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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली ढेर, तीन जवानों की भी मृत्यु

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराया तथा इस घटना में तीन जवानों की भी मृत्यु हो गयी। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीजापुर–दंतेवाड़ा जिले की सीमा से लगे पश्चिम बस्तर डिवीजन इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए तथा तीन जवानों की भी मृत्यु हो गई एवं दो जवान घायल हो गये। जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि बीजापुर–दंतेवाड़ा जिले की सीमा से लगे पश्चिम बस्तर डिवीजन इलाके में आज सुबह नौ बजे जिला रिजर्व गार्ड दंतेवाड़ा–बीजापुर, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन को गश्त पर रवाना किया गया था। यादव ने बताया कि अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगातार रुक-रुक कर गोलीबारी चलती रही तथा क्षेत्र में सुरक्षाबलों की निर्णायक एवं आक्रामक कार्रवाई जारी है।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से अब तक 12 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं तथा एसएलआर राइफलें, .303 राइफलें तथा अन्य हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। सुंदरराज ने बताया कि इस मुठभेड़ में डीआरजी बीजापुर के तीन जवान प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी की भी मृत्यु हो गयी जबकि डीआरजी के दो अन्य जवान घायल हो गये। उन्होंने कहा कि घायल जवानों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर दिया गया है। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि क्षेत्र में लगातार खोज अभियान जारी है तथा अतिरिक्त बलों को रवाना किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई के साथ इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 275 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 246 बीजापुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में मारे गए। वहीं 27 नक्सली रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत गरियाबंद जिले में मारे गए। राज्य के दुर्ग क्षेत्र के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो नक्सली मारे गए ।

छत्तीसगढ़ में एसईसीएल की कोयला खदान के विस्तार को लेकर ग्रामीणों की पुलिसकर्मियों से झड़प, कई लोग घायल

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बुधवार को एक कोयला खदान के विस्तार का विरोध कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि झड़प में कुछ ग्रामीणों को भी चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि जिले के लखनपुर थानाक्षेत्र के परसोड़ी कला गांव के ग्रामीण कोल इंडिया की ‘साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ (एसईसीएल) के अमेरा एक्सटेंशन कोयला परियोजना का विरोध कर रहे हैं। खदान के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य 2016 में पूरा हो गया था। सरगुजा जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी सुनील नायक ने बताया कि विरोध के बारे में जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी विरोध स्थल के लिए रवाना हुए थे।

उन्होंने बताया कि 2016 में परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य किया गया था और कुछ ग्रामीणों को जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा दिया गया था लेकिन कई लोगों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया और खनन के काम में रुकावट डालने की कोशिश की। नायक ने बताया कि अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और उनसे कहा कि जमीन अधिग्रहण का काम पहले ही पूरा हो चुका है और एसईसीएल को अपने अधिकृत काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए। अधिकारी ने बताया, “अगर वे (ग्रामीण) अपनी चिंताएं बताना चाहते हैं, तो कानूनी रास्ते मौजूद हैं।” उन्होंने बताया कि विरोध के दौरान कुछ ग्रामीण हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। अधिकारी ने बताया कि इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

नायक ने बताया कि गंभीर रूप से घायल लोगों को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से बात की जा रही है और उनसे खनन कार्य में रुकावट नहीं डालने व अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की गई है। घटना से जुड़े प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारी अमेरा कोयला खदान के अंदर घुसते और पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए दिख रहे हैं, जिसके बाद सुरक्षाबल के जवानों को लाठीचार्ज करना पड़ा। नायक ने बताया कि खनन क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण बने रहने के कारण अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। वहीं परसोड़ी कला गांव की एक प्रदर्शनकारी लीलावती ने बताया कि वह परियोजना के लिए अपनी जमीन नहीं देंगी। उन्होंने कहा, “हमें अपने गांव की मिट्टी से प्यार है और हम इसे छोड़ना नहीं चाहते। एसईसीएल कोयला ले लेगा लेकिन हमारा क्या होगा? हमारे पुरखे इसी जमीन पर रहते थे और इसी से अपना गुजारा करते थे। अब हमारी बारी है। क्या मेरे बेटे और पोते को भीख मांगने के लिए छोड़ दिया जाए? हमारी पूरी जमीन खदान के लिए ली जा रही है। हम इसे न तो कंपनी को देंगे और न ही प्रशासन को।

मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ के साथ मारपीट, खम्हारडीह थाने में दर्ज हुई गंभीर शिकायत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधारी रायपुर में बीते दिन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट का मामला गंभीर रूप ले चुका है। खम्हारडीह थाना क्षेत्र में पदस्थ बीएलओ वंदना सोनी (54) ने पूरी घटना की सोमवार को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि शासकीय कार्य के दौरान एक महिला द्वारा उन पर और उनकी टीम पर हमला किया गया। शक्ति नगर उपरपारा निवासी वंदना सोनी, जो विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 50 में बीएलओ के रूप में नियुक्त हैं, मतदाता सूची सुधार के लिए इलाके में भ्रमण कर रही थीं। इसी दौरान वे अपनी टीम-मितानिन ईश्वरी तिवारी और आंगनबाड़ी सहायिका रामेश्वरी देवांगन के साथ एसआईआर कार्य कर रही थीं, तभी एक महिला मौके पर पहुंची और बिना किसी कारण शासकीय कामकाज में बाधा डालते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी।

शिकायत के अनुसार, उक्त महिला ने न केवल बीएलओ से दुर्व्यवहार किया, बल्कि उनके सहयोगियों, पति और बेटे के साथ धक्का-मुक्की एवं मारपीट भी की। विवाद बढ़ने पर आरोपी महिला ने पास में रखी रेत उठाकर फेंकी और वंदना के बेटे को भी निशाना बनाया। भीड़ एकत्र होने पर आस-पड़ोस के लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है, जिसमें बीएलओ के साथ अभद्रता के दृश्य स्पष्ट दिखाई देते हैं। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। खम्हारडीह पुलिस ने बीएलओ की शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि शिकायत के तथ्यों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

छत्तीसगढ़ के 36 लाख उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, प्रदेश में लागू हुई नई हॉफ बिजली योजना

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छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों को बिजली बिल में राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने सोमवार से नई हाफ बिजली बिल योजना को प्रभावी कर दिया है। इस बदलाव के साथ अब घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक आधा बिजली बिल देने की सुविधा मिलेगी। सरकार का दावा है कि इस निर्णय से राज्य के 36 लाख से अधिक परिवारों को सीधे आर्थिक लाभ मिलेगा। नई व्यवस्था के तहत 200 यूनिट तक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं का बिल आधा किया जाएगा। वहीं 200 से 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले लगभग 6 लाख उपभोक्ताओं को भी अगले एक वर्ष तक 200 यूनिट तक हाफ बिल का लाभ मिलेगा।

सरकार का कहना है कि इस एक साल की अवधि को उपभोक्ताओं के लिए ‘ट्रांजिशन पीरियड’ के रूप में रखा गया है, ताकि वे पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत अपने घरों में सोलर प्लांट स्थापित कर सकें। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा के विशेष सत्र में इस योजना की औपचारिक घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक संरचना को ध्यान में रखते हुए बिजली दरों में यह राहत उपभोक्ताओं के मासिक खर्च को कम करने में मदद करेगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य में बिजली बिल नीति में यह बड़ा बदलाव चार महीने बाद किया गया है। एक अगस्त 2025 को पूर्व सरकार की 400 यूनिट सीमा को घटाकर 100 यूनिट कर दिया गया था, जिससे बड़ी संख्या में उपभोक्ता लाभ से वंचित हो गए थे। नई व्यवस्था लागू होने के बाद एक बार फिर लाखों परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण; 27 पर था 65 लाख रुपये का इनाम

