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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई मुठभेड़ में एक नक्सली की मौत हो गयी थी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों के संयुक्त दल और नक्सलियों के बीच शुक्रवार को इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में मुठभेड़ हुई।

उन्होंने बताया कि इस अभियान में राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ), जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशिष्ट इकाई कोबरा बटालियन के जवान शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी जारी है तथा इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त की जा रही है। सुरक्षाबलों के संयुक्त दल ने बृहस्पतिवार को माओवादियों की केंद्रीय समिति के सदस्य सुधाकर को इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में मार गिराया था।

छत्तीसगढ़ में भी हावी होने लगा कोरोना, कोविड-19 के नौ नए मामले मिले

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के नौ नए मामले सामने आए है। राजधानी रायपुर में गुरुवार को पांच और बिलासपुर में चार मरीजों में कोविड की पुष्टि हुई हैं। नया वैरिएंट आने के बाद से ये एक दिन में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। अब तक प्रदेशभर में 30 कोविड मरीज सक्रिय हैं। जिनमें दो रिकवर हो गए वहीं 28 मामले सक्रिय हैं। इनमें से 27 होम आइसोलेशन में हैं और एक मरीज का इलाज निजी हॉस्पिटल में चल रहा है। सबसे ज्यादा 18 सक्रिय मामले राजधानी रायपुर, इसके बाद बिलासपुर में छह, दुर्ग में तीन और बस्तर में एक है। स्वास्थ्य विभाग कोविड जेएन.1 को लेकर अलर्ट मोड पर है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में माओवादियों का नेता ढेर

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 40 लाख रुपये के इनामी माओवादी नेता नरसिंह चालम उर्फ सुधाकर को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पिछले महीने बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराए जाने के बाद इस कार्रवाई से माओवादियों को एक और बड़ा झटका लगा है। बस्तर क्षेत्र में तैनात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में उस समय गोलीबारी हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल नक्सलियों के वरिष्ठ कैडरों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान पर निकला था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार को शुरू किए गए इस संयुक्त अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस की दोनों इकाइयां, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के जवान शामिल थे। अधिकारी ने बताया कि माओवादी नेता सुधाकर, तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य बंदी प्रकाश, दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (डीकेएसजेडसी) के सदस्य पप्पा राव और कुछ अन्य सशस्त्र कैडरों की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबलों के जवान जंगल में थे तभी अचानक नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने जवाब दिया। जब गोलीबारी बंद हुई तब घटनास्थल से एक माओवादी का शव और एक एके-47 राइफल बरामद की गयी।

अधिकारी ने बताया कि 67 वर्षीय सुधाकर को आनंद, चंति बालकृष्ण, रामाराजू, अरविंद, सोमन्ना के नाम से भी जाना जाता था और वह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के प्रागदावरम गांव का निवासी था। उन्होंने बताया कि माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य सुधाकर, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सर्वोच्च शासी निकाय, क्रांतिकारी राजनीतिक स्कूल और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो (सीआरबी) का भी प्रभारी था। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, “सुधाकर कई हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार था, जिसके परिणामस्वरूप कई निर्दोष आदिवासी नागरिकों की मौत हुई थी और सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। इसके अलावा, माओवादी वैचारिक प्रशिक्षण स्कूल के प्रभारी के रूप में वह हिंसक और राष्ट्र-विरोधी विचारधाराओं के साथ युवाओं को गुमराह करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने में शामिल था।

सुंदरराज ने कहा, “उसकी मौत सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है और माओवादी नेतृत्व के लिए एक बड़ा झटका है। उसके मारे जाने से प्रतिबंधित और गैरकानूनी माओवादी संगठन की पहले से ही कमजोर होती ताकत को काफी बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि अन्य माओवादियों को तलाश करने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभियान समाप्त होने के बाद इस संबंध में अधिक जानकारी साझा की जाएगी। गौरतलब है कि 21 मई को नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी नेता बसवराजू (70) और 26 अन्य नक्सली मारे गए थे। आज की कार्रवाई के साथ ही इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 203 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 186 बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर जिला भी शामिल हैं। पिछले वर्ष जनवरी से अब तक बस्तर संभाग में अलग-अलग मुठभेड़ों में 403 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में माओवादियों के बड़े कैडर की उपस्थिति की सूचना पर सुरक्षाबलों के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबल के जवान जब क्षेत्र में थे तब आज सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा रही है।

