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छत्तीसगढ़ में मारे गए 27 नक्सलियों में शीर्ष माओवादी नेता बसवराजू भी शामिल: अमित शाह

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नक्सल आंदोलन के शीर्ष नेता और रीढ़, भाकपा-माओवादी का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू बुधवार को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 27 खूंखार नक्सलियों में शामिल था। शाह ने यह भी कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि महासचिव स्तर के किसी नेता को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। गृह मंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, “ नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। आज, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक अभियान में, हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को ढेर कर दिया है, जिनमें भाकपा-माओवादी का महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल है।

इस बड़ी सफलता के लिए बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 अन्य ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा, ”मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है।” अधिकारियों ने बताया कि बसवराजू की उम्र करीब 70 साल थी। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों के त्रि-जंक्शन पर अभुजमाड़ के घने जंगलों में हुई। अभियान में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के डीआरजी कर्मी शामिल थे और यह दो दिन पहले शुरू किया गया था। माओवादियों की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ-साथ माड़ डिवीजन के वरिष्ठ कैडर और पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) के सदस्यों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया।

छत्तीसगढ़ में 27 माओवादियों को ढेर करने पर बोले प्रधानमंत्री मोदी- हमें अपनी सेना पर गर्व

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ में 27 माओवादियों को मार गिराने वाले सुरक्षा बलों पर गर्व है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “इस उल्लेखनीय सफलता के लिए हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है। हमारी सरकार माओवाद की बुराई को समाप्त करने तथा अपने लोगों के लिए शांतिपूर्ण एवं प्रगतिशील जीवन सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नक्सल आंदोलन के शीर्ष नेता और रीढ़, भाकपा-माओवादी का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू बुधवार को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 27 खूंखार नक्सलियों में शामिल था। शाह ने यह भी कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि महासचिव स्तर के किसी नेता को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। अधिकारियों ने बताया कि बसवराजू की उम्र करीब 70 साल थी। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों के त्रि-जंक्शन पर अभुजमाड़ के घने जंगलों में हुई।

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 27 नक्सली ढेर

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नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में सुरक्षाबल का एक जवान शहीद हो गया तथा कुछ अन्य जवान घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित अबूझमाड़ के इलाके में नक्सलियों की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य तथा माड़ डिवीजन और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के बड़े कैडर की मौजूदगी की सूचना पर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों के जवान आज जब क्षेत्र में थे तब नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। बाद में सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब तक इस अभियान के दौरान 27 नक्सलियों के शव और अनेक हथियार बरामद किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान एक डीआरजी जवान शहीद हो गया तथा कुछ अन्य जवानों को चोटें पहुंची है। सभी घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। घायल हुए सभी जवान खतरे से बाहर हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कई दिनों से जारी इस अभियान के दौरान कई वरिष्ठ स्तर के माओवादी कैडर के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने का अनुमान है। अधिकारियों ने बताया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और अनेक चुनौतियों के बावजूद, सुरक्षाबल के जवान वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ इस निर्णायक अभियान को पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। क्षेत्र में अभियान लगातार जारी है। सूत्रों ने बताया कि इस नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव बसवराजू (70) को मार गिराया है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने बसवराजू के मारे जाने की पुष्टि नहीं की है। माओवादियों ने नवंबर 2018 में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि माओवादियों की केंद्रीय समिति ने बसवराजू को नया महासचिव चुना था। बसवराजू ने गणपति का स्थान लिया था। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया था कि सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में शीर्ष स्तर के कई नक्सलियों को मार गिराया है।

नक्सलियों से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा था, ”केंद्र और राज्य की सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो बार बस्तर के प्रवास पर कहा कि ‘मैं निवेदन करता हूं कि नक्सली मुख्यधारा में जुड़े।’ मुख्यमंत्री ने भी यही कहा है। मेरा कहना है कि उचित लोग बातचीत करें, चर्चा करें। हथियार से समस्या का हल नहीं होता है, नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए।” छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन के बाद से नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक केंद्र ने मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से मुक्त करने का संकल्प लिया है। सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस महीने की 14 तारीख को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि सुरक्षाबलों ने बस्तर क्षेत्र के बीजापुर और पड़ोसी राज्य तेलंगाना की सीमा पर स्थित करेगुट्टालू की पहाड़ी में 21 दिन तक चले सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था तथा बड़ी संख्या में हथियार और विस्फोटक बरामद किया था। आज की कार्रवाई के साथ ही इस वर्ष अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 200 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 183 बस्तर संभाग में मारे गए हैं। बस्तर संभाग में बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव समेत सात जिले शामिल हैं।

