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भाजपा ने अवैध प्रवासियों पर लोगों को गुमराह किया, छत्तीसगढ़ में बोले सचिन पायलट

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर अवैध प्रवासियों के मुद्दों को लेकर लोगों को गुमराह करने और पिछले 11 वर्षों से केंद्र में सत्ता में रहने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रहने का आरोप लगाया। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी ने आज राज्य के बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। कांग्रेस नेता ने कहा, “जो कोई भी अवैध प्रवासी है, उसे कानून के अनुसार देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यहां अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, और हम इस तरह की कार्रवाई का पूरा समर्थन करते हैं।” उन्होंने कहा, ”पिछले 11 वर्षों से वे केवल भाषणों के माध्यम से लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आंकड़े प्रस्तुत करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि उन्होंने वहां (अवैध प्रवासियों के खिलाफ) क्या कार्रवाई की है।’

पायलट ने कहा, “यह और कुछ नहीं बल्कि लोगों को गुमराह करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली नौटंकी है और झूठा दावा है कि कांग्रेस अवैध प्रवासियों के साथ खड़ी है।” उन्होंने कहा कि देश में कानून और व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए छत्तीसगढ़ में (शुक्रवार से) पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, लेकिन राज्य के भीतर ही अपराध बढ़ रहे हैं। पायलट ने आरोप लगाया, “छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ लूटपाट, और अपराध हो रहे हैं, फिर भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।” मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिये जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) पर, पायलट ने सवाल किया कि चुनाव आयोग कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत कथित मतदाता सूची धोखाधड़ी के दस्तावेजों और आंकड़ों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा। उन्होंने कहा, “सवाल है कि बिहार की मतदाता सूची से लाखों नाम कैसे हटाए गए।

राहुल गांधीजी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें वोट चोरी और नामों को हटाने के बारे में जानकारी दी। दुर्भाग्य से, चुनाव आयोग ने जांच का आदेश देने पर भी विचार नहीं किया।” कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को डर है कि इस दौरान दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़े समुदायों के वास्तविक मतदाताओं को निशाना बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि इस देश में कोई भी वास्तविक मतदाता बाहर न हो। हम निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाए रखेंगे। भाजपा नेता बार-बार जनता को गुमराह करने के लिए ‘घुसपैठियों’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो कोई भी अवैध प्रवासी है और जो अवैध रूप से मतदान कर रहा है, उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” पायलट ने कहा, “ उनके शब्दों और कार्यों के बीच एक स्पष्ट अंतर है। संसद में सवाल पूछे गए थे, फिर भी कोई स्पष्ट आंकड़े नहीं दिए गए थे।”

उन्होंने कहा, “अगर छत्तीसगढ़ में कोई गरीब, पिछड़ा, कमजोर या अशिक्षित है, तो क्या वह उन्हें घुसपैठिया बता रहे है? जो किसान अभी बुवाई और कटाई कर रहे हैं, क्या उनके पास दस्तावेज एकत्र करने का समय है? कई लोग एक दिन में दो बार भोजन भी नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस ऐसे लोगों के साथ खड़ी है।” शीर्ष माओवादी कमांडर हिडमा के मुठभेड़ पर कांग्रेस के रुख के बारे में एक सवाल के जवाब में, पायलट ने कहा कि कांग्रेस का चरमपंथ से लड़ने का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि हमारे रुख पर सवाल उठाया जा रहा है। आजादी से पहले, और पिछले 75 वर्षों में, कांग्रेस ने हमेशा इस देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को प्राथमिकता दी है। हमारे नेताओं ने आतंकवाद के आगे झुकने के बजाय अपने जीवन का बलिदान दिया।

इन ताकतों का सामना किया और उन्हें हराया।” पायलट ने कहा, “जो कोई भी हिंसा का सहारा लेता है, राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम करता है, या कानून का उल्लंघन करता है, उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले में कांग्रेस ने एक पूरी पीढ़ी खो दी है। कोई हम पर ऐसी ताकतों का समर्थन करने का आरोप कैसे लगा सकता है? हमारे लिए, राष्ट्र पहले आता है। राष्ट्रीय सुरक्षा पहले आती है। पार्टी और विचारधारा आती है बाद में।” उन्होंने इस दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विपक्ष, मीडिया और नागरिकों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

संविधान में आस्था रखकर आगे बढ़ रहा है विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत: सीएम साय