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रविवार को 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 27 पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने यह जानकारी दी। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव राय ने बताया कि 12 महिलाओं समेत इन नक्सलियों ने “पूना मारगेम” (पुनर्वास से सामाजिक एकीकरण तक) पहल के तहत पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि बस्तर रेंज के पुलिस द्वारा शुरू की गई यह पहल बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए एक परिवर्तनकारी अभियान के रूप में उभर रही है।

आत्मसमर्पण करने वालों में कुमाली उर्फ अनीता मंडावी, गीता उर्फ लक्ष्मी मड़कम, रंजन उर्फ सोमा मंडावी और भीमा उर्फ जहाज कलमू शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि इन सभी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50,000 रुपये की तत्काल सहायता के साथ-साथ कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण, कृषि भूमि समेत अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीतियों से प्रेरित होकर दंतेवाड़ा जिले में पिछले 20 महीनों में 508 से अधिक माओवादी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जिनमें से 165 पर इनाम घोषित है।

राय ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं से लेकर अपने आधार क्षेत्रों में सक्रिय कार्यकर्ताओं तक, बड़ी संख्या में माओवादी प्रतिबंधित संगठन को छोड़ चुके हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले 23 महीनों में छत्तीसगढ़ में 2,200 से ज़्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें शीर्ष नक्सली भी शामिल हैं। केंद्र ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।

निर्वाचन आयोग अहंकार त्यागे, 2003 की तरह एसआईआर के लिए पर्याप्त समय दे: कांग्रेस

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कांग्रेस ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की समयसीमा को आगे बढ़ाए जाने से स्पष्ट हो गया है कि कम समय से इसे पूरा करना अव्यवहारिक है। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि इसमें इसके लिए एक-डेढ़ साल का समय सुनिश्चित होना चाहिए जैसे वर्ष 2003 में हुआ था। उनका कहना था कि आयोग को अहंकार त्यागना चाहिए और 2003 के कार्यक्रम के अनुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद तिवारी ने कहा, ”संवाददाताओं से कहा, “विपक्षी दलों को लगता है कि अगर एसआईआर पर कोई चर्चा नहीं होती है, तो इसका मतलब है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद चले।

उन्होंने समयसीमा बढ़ाए जाने से स्पष्ट है कि इतने कम समय इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना अव्यवहारिक बात है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में चर्चा में भाग नहीं लेकर अपने उत्तरदायित्व को नहीं निभा रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने रविवार को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के कार्यक्रम को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया। मसौदा मतदाता सूची अब नौ दिसंबर के स्थान पर 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जबकि अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी के स्थान पर 14 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा 27 अक्टूबर को की थी।

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में संगठनात्मक किया बदलाव, 41 जिला कमेटियों में अध्यक्षों नियुक्त

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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने छत्तीसगढ़ में पार्टी के संगठनात्मक बदलाव के तहत 41 जिला कांग्रेस कमेटियों में अध्यक्षों की नियुक्ति की है। पार्टी के पदाधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद के अनुसार यह नियुक्ति ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत बड़े संगठनात्मक बदलाव का हिस्सा हैं, जिसका मकसद राज्य में पार्टी के शहरी और जमीनी ढांचे को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि नियुक्तियों की सूची, जिसमें पांच महिला नेता भी शामिल हैं, शुक्रवार देर शाम जारी की गई।

कांग्रेस पार्टी की यह सूची कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राज्य प्रभारी सचिन पायलट के छत्तीसगढ़ के दो दिन के दौरे के खत्म होने के एक दिन बाद आई है। पायलट ने कहा था कि नई नियुक्तियों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी। एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा है, ”कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने छत्तीसगढ़ की ज़िला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत किए गए हैं।” उन्होंने बयान में कहा है कि इस पहल के तहत, हर जिले में नियुक्त एआईसीसी पर्यवेक्षक ने विस्तृत मूल्यांकन किया तथा पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं से बातचीत की।

