छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में अब सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की शिक्षा दी जाएगी। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस के मौके पर घोषणा की है कि राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में अब सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की शिक्षा दी जाएगी, जिसके लिए शैक्षणिक सामग्री भी तैयार की जा रही है।
बघेल ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में वहां की स्थानीय आदिवासी बोलियों के अनुसार तथा शेष क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई से स्थानीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों में पढ़ाई के प्रति लगाव उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा है, भारत की संस्कृति एवं परंपरा को बढ़ावा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संस्कृत विषय की भी पढ़ाई होगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा को भी मुख्यमंत्री ने अनिवार्य करने की बात कही है। मुख्यमंत्री बघेल ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा है, शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बालक का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करे और इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को अपना रही है।