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत संविधान में आस्था रखते हुए आगे बढ़ रहा है और संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात रखने का अधिकार देता है, साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय आज 75वें संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में स्थित टाउन हॉल में आयोजित ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया और संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने संविधान पर आधारित लघु फिल्म भी देखी। साय ने इस दौरान कहा, ”विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत सदैव संविधान में आस्था रखते हुए आगे बढ़ता रहा है। संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात रखने का अधिकार देता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। विधायक और सांसद जैसे पदों पर आम नागरिकों का पहुंचना संविधान की ही उदार, समावेशी और लोकतांत्रिक व्यवस्था का परिणाम है।” उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठजनों का स्मरण करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक भागीदारी आज भी गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि इन महान जनप्रतिनिधियों की विचारशीलता, लोकतांत्रिक मूल्य और राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि सदैव प्रेरित करती रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर क्षेत्र के विधायक, अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

कर्वधा के गांव-गांव तक विकास पहुँचाना पहली प्राथमिकता : विजय शर्मा

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छत्तीसगढ़ के कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर सक्रिय रहे उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक विजय शर्मा ने बुधवार को सहसपुर लोहारा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सारी एवं चंदैनी में कुल एक करोड़ 98 लाख 91 हजार रुपये की लागत के विकास कार्यों का विधिवत पूजा-अर्चना कर भूमिपूजन किया और कहा कि गांव-गांव तक विकास पहुंचाना उनकी पहली प्राथमिकता है। डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि विकास कार्यों को लगातार स्वीकृति दिलाकर उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है। इसी कड़ी में सहसपुर लोहारा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सारी एवं ग्राम चंदैनी में सड़क, नाली एवं पुल-पुलिया निर्माण कार्यों का विधिवत शुरुआत की गयी है।

उपमुख्यमंत्री के ग्राम आगमन पर ग्रामीणों द्वारा पारंपरिक राउत नाचा एवं डंडा नृत्य से उनका आत्मीय स्वागत किया गया। डिप्टी सीएम शर्मा ने ग्राम सारी में एक करोड़ 65 लाख 59 हजार रुपये की लागत से खड़ौदा से सारी मार्ग पर पुल-पुलिया सहित 1.5 किलोमीटर लंबी मार्ग के निर्माण कार्य और ग्राम चंदैनी में गौरवपथ योजना अंतर्गत 33 लाख 32 हजार रुपये की लागत से सीसी सड़क सह नाली निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इन कार्यों के पूर्ण होने से ग्रामीणों को आवागमन की बेहतर सुविधा, जल निकासी की समस्या से राहत, तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं तक पहुँच और अधिक सुगम होगी। इससे क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कवर्धा विधानसभा का समग्र विकास उनकी प्राथमिकता है। सड़क, पुल-पुलिया, नाली, पेयजल, विद्युत, शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को हर गांव तक पहुंचाना राज्य सरकार का दृढ़ संकल्प है। मुख्यमंत्री गौरवपथ योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। आने वाले समय में हर गांव में प्रगति और समृद्धि की नई तस्वीर दिखाई देगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण सामग्री से समय-सीमा में पूर्ण किए जाएं, ताकि आम जनता को शीघ्र लाभ मिल सके। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, रवि राजपुत, रूपेन्द्र जायसवाल सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, युवा एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

कार्यक्रम के उपरांत उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ बैठकर विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद करते हुए गांव की समस्याओं और अपेक्षाओं को सुना तथा अधिकारियों को उनके त्वरित समाधान के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने क्षेत्र में हो रहे निरंतर विकास कार्यों की प्रशंसा करते हुए उपमुख्यमंत्री शर्मा के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके नेतृत्व में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने उनके सरल, सहज और जनसरोकारों से जुड़े व्यक्तत्वि की सराहना भी की।

छत्तीसगढ़ में 41 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक करोड़ 19 लाख रुपए के इनामी 32 नक्सलियों समेत 41 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में आज 41 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि इनमें पंडरू हपका उर्फ मोहन (37), उसकी पत्नी बंडी हपका (35), लक्खू कोरसा (37), बदरू पुनेम (35), सुखराम हेमला (27) उसकी पत्नी मंजूला हेमला उर्फ शांति (25), मंगली माडवी उर्फ शांति (29), जयराम कडियम (28) और पांडो मडकम उर्फ चांदनी (35) पर आठ-आठ लाख रुपए का इनाम था।