छत्तीसगढ़ में हादसा: बिलासपुर के बाजार में आग लगने से 12 से अधिक दुकानें जलकर खाक, कोई हताहत नहीं

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छत्तीसगढ़ में बिलासपुर शहर के एक बाजार में मंगलवार देर रात आग लगने से 12 से अधिक दुकान जलकर खाक हो गईं। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। शहर के ‘सिटी कोतवाली’ थाना प्रभारी विवेक पांडेय ने बताया कि देर रात करीब तीन बजे क्षेत्र के शनिचरी बाजार में दुकानों में आग लग गई। उन्होंने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है। पांडेय ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकल वाहनों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया।

अधिकारी ने बताया कि आग पर काबू पाए जाने से पहले एक गोदाम, कपड़ों की दुकान, खाने-पीने की कुछ दुकानों समेत 12 से 15 व्यापारिक प्रतिष्ठान जलकर खाक हो गए। अधिकारी ने बताया कि आग से हुए नुकसान का सही आकलन अभी नहीं हो पाया है। पांडेय ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आग ‘शॉर्ट सर्किट’ की वजह से लगी लेकिन जांच के बाद ही इस संबंध में सटीक जानकारी मिल सकेगी।

पार्टी को मजबूती मिलने की सूरत में मैं बिहार विधानसभा का चुनाव लडूंगा, छत्तीसगढ़ में बोले चिराग पासवान

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रायपुर। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि अगर उनकी उम्मीदवारी से उनकी पार्टी की स्थिति और मजबूत होती है तब वह निश्चित रूप से आगामी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। वह एक क्षेत्रीय समाचार चैनल के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचने के बाद यहां के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं खुद को लंबे समय तक केंद्र की राजनीति में नहीं देखता हूं। राजनीति में आने का कारण बिहार और बिहारी (बिहार के लोग) हैं। मेरा अपना विजन है- ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट।’ ऐसे में मैं चाहता हूं कि मेरा राज्य बिहार विकसित राज्यों के बराबर खड़ा हो।

उन्होंने कहा कि तीसरी बार सांसद बनने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि दिल्ली में रहकर (बिहार के लिए काम करना) संभव नहीं हो सकता है। पासवान ने कहा कि उन्होंने पार्टी के सामने अपनी यह इच्छा जताई है कि वह जल्द ही बिहार लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ”अगर पार्टी चाहेगी, यानी पार्टी इस बात का मूल्यांकन कर रही है कि क्या मेरे अभी चुनाव लड़ने से उसे फायदा होगा। कई बार ऐसा देखा गया है कि जब राष्ट्रीय स्तर के नेता राज्य का चुनाव लड़ते हैं, तब पार्टी को इसका फायदा मिलता है। भाजपा ने कई बार यह रणनीति आजमाई है, जब उन्होंने अपने सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा और इसका फायदा उठाया।” पासवान ने कहा कि यदि चुनाव मैदान में उतरने के उनके कदम से उनकी पार्टी मजबूत होती है और पार्टी का ‘स्ट्राइक रेट’ (पार्टी द्वारा लड़ी गई सीट के सापेक्ष जीती गई सीटों का प्रतिशत) मजबूत होता है, तो वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में हमारा ‘स्ट्राइक रेट’ सौ प्रतिशत था। मैं चाहूंगा कि विधानसभा में भी मेरा ‘स्ट्राइक रेट’ बेहतर हो। अगर मेरा स्ट्राइक रेट बेहतर होता है और गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर होता है (मेरे विधानसभा चुनाव में उतरने से), तो मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगा।” बिहार चुनाव में उनके गठबंधन से मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए अभी कोई ‘वैकेंसी’ (रिक्ति) नहीं है। चुनाव परिणाम के बाद मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही पद संभालेंगे।

