छत्तीसगढ़ के भानपुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी पत्ते खोल दिए हैं। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को सावित्री मंडावी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सावित्री विधायक रहे मनोज मंडावी की पत्नी हैं। पिछले दिनों मनोज मंडावी का निधन हो गया था। बतादें कि एक दिन पहले, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम को अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित क्षेत्र से नामित किया था, जो माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग के कांकेर जिले में आता है। मनोज मंडावी छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और क्षेत्र में कांग्रेस के एक प्रमुख आदिवासी चेहरे थे। 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। राज्य कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए सावित्री मंडावी की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विश्वास है कि भानुप्रतापपुर के लोग पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों और तीन दशकों तक क्षेत्र में काम करने वाले दिवंगत मनोज मंडावी की छवि को देखते हुए सावित्री मंडावी को चुनेंगे। 56 वर्षीय सावित्री ने हाल ही में एक सरकारी स्कूल शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी। ऐसा लगता है कि सत्ता पक्ष की नजर दिवंगत मनोज मंडावी की छवि और सहानुभूति फैक्टर को भुनाने पर है। उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 नवंबर है। मतदान 5 दिसंबर को होगा और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
मनोज सिंह मंडावी (58) ने तीन बार भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 2000 और 2003 के बीच राज्य में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान गृह और जेल राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। बीजेपी केवल 15 सीटें जीत सकी, जबकि जेसीसी (जे) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को क्रमशः 5 और 2 सीटें मिलीं। इसके बाद, कांग्रेस की संख्या में चार का सुधार हुआ क्योंकि उसके उम्मीदवारों ने कई सीटों पर उपचुनाव जीते। वर्तमान में, 90 सदस्यीय सदन में भाजपा के 14 विधायक हैं, जेसीसी (जे) के 3 और बसपा के 2 विधायक हैं।