रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को 70 सीट के लिए हो रहे दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में सुबह नौ बजे तक लगभग छह फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दूसरे चरण में 1,63,14,479 मतदाता हैं। इस चरण में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आठ मंत्रियों और चार सांसदों समेत 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राजिम जिले की नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ सीट के नौ मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो दोपहर बाद तीन बजे समाप्त होगा। अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ, जहां मतदाता शाम पांच बजे तक अपने मताधिकार प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे तक 70 सीट के 5.71 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 827 पुरुष, 130 महिलाएं और लैंगिक रूप से तृतीय वर्ग के एक उम्मीदवार समेत कुल 958 प्रत्याशी हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर शहर पश्चिम सीट पर सबसे अधिक 26 उम्मीदवार हैं, जबकि डौंडीलोहारा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार मैदान में हैं। अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 70-70 उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस से तथा 43 उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (आप) से हैं। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से 62, हमर राज पार्टी के 33, बहुजन समाज पार्टी से 43 तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में कुल मतदाताओं में से 81,41,624 पुरुष, 81,72,171 महिलाएं और 684 लैंगिक रूप से तीसरे वर्ग के मतदाता हैं। दूसरे चरण के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन मतदान केंद्रों में से 700 संगवारी बूथ हैं जिनका प्रबंधन महिला मतदान कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। रायपुर उत्तर विधानसभा सीट एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां सभी मतदान केंद्रों पर महिला अधिकारी और कर्मचारी ही तैनात हैं जो मतदान कार्य संपन्न कराएंगी।
राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सीट सामान्य वर्ग की हैं जबकि 17 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए और नौ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदान के लिए कुल 90,272 मतदानकर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, बिलासपुर संभाग की कई सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। इस संभाग की कुछ सीट पर जोगी की पार्टी और बसपा की अच्छी-खासी मौजूदगी है। वहीं आप भी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। दूसरे चरण में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन), विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (सक्ती), उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण) और रवींद्र चौबे (साजा) सहित राज्य के आठ मंत्रियों के भाग्य का फैसला आज होगा।
भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार हैं। मुख्यमंत्री बघेल अपनी पारंपरिक पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां भाजपा ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी के सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के पाटन से मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया है।
अंबिकापुर में टी एस सिंह देव के खिलाफ भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने इन 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से 51 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा को 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को चार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीट पर जीत मिली थी। बाद में कांग्रेस ने उपचुनाव में एक और सीट पर जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कुल 90 में से 75 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। वहीं भाजपा राज्य में सत्ता में वापसी करना चाहती है। भाजपा ने यहां 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक राज किया है। सूबे में 20 सीट पर पहले चरण का चुनाव सात नवंबर को हुआ था, जिसमें 78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीट मिली थीं तथा भाजपा 15 सीट पर सिमट गई थी। उस चुनाव में जेसीसी (जे) को पांच और बसपा को दो सीट मिली थी। कांग्रेस के पास फिलहाल 71 विधायक हैं।