अधिकारियों ने बताया कि वहीं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली माटा कडियम उर्फ मंगल (28), जमली कडियम (26) और जोगी मडकम उर्फ मालती (28) पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 12 नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपए तथा आठ नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्यों के अलावा तेलंगाना स्टेट कमेटी और धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड डिवीजन के नक्सली भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अपनाई गई व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति की मजबूत नींव स्थापित की है। पुलिस, सुरक्षाबलों, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और क्षेत्र के जागरुक नागरिकों के सामूहिक तथा समन्वित प्रयासों से हिंसा और भय की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में बदलने में बड़ी सफलता मिली है।

उन्होंने बताया कि मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों ने भारतीय संविधान में आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का संकल्प लिया है। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50-50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जिले में इस वर्ष 528 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं तथा 560 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। वहीं जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 144 माओवादी मारे गए हैं।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सड़क दुर्घटना में पांच की मौत, तीन घायल

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए । पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के सुकली गांव के करीब देर रात ट्रक और एक वाहन के बीच आमने-सामने की टक्कर में वाहन सवार पांच लोगों की मौत हो गई तथा तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

उन्होंने बताया कि नवागढ़ निवासी ग्रामीण वाहन से बारात में गए थे और जब वह वापस नवागढ़ लौट रहे थे तब सुकली गांव के करीब उनका वाहन एक ट्रक से टकरा गया इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में विश्वनाथ देवांगन (43), राजेंद्र कश्यप (27), पोमेश्वर जलतारे (33), भूपेंद्र साहू (40) और कमलनयन साहू (22) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल मौके पर पहुंचा और शवों और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

मध्य प्रदेश की धीरौली परियोजना पर्यावरणीय त्रासदी बनी : कांग्रेस

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कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश की धीरौली कोयला खनन परियोजना एक पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासी जनजातियों के लिए एक सामाजिक तथा आर्थिक आपदा बन चुकी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस परियोजना के तहत पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है तथा वहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है। रमेश ने बीते 12 सितंबर को आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में अदाणी समूह की धीरौली कोयला खदान परियोजना में वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए) और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) का उल्लंघन किया गया है। हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

रमेश ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”हमने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था कि मध्य प्रदेश के धीरौली में मोदानी एंड कंपनी द्वारा कोयला खदान के लिए जंगल कटाई में प्रक्रियागत नियमों को पूरी तरह दरकिनार किया गया है। अब रिपोर्ट सामने आई हैं कि भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गांव में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है।” उन्होंने दावा किया, ”स्थानीय ग्रामीणों को जंगल के इलाके के पास जाने से रोका जा रहा है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम को इस मुद्दे को उठाने पर गिरफ्तार कर लिया गया है।” रमेश ने कहा कि यह एक पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासी जनजातियों के लिए एक सामाजिक और आर्थिक आपदा है, जो अपनी आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं।

छत्तीसगढ़ को 6,826 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, रोजगार मिलने की उम्मीद

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छत्तीसगढ़ को औद्योगिक क्षेत्र में 6,321 करोड़ रुपये और पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए 505 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इससे आने वाले वर्षों में 3,000 से अधिक रोजगार के अवसर तैयार होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने एक बयान में बताया कि ये निवेश प्रस्ताव मंगलवार को यहां आयोजित ‘इन्वेस्टर कनेक्ट’ कार्यक्रम में मिले। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उपस्थित थे। बयान के अनुसार, ‘इन्वेस्टर कनेक्ट’ कार्यक्रम में इस्पात, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों की अग्रणी कंपनियों ने राज्य में नई इकाइयां लगाने, क्षमता विस्तार करने, होटल बनाने और कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाएं विकसित करने में रुचि दिखाई।

सम्मेलन में शामिल होने वाली कंपनियों ने औद्योगिक क्षेत्र में 6,321.25 करोड़ रुपये और पर्यटन क्षेत्र में 505 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा, जिनसे आने वाले वर्षों में 3,000 से अधिक रोजगार के अवसर तैयार होने की संभावना है। मुख्यमंत्री साय ने बड़े निवेशकों, विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों को दर्शाने वाले निवेश प्रस्ताव पत्र सौंपे। उन्होंने उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश का न्योता देते हुए राज्य को भारत का सबसे विश्वसनीय, स्थिर और तेजी से बढ़ता औद्योगिक गंतव्य बताया। साय ने राज्य में ऊर्जा की भरपूर उपलब्धता, खनिज संपदा, कुशल मानव संसाधन और निवेशक-अनुकूल नीतियों के मजबूत संयोजन पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि अब एकल खिड़की प्रणाली के तहत मंजूरियां पहले से कहीं अधिक तेजी और पारदर्शिता के साथ जारी की जा रही हैं। पर्यटन क्षेत्र के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल हिंसा में कमी आने से बस्तर तेजी से बदल रहा है। सड़कें, इंटरनेट संपर्क और सुरक्षा ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब बस्तर निवेश और पर्यटन दोनों के लिए नया केंद्र बनकर उभर रहा है। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, अमित अग्रवाल (सचिव, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार) और संदीप पौंड्रिक (सचिव, इस्पात मंत्रालय) भी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ में भीषण हादसा: बेमेतरा में पश्चिम बंगाल के तीन मजदूरों की मौत, दो अन्य घायल

