेबी (दो माह), बुधरी (25), बुधराम (24), लख्खे (45) और उर्मिला (25) के रूप में हुई है।

अधिकारी ने बताया कि 21 अक्टूबर को स्वास्थ्य दल ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया था, जिसमें कुल 25 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच एवं परीक्षण किया गया। इनमें से दो मलेरिया, 20 उल्टी-दस्त तथा तीन अन्य बीमारियों से ग्रसित ग्रामीणों का तत्काल उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि 60 वर्षीय एक महिला कुमली बाई को भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुंवर ने बताया कि स्वास्थ्य दल गांव में रुककर ग्रामीणों का उपचार कर रहा है तथा उन्हें गर्म भोजन करने तथा पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।

रायगढ़ में स्टील संयंत्र में ब्लास्ट फर्नेस फटने से कई मजदूर झुलसे

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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तराईमाल स्थित एनआरवीएस स्टील संयंत्र में शुक्रवार को स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) क्षेत्र में ब्लास्ट फर्नेस के अचानक फट जाने से कई मजदूर झुलस गए। इन मजदूरों को तत्काल आसपास के विभन्नि अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। फिलहाल घायलों की सटीक संख्या का पता नही चला है। धमाके के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई मजदूर घबराहट में बाहर की ओर भागने लगे। सूचना मिलते ही पूंजीपथरा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे में एक मजदूर गंभीर रूप से झुलसा है जबकि एक अन्य का पैर टूट गया है। फिलहाल संयंत्र प्रबंधन और पुलिस हादसे के कारणों की जांच में जुटे हुए है।