शिक्षकों की न्यूनतम संख्या में कटौती के नए नियम का कांग्रेस ने किया विरोध

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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य में नये सेटअप के तहत शिक्षकों की न्यूनतम संख्या में कटौती और युक्तियुक्तकरण के नए नियम का विरोध किया है। बैज ने कहा कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है, जिससे छत्तीसगढ़ के लगभग 5000 स्कूल बंद हो जाएंगे, साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षकों के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?

मिडिल स्कूल में तीन क्लास और छह सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी बैज ने कहा कि स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलो में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है। अधिनायकवादी भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की, न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी बना नहीं पाए, समयमान वेतनमान का विवाद अब तक लंबित है ऐसे में युक्तिकरण के नाम पर शिक्षकों को डरा कर वसूली करना चाहती है यह सरकार। बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके, इसीलिए निजी शिक्षण संस्थानों को लाभ पहुंचाने, सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का षड्यंत्र रचा गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 5484 स्कूल ऐसे हैं जो केवल एक शिक्षक के भरोसे हैं, 297 स्कूल पूरी तरह से शिक्षक विहीन है, पिछले सवा साल से भाजपा की सरकार है, इस दौरान एक भी पद नियमित शिक्षा की नियुक्ति नहीं की गयी।

विधानसभा में 33000 शिक्षक के पदों पर भर्ती की घोषणा करके वह प्रक्रिया भी दुर्भावना पूर्वक रोक दी गई, अब युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद करके शिक्षकों के पद को खत्म करने का अव्यवहारिक फैसला थोपा जा रहा है। सरकार पहले शिक्षकों को प्रमोशन दे, उनके लिये ट्रांसफर पॉलिसी तय करे उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण का फैसला ले। नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती का आदेश तत्काल वापस ले सरकार।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी दंपति गिरफ्तार

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में बांग्लादेशी महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों को 2020 में भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी/रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने तथा उन्हें वापस भेजने के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार 16 मई को जानकारी मिली कि सुपेला थाना क्षेत्र के एक मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला और उसका पति अपनी मूल पहचान छिपाते हुए ज्योति और रासेल शेख के नाम से रह रहे हैं।

उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के बाद जब पुलिस दल ने बांग्लादेशी दंपति से पूछताछ की तब उन्होंने अपना नाम ज्योति और रासेल शेख बताया। आरोपियों ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के उत्तर-24 परगना जिले के निवासी हैं। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दंपति ने जानकारी दी कि वह 2009 से 2017 तक नवी मुंबई ठाणे में रहते थे तथा 2017 से वह दुर्ग जिले के भिलाई में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि दंपति ने जब अपना आधार कार्ड दिखाया तब वह संदेहास्पद लगा। जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तब महिला ने अपना नाम शाहिदा खातून (35) और उसके पति ने अपना नाम मोहम्मद रासेल शेख (36) बताया। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों ने जानकारी दी कि वह बांग्लादेश के जेस्सोर जिले के निवासी हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान जानकारी मिली कि बांग्लादेशी महिला शाहिदा खातून ने 2009 में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बोंगा बॉर्डर से अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया तथा वहां से हावड़ा होते हुए वह मुंबई पहुंच गई। मुंबई में वह मजदूरी करने लगी। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में उसका परिचय बांग्लादेश के निवासी मोहम्मद रासेल से हुआ और दोनों मुंबई से वापस बांग्लादेश चले गए। वहां शाहिदा खातून ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया और रासेल से शादी कर ली। उन्होंने बताया कि शादी के बाद दोनों ने 2017 में पासपोर्ट और भारतीय वीजा पर भारत में प्रवेश किया। महिला ज्योति रासेल शेख की वीजा अवधि 13 सितंबर 2018 में तथा रासेल शेख की वीजा अवधि 12 अप्रैल 2020 में समाप्त हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने ठाणे में रहते हुए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जन्मतिथि और अपने वास्तविक नाम को छिपाते हुए ज्योति रासेल शेख और रासेल शेख के नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर लिया। बाद में वह भिलाई में आकर रहने लगे। उन्होंने बताया कि 2020 में बगैर कानूनी दस्तावेज के भारत में रहते हुए पाए जाने के बाद पुलिस ने महिला और उसके पति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने बताया कि यह मामला अदालत में चल रहा है इसलिए दोनों को वापस बांग्लादेश नहीं भेजा गया था। पुलिस ने बताया कि 2018 में रासेल शेख के खिलाफ जिले के छावनी थाना क्षेत्र में लूट का मामला भी दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भिलाई में फर्जी पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र बनवाया और विभिन्न बैंकों में खाता भी खुलवाया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से भारत में निवास करने तथा बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के आरोप में विदेशी विषयक अधिनियम 1946, पासपोर्ट अधिनियम 1967, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि 14 मई को दुर्ग जिले की पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में बांग्लादेशी महिला अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष को गिरफ्तार किया था।