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छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में सड़क दुर्घटना में पश्चिम बंगाल निवासी तीन मजदूरों की मृत्यु हो गई है तथा दो अन्य घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को जिले के कारेसरा गांव के करीब छोटे मालवाहक वाहन (टाटा एस) और ट्रक के बीच हुई टक्कर में टाटा एस सवार तीन लोगों पंकज सिंह राजपूत (32), मनोरंजन सिंह (32) और प्रशांता धाड़ा (25) की मृत्यु हो गई तथा शुभाशीष चक्रवर्ती और वाहन चालक अजय विश्वकर्मा घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि कंडरापारा बेमेतरा में सुदर्शन रजक की फूलों की दुकान है, जहां पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के निवासी राजपूत, सिंह, धाड़ा और चक्रवर्ती पिछले माह से कार्य कर रहे थे।

रविवार को वह एक होटल में सजावट करने के लिए टाटा एस वाहन में सवार होकर पड़ोसी कबीरधाम जिले में गए थे। वाहन अजय विश्वकर्मा चला रहा था। अधिकारियों ने बताया कि सजावट के बाद जब वह सोमवार को बेमेतरा वापस लौट रहे थे तब कारेसरा गांव के करीब एक ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई तथा चक्रवर्ती और विश्वकर्मा घायल हो गए। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने शवों को भी पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों और घायलों के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच जारी है।

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दिल्ली में हिडमा के पक्ष में नारेबाजी की आलोचना की

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों द्वारा माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में की गई नारेबाजी की सोमवार को आलोचना की और कहा कि बस्तर के बारे में गलत बातें फैलाकर किसी को गुमराह नहीं किया जा सकता। सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का निवासी हिडमा 18 नवंबर को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस कार्रवाई को दंडकारण्य क्षेत्र में नक्सलवाद के ‘ताबूत में आखिरी कील’ बताया। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर हिडमा के समर्थन में नारे लगाए।

गृह विभाग संभाल रहे शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ”मैंने वीडियो देखा है। वे छोटे बच्चे हैं (प्रदर्शनकारियों की ओर इशारा करते हुए)। उनमें ऐसी भावनाएं भरी हुई हैं जो अच्छी नहीं हैं। वे कह रहे थे कि सतत कृषि ‘जनताना सरकार’ के जरिए की जाती है और पर्यावरण सुरक्षित है। उन्होंने न तो इसे (बस्तर) को देखा है और न ही इसे समझा है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर मनगढ़ंत कहानियां गढ़कर बस्तर के बारे में गलत धारणा नहीं बनाई जा सकती। शर्मा ने कहा, ”यदि वे असलियत जानना चाहते हैं तो बस्तर आ सकते हैं। मुझे बताएं, मैं सारी व्यवस्था कर दूंगा। बस्तर के उस 25 साल के नौजवान से मिलें जिसने पहली बार टीवी देखा है। वे बस्तर में कैसी ‘जनताना सरकार’ की बात कर रहे हैं। वहां (नक्सलवाद की वजह से) न स्कूल थे, न अस्पताल, न आंगनबाड़ी, न बिजली, न सड़कें।