बाद में उन्होंने रिपोर्ट जमा की। बयान के मुताबिक इन रिपोर्ट को जमा करने के बाद, नियुक्ति से पहले प्रत्येक पर्यवेक्षक के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की गई। एआईसीसी द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार श्रीकुमार शंकर मेनन को रायपुर शहर का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि राजेंद्र पप्पू बंजारे रायपुर ग्रामीण के अध्यक्ष होंगे। वहीं बिलासपुर में सिद्धांशु मिश्रा शहर के और महेंद्र गंगोत्री बिलासपुर ग्रामीण के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। सूची के अनुसार सुकमा में पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रेस के विधायक कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

सूची में महासमुंद जिले के लिए विधायक द्वारिकाधीश यादव, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) के लिए अशोक श्रीवास्तव और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के लिए सुरजीत सिंह ठाकुर को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं रायगढ़ शहर के लिए शाखा यादव को और सूरजपुर जिले में शशि सिंह कोर्राम को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सूची के अनुसार बलरामपुर में हरिहर प्रसाद यादव और बस्तर ग्रामीण के लिए प्रेम शंकर शुक्ला को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सूची में दंतेवाड़ा में सलीम राजा उस्मानी, धमतरी में तारिणी चंद्राकर को, दुर्ग शहर में धीरज बाकलीवाल को, कोंडागांव में रवि घोष को, राजनांदगांव में पूर्व वरिष्ठ नेता उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र उदय मुदलियार तथा कोरबा शहर में मुकेश कुमार राठौर को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बस्तर के झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सली हमले में उदय मुदलियार और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत 27 लोग मारे गए थे। सूची में शामिल बेमेतरा जिले से पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा, बालोद से चंद्रेश कुमार हिरवानी, बलौदाबाजार से सुमित्रा घृतलहरे, रायगढ़ ग्रामीण से नागेंद्र नेगी समेत 11 ऐसे मौजूदा जिला अध्यक्ष हैं, जहां कोई बदलाव नहीं हुआ है।

पुलिस महानिदेशकों-महानिरीक्षकों के तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने रायपुर पहुंचे अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार से शुरू हो रहे पुलिस महानिदेशकों-महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार देर रात यहां पहुंचे। यह सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 29 और 30 नवंबर को सम्मेलन में हिस्सा लेंगे तथा उनके शुक्रवार देर शाम तक यहां पहुंचने की संभावना है। छत्तीसगढ़ पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। सम्मेलन के मद्देनजर नवा रायपुर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री शाह बृहस्पतिवार देर रात विशेष विमान से रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनका स्वागत किया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस सम्मेलन का उद्देश्य पुलिस के समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियों से निपटने में हुई प्रगति की समीक्षा करना तथा ”विकसित भारत” के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ”सुरक्षित भारत” बनाने के लिए भविष्य का खाका तैयार करना है। बयान के अनुसार, ”विकासशील भारत: सुरक्षा आयाम” विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में वामपंथी उग्रवाद, आतंकवाद-निरोध, आपदा प्रबंधन, महिला सुरक्षा और पुलिस सेवा में फॉरेंसिक विज्ञान एवं कृत्रिम मेधा के उपयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री विशिष्ट सेवा के लिए अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान करेंगे।

बयान में कहा गया कि यह सम्मेलन देश भर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा प्रशासकों को राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर स्पष्ट और सार्थक चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण संवादात्मक मंच प्रदान करता है। बयान के अनुसार, यह पुलिस बलों के सामने आने वाली परिचालनात्मक, संरचनात्मक और कल्याणकारी चुनौतियों पर चर्चा करने के साथ-साथ अपराध से निपटने, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आंतरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए पेशेवर प्रथाओं को विकसित करने और साझा करने में भी मदद करता है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस वार्षिक सम्मेलन में निरंतर रुचि दिखाई है, खुले संवाद को प्रोत्साहित किया है और ऐसा माहौल बनाया है जहां पुलिस व्यवस्था पर नए विचार उभर सकें। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह राज्य मंत्री, राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे।