छत्तीसगढ़ में बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए रियायती लीज दर पर दी जाएगी जमीन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बायो-सीएनजी संयंत्रों के निर्माण के लिए सार्वजनिक उपक्रमों, तेल और गैस विपणन कंपनियों को रियायती लीज दर पर जमीन दी जाएगी तथा इस संबंध में राज्य शासन ने कलेक्टरों को पत्र जारी किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए नगरीय निकायों में बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित किया जाएगा। संयंत्रों की भूमि के आबंटन के लिए राज्य शासन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी परिपत्र में इस वर्ष 17 अप्रैल को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय का उल्लेख किया गया है।

परिपत्र में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के परिपालन में राज्य के सभी नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट-सह-कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए रियायती लीज दरों पर शासकीय भूमि का आबंटन किया जाना है। परिपत्र में लिखा है कि बायो-सीएनजी संयंत्रों की स्थापना की आवश्यक कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और संबंधित नगरीय निकाय को अधिकृत किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को अधिकतम दस एकड़ शासकीय भूमि का आबंटन रियायती लीज दर एक रुपए प्रति वर्ग मीटर के मान से करने के लिए कलेक्टरों को निर्देशित किया है। अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को अधिकतम 25 वर्षों की लीज पर भूमि आवंटित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना से नक्सल प्रभावित 17 वनग्रामों में पहुंची बिजली

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना से राज्य के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित घने वनों के बीच बसे मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है। उन्होंने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये की लागत से कातुलझोरा, कट्टापार, बोदरा, बुकमरका, संबलपुर, गट्टेगहन, पुगदा, आमाकोड़ो, पीटेमेटा, टाटेकसा, कुंदलकाल, रायमनहोरा, नैनगुड़ा, मेटातोडके, कोहकाटोला, एडसमेटा और कुंजकन्हार जैसे अत्यंत दुर्गम गांवों में बिजली पहुंचाने का सपना साकार हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था। दुर्गम पहाड़ियों, सघन वनों और नक्सली खतरे के बीच कार्य को अंजाम देना किसी मिशन से कम नहीं था। उन्होंने बताया कि जब गांवों में पहली बार ट्रांसफार्मर लगा तब ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की। कुछ गांवों में बच्चों ने नृत्य किया और ग्रामीणों ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशी जताई। अधिकारियों ने बताया कि इन वनग्रामों के 540 परिवार अब तक सौर ऊर्जा और लालटेन पर निर्भर थे। कई गांवों में सौर प्लेट या तो चोरी हो गए थे या खराब हो चुके थे, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि अब 275 परिवारों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है तथा अन्य परिवारों के घरों में बिजली कनेक्शन लगाया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि टाटेकसा गांव में स्थापित 25 केवीए ट्रांसफार्मर को चार्ज कर शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में 45 किमी लंबी 11 केवी लाइन, 87 निम्नदाब पोल और 17 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। कार्यपालक निदेशक सेलट ने बताया कि इन दुर्गम गांवों तक 11 केवी लाइन बिछाने के लिए वन विभाग से एनओसी प्राप्त करने से लेकर उपकरणों की ढुलाई का काम चुनौतीपूर्ण था। उनके अनुसार, समर्पित तकनीकी टीम के प्रयासों से यह कार्य संभव हो सका।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में बारातियों से भरी बस खाई में गिरी, तीन की मौत 53 अन्य घायल