दूर-दराज के गांवों में ये सुविधाएं हाल में पहुंचना शुरू हुई हैं और अब आगे बढ़ रही हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार पर सवाल उठाना गलत नहीं है, लेकिन ”बोलने से पहले चीजों को समझना जरूरी है। सुनी-सुनाई बातों के आधार पर बोलना सही नहीं है।” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब वीडियो में दिख रहे ये बच्चे वास्तविकता देखेंगे, तो वे स्वयं समझ जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि माओवाद को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा, ”यदि कोई सरकार बंदूक की नली पर बनी है तो वह बंदूक की नली से ही बात करती है। ऐसी सरकार कभी नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र की रक्षा करना और देश को संविधान के अनुसार चलाना हमारा कर्तव्य है।” शर्मा ने कहा कि इन बच्चों (प्रदर्शनकारियों) को चीन के तियानमेन चौक और माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान हुई घटनाओं को देखना चाहिए। उन्होंने कहा, ”देखिए, माओ की सांस्कृतिक क्रांति के नाम पर कितना खून बहाया गया, लॉन्ग मार्च के दौरान कितनी जानें गईं। लेनिन और माओ दोनों ने सरकारें बनाईं, लेकिन नतीजा तानाशाही था। ऐसी सरकारें सबकुछ दबाकर चलना चाहती हैं, जहां लोकतंत्र समाप्त हो जाता है।” शर्मा ने कहा, ”ऐसी मंशा पालने वाले बच्चों से मैं कहता हूं कि आप विषय को समझें। समझने में हम आपकी पूरी मदद करने को तैयार हैं।

हिंदी सिनेमा के चहेते अभिनेता धर्मेंद्र का निधन, 89 की उम्र में ली आखिरी सांस

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‘सत्यकाम’ से लेकर ‘शोले’ तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करके मनोरंजन जगत में एक अलग मुकाम हासिल करने वाले दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। मुंबई में पुलिस ने यह जानकारी दी। उनके परिवार की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। धर्मेंद्र पिछले कुछ वक्त से बीमार थे और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने इस महीने की शुरुआत में घर पर ही उनका इलाज जारी रखने का निर्णय लिया था। वह आठ दिसंबर को 90 वर्ष के हो जाते। उनका फिल्मी करियर 65 वर्षों का रहा। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि धर्मेंद्र का आज सुबह निधन हो गया और मुंबई के विले पार्ले उपनगर स्थित पवन हंस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं।

धर्मेंद्र के जुहू स्थित आवास से एक एम्बुलेंस और कई कार रवाना हुईं तथा हेमा मालिनी, एशा देओल, आमिर खान, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन को श्मशान घाट पर देखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन से ”भारतीय सिनेमा में एक युग का अंत” हो गया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”धर्मेंद्र जी का निधन भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत है। वह एक प्रतिष्ठित फिल्मी शख्सियत और अद्भुत अभिनेता थे जिन्होंने अपने हर किरदार में आकर्षण और गहराई पैदा की। जिस तरह से उन्होंने विविध भूमिकाएं निभायीं, उसने अनगिनत लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”धर्मेंद्र जी अपनी सादगी, विनम्रता और गर्मजोशी के लिए भी जाने जाते थे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।” सलमान खान और उनके पिता एवं पटकथा लेखक सलीम खान भी श्मशान घाट पर देखे गए। धर्मेंद्र के परिवार ने अभी तक इस खबर पर कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में धर्मेंद्र के निधन की खबर देने के लिए मीडिया की आलोचना की थी और उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध किया था। कई मीडिया संस्थानों ने खबर दी थी कि धर्मेंद्र का 11 नवंबर को निधन हो गया था लेकिन अभिनेता को अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और तब से उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। करण जौहर, काजोल, अजय देवगन और करीना कपूर सहित कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त किया।

करण जौहर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”यह एक युग का अंत है… एक दिग्गज अभिनेता… मुख्यधारा सिनेमा में एक ‘नायक’ का अवतार… अविश्वसनीय रूप से सुंदर और पर्दे पर सबसे गूढ़ उपस्थिति… वह भारतीय सिनेमा की एक वास्तविक किंवदंती हैं और हमेशा रहेंगे… सिनेमा के इतिहास के पन्नों में परिभाषित और समृद्ध रूप से मौजूद हैं… लेकिन सबसे बढ़कर वह सबसे अच्छे इंसान थे… हमारे फिल्म उद्योग में हर कोई उन्हें बहुत प्यार करता था।” पंजाब में 1935 में जन्मे धर्मेंद्र का असली नाम धरम सिंह देओल था और उनका फिल्मी करियर छह दशक से ज्यादा का रहा, जिसमें उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने ”शोले”, “चुपके-चुपके”, “सत्यकाम”, “अनुपमा”, “सीता और गीता” जैसी कई हिट फ़िल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। एक्शन, रोमांस और हास्य में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए उन्हें व्यापक रूप से सराहा गया। धर्मेंद्र के परिवार में उनकी पत्नी प्रकाश कौर, हेमा मालिनी, बेटे सनी और बॉबी देओल तथा बेटियां विजेता, अजीता, एशा और अहाना हैं।