नए और अभिनव विचारों को सामने लाने के लिए राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के गृह विभागों के प्रमुखों और डीआईजी तथा एसपी स्तर के नवनियुक्त पुलिस अधिकारियों का एक चुनिंदा समूह भी इस वर्ष व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में भाग लेगा। बयान के अनुसार, 2014 से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस सम्मेलन के स्वरूप में निरंतर सुधार किया गया है जिसमें देश भर के विभिन्न स्थानों पर इसका आयोजन भी शामिल है। यह सम्मेलन गुवाहाटी (असम) , कच्छ के रण (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), टेकनपुर (ग्वालियर, मध्य प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), नयी दिल्ली, जयपुर (राजस्थान) और भुवनेश्वर (ओडिशा) में आयोजित किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक, सम्मेलन को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है तथा इसके लिए दो हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा सुलझा लेंगे, भ्रम को खत्म कर देंगे: खरगे

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कर्नाटक में चल रहे नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नयी दिल्ली में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार समेत वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे। खरगे ने बताया कि इस बैठक में नेता इस मुद्दे को सुलझाएंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे जिससे कर्नाटक में नेतृत्व के मुद्दे से जुड़ा जो भी “भ्रम” है, वह खत्म हो जाएगा। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को ढाई साल पूरे होते ही मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। यह विवाद सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच 2023 में हुए कथित “सत्ता-साझेदारी” समझौते के कारण उठा है।

खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, “दिल्ली जाने के बाद, मैं तीन-चार महत्वपूर्ण नेताओं को बुलाऊंगा। चर्चा के बाद हम तय करेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है, इस तरह भ्रम को खत्म करेंगे।” जब उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाया जाएगा तो उन्होंने कहा, “हमें निश्चित रूप से उन्हें बुलाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए। हम उन्हें बुलाएंगे, उनसे बात करेंगे और मद्दे का समाधान करेंगे।” उन्होंने कहा, “मैं सभी को बुलाऊंगा और चर्चा करूंगा। इसमें राहुल गांधी के भी शामिल होने के साथ मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री समेत अन्य सदस्य भी रहेंगे। सभी से बात करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।” इस बीच, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने आवास पर वरिष्ठ मंत्रियों और करीबी माने जाने वाले नेताओं के साथ एक बैठक की। इस बैठक में जी परमेश्वर, सतीश जारकीहोली, एच. सी. महादेवप्पा, के वेंकटेश और केएन राजन्ना शामिल थे।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लगाए प्रेशर बम में विस्फोट, महिला पुलिसकर्मी घायल

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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के लगाए प्रेशर बम में बृहस्पतिवार को धमाका होने से एक महिला पुलिस आरक्षक घायल हो गयी। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना आज दोपहर करीब एक बजे हुई जब केरलापाल पुलिस थाने की सीमा के तहत नए बने गोगुंडा शिविर से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और जिला बल का संयुक्त दल अभियान पर निकला था। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान जिला बल की आरक्षक मुचाकी दुर्गा गलती से प्रेशर बम के संपर्क में आ गईं, जिससे उसमें विस्फोट हो गया। इससे उनके बाएं पैर में चोट लग गई।

अधिकारी ने बताया कि उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद, उन्हें रायपुर ले जाया जा रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। माओवादी अक्सर बस्तर इलाके के अंदरूनी इलाकों में गस्त के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए जंगल में सड़क और कच्चे रास्तों पर बारूदी सुरंग लगाते हैं। बस्तर इलाके में सुकमा समेत सात ज़िले हैं। इस इलाके में पहले भी आम लोग माओवादियों के बिछाए ऐसे जाल का शिकार हो चुके हैं। इस साल नौ जून को, सुकमा ज़िले में एक पत्थर की खदान में नक्सलियों द्वारा लगाए गए बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से सहायक पुलिस अधीक्षक (कोंटा क्षेत्र) आकाश राव गिरेपुंजे की मौत हो गई और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।