छत्तीसगढ़ केसुकमा जिले में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, केरलापेंदा गांव हुआ माओवाद मुक्त

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को कुल 25 लाख रुपए के इनामी 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से नौ नक्सली चिंतलनार पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत केरलापेंदा ग्राम पंचायत के हैं। इस आत्मसमर्पण के साथ ही यह गांव नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। राज्य सरकार की नई योजना के अनुसार नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत को विकास परियोजनाओं के लिए एक करोड़ रुपया प्रदान किया जाएगा। सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि एक महिला समेत सभी 16 नक्सलियों ने माओवादियों की अमानवीय विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों पर नक्सलियों के अत्याचारों से तंग आकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

चव्हाण ने बताया कि नक्सली राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं। इस योजना का उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाना है। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादियों की केंद्रीय क्षेत्रीय समिति (सीआरसी) कंपनी नंबर दो की सदस्य रीता उर्फ डोडी सुक्की (36) और माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर एक के एक पार्टी सदस्य राहुल पुनेम (18) के सर पर आठ—आठ लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा लेकम लखमा (28) पर तीन लाख रुपये तथा तीन अन्य नक्सलियों के सर पर दो—दो लाख रुपए इनाम था। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से नौ केरलापेंदा ग्राम पंचायत के हैं। उनके आत्मसमर्पण के बाद, यह ग्राम पंचायत नक्सल मुक्त हो गयी है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की एलवद पंचायत योजना के अनुसार, गांव को विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ की नई नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित सहायता एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत राज्य सरकार ने ‘एलवद पंचायत योजना’ शुरू की है, जिसमें उन ग्राम पंचायतों के लिए एक करोड़ रुपये के विकास कार्य स्वीकृत करने का प्रावधान है, जो अपने क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में मदद करेंगे तथा खुद को माओवाद मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करेंगे। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में प्रोत्साहन योजना शुरू किए जाने के बाद जिले में यह दूसरी ऐसी ग्राम पंचायत है, जो इस समस्या से मुक्त हुई है। इस वर्ष अप्रैल माह में बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया गया था, जब वहां के सभी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई है तथा सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। पिछले वर्ष बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। बस्तर में सुकमा सहित सात जिले शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: उच्चतम न्यायालय से राहत के बाद तीन नौकरशाहों समेत छह आरोपी जेल से रिहा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो निलंबित अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ रहीं अधिकारी समेत छह लोग शनिवार को जेल से रिहा हो गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने संवाददाताओं को बताया कि आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू, पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में तैनात रहीं सौम्या चौरसिया तथा तीन अन्य को जमानत मिलने के बाद आज रायपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। रिजवी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कुल आठ लोगों को अंतरिम जमानत दी है।

उनमें से अब तक छह लोगों को रिहा कर दिया गया है, जबकि दो अन्य सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को उनके खिलाफ लंबित अन्य मामलों के कारण रिहा नहीं किया गया है। वर्ष 2022 से कथित कोयला वसूली घोटाले में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अक्टूबर 2022 में विश्नोई को तथा उसी वर्ष दिसंबर में चौरसिया को गिरफ्तार किया था। ईडी ने साहू को जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया था। रिजवी ने कहा कि तीनों अधिकारियों को कथित कोयला शुल्क घोटाले से संबंधित दो मामलों में अंतरिम जमानत दी गई है। बृहस्पतिवार (29 मई) को उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने अंतरिम जमानत देते हुए आरोपियों पर कई शर्तें लगाईं और राज्य सरकार से गवाहों में भरोसा पैदा करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। इसने कहा कि आरोपी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे, सिवाय इसके कि वे आवश्यकता पड़ने पर जांच एजेंसी या निचली अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