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बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बारातियों से भरी बस के गहरी खाई में गिरने से एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 53 अन्य घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले में चांदो थाना क्षेत्र के कंठी घाट में आज दोपहर एक बाराती बस गहरी खाई में गिर गई जिससे उसमें सवार तीन लोगों– ममेश बड़ा (13), महिला महंती कुजूर (30) और बनेशरा तिर्की (18) की मौत हो गई तथा 53 अन्य बाराती घायल हो गए। अधिकारियों के मुताबिक पुलिस को जानकारी मिली है कि बस शंकरगढ़ से बारातियों को लेकर झारखंड जा रही थी।

बस में लगभग 70 बाराती सवार थे। बस जब दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे कंठी घाट के करीब पहुंची तब अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। अधिकारियों ने बताया कि वहां से गुजर रहे मुसाफिरों ने इस हादसे की जानकारी पुलिस को दी तब तत्काल घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया तथा राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है तथा 53 लोग घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हादसे में घायल 46 लोगों का इलाज जिला चिकित्सालय बलरामपुर में किया जा रहा है। गंभीर रूप घायल सात लोगों को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद बलरामपुर के जिलाधिकारी राजेंद्र कटारा जिला चिकित्सालय पहुंच गए तथा घायलों से मुलाकात कर उनके इलाज की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

छत्तीसगढ़ में कोरबा के सरकारी अस्पताल में आग, कोई हताहत नहीं

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूसरी मंजिल पर बृहस्पतिवार सुबह आग लग गई। इस घटना में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रानी धनराज कुंवर अस्पताल की ऊपरी मंजिल में आज सुबह आग लग गई। उन्होंने आशंका जताई कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉक्टर दीपक राज ने बताया कि आज सुबह रानी धनराज कुंवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूसरी मंजिल से धुआं निकलता देखा गया, जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारी हरकत में आए और दमकल विभाग को सूचना दी।

डॉक्टर राज ने बताया कि अस्पताल में अग्निशमन यंत्रों और पानी से आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाला गया तथा आग बुझने के बाद उन्हें भीतर ले जाया गया। अधिकारी ने बताया कि घटना में किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण दूसरी मंजिल के स्टोर रूम में रखे उपकरणों में आग लगी। उन्होंने बताया कि आग में कुछ उपकरण और रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए हैं। आग लगने का सही कारण और उससे होने वाले नुकसान के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है।

छत्तीसगढ़ के शासकीय विद्यालयों में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ का संचालन करने का फैसला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय विद्यालयों में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ का संचालन करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां ‘मंत्रालय’ में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय विद्यालयों में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ का संचालन करने का फैसला किया है।

अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक (पैरेंट-टीचर) सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। कमजोर शालाओं (स्कूल) की नियमित निगरानी विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में अर्थाभाव से जूझ रहे राज्य के कलाकारों और साहित्यकारों को राहत देने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि विधानसभा के बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। उनके मुताबिक, इसके लिए संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन कर दिया है। इससे उन कलाकारों और साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्षरत हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह योजना वर्ष 1986 में शुरू की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये निर्धारित थी।

बाद में वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये और फिर 2012 में 2000 रुपये किया गया था, लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। वर्तमान में राज्य में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रत्येक कलाकार को सालाना 24 हजार रुपये पेंशन की राशि मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रुपये हो जाएगी। इससे राज्य पर 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने तथा भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उन्होंने बताया कि इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता तथा पारदर्शिता आएगी, इससे औद्योगिक निवेशकों को भूमि आबंटन प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने और लाभ उठाने में सुविधा होगी।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। इससे राज्य की औद्योगिक नीति और अधिक रोजगारपरक, व्यापक और उद्यमों के लिए लाभकारी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग तक को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की तरफ से अनुदान मिलेगा। उनके मुताबिक, अब ‘हाइड्रोपोनिक’ और ‘ऐयरोपोनिक’ जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को नई तकनीक, जैसे ‘ऑटोमेशन’ और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ का फायदा मिलेगा। इसके तहत राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और करियर के अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा तथा ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किया जाएगा।

उनके अनुसार, राज्य के बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है, जिससे इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि वहीं वस्त्र क्षेत्र में निवेश करने पर अब 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन मिलेगा जिससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई ‘लॉजिस्टिक’ नीति लाई जाएगी जिससे व्यापारियों को फायदा होगा तथा बाजारों तक पहुंच आसान होगी। उनके मुताबिक, दिव्यांगजनों की परिभाषा को नया रूप दिया गया है जिससे उन्हें ज्यादा योजनाओं का लाभ मिल सके।