पीठ ने उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया, ”उन्हें (आरोपियों को) रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर उस थाने को अपने निवास का पता देने का निर्देश दिया जाता है, जिसके क्षेत्राधिकार में वह छत्तीसगढ़ के बाहर रह रहे हैं।” जांच एजेंसियों के अनुसार, वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों (पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान) से जुड़े एक गिरोह द्वारा राज्य में परिवहन किए जाने वाले प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की जा रही थी। एजेंसियों के अनुसार सूर्यकांत तिवारी जैसे निजी व्यक्तियों और सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई जैसे राज्य सरकार के पदाधिकारियों, राज्य खनन अधिकारियों के एक गिरोह ने कुछ राजनीतिक लोगों के समर्थन से कथित तौर पर खनिज परिवहन में जानबूझकर नीतिगत बदलाव किए। उन्होंने कहा कि डायरियों के अनुसार, जुलाई 2020 और जून 2022 के बीच कोयला कार्टेल द्वारा 540 करोड़ रुपये उगाहे गए।

श्रीकांत त्यागी को कोर्ट से मिली राहत तो कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

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नई दिल्ली/नोएडा। राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगु वंशी श्रीकान्त त्यागी पर गत वर्ष नोएडा पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत की गई कार्यवाही को उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक और तथ्यहीन मानते हुए निरस्त कर दिया है। न्यायालय के इस निर्णय से उनके समर्थक बहुत उत्साह में हैं। कहा जा रहा है कि इस निर्णय से न केवल श्री त्यागी के मान-सम्मान की पुनर्स्थापना हुई है, बल्कि उन सभी विरोधियों को भी करारा जवाब मिल गया है जो इस कार्यवाही के पीछे राजनीतिक उद्देश्य साधने की मंशा रखते थे। श्रीकांत त्यागी की पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अपने समाज में गहरी पैठ है। वे अपनी पार्टी को विस्तार देने के लिए लगातार त्यागी, ब्राह्मण और भूमिहार समाज को लामबंद कर रहे हैं। देश के कई इलाक़ों में उनकी लगातार रैलियां और सम्मेलन हो रहे हैं।

गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई निरस्त होने के निर्णय के पश्चात पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया और श्रीकांत त्यागी को देश भर से शुभकामना संदेश मिल रहे हैं । पार्टी नेतृत्व ने इस निर्णय को “सत्य की जीत” बताया है। श्रीकांत त्यागी का कहना है कि यह निर्विवाद है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल का जनाधार दिन-प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से लेकर देश के विभिन्न राज्यों तक पार्टी को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। बड़ी संख्या में युवा, किसान, व्यापारी और महिलाएँ पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर इससे जुड़ रहे हैं।पार्टी के बढ़ते वर्चस्व और लोकप्रियता को देखते हुए अब देश की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियाँ भी राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के साथ गठबंधन की संभावनाएँ तलाशती नज़र आ रही हैं। इसके मूल में रानद सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी का वह जनाधार है, जो उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी गहराई से स्थापित हो चुका है। उनकी स्पष्टवादिता, जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और राष्ट्रवादी विचारधारा ने उन्हें बड़ा नेता बना दिया है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल देश की राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता रखता है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में हाथी के हमले में ग्रामीण की मौत

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली हाथी के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले के कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत पसान वन क्षेत्र के बनिया गांव में जंगली हाथी के हमले में कोरबा के मुरली गांव के निवासी तीजराम धोबी (38) की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि मुरली गांव का रहने वाला तीजराम ईंट भट्ठा में काम करने के लिए अपने ससुराल बनिया गांव में रहता था।

बृहस्पतिवार की शाम लगभग आठ बजे जब वह बनिया गांव के करीब ठीहाईपारा से काम करने के बाद अन्य लोगों के साथ वापस लौट रहा था तभी उनका सामना दो जंगली हाथियों से हो गया। अधिकारियों ने बताया कि हाथियों को सामने देखकर वहां मौजूद अन्य लोग वहां से भाग गए लेकिन तीजराम भाग नहीं सका और एक हाथी ने उसे कुचलकर मार डाला। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के दल को घटनास्थल के लिए भेजा गया और शव बरामद किया गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मृतक की पत्नी को 25 हजार रुपए तत्काल सहायता राशि दी गई है शेष 5.75 लाख रुपये सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद दिए जाएंगे।