छत्तीसगढ़ का इतिहास, आदिवासी जीवन दिखाती है खैरागढ़ कला वीथिका

0
136

छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कला वीथिका राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ नगर में बनाई गई है जो राज्य के समृद्ध इतिहास, परंपराओं और आदिवासी जीवन को दर्शाती है। अधिकारी ने कहा कि वीथिका में राजकीय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (आईकेएसवी) के छात्रों द्वारा तैयार की गई विभिन्न पेंटिंग, हस्तशिल्प और मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं। यह वीथिका राज्य की राजधानी रायपुर से 80 किलोमीटर दूर खैरागढ़ में विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित की गई है।

छात्र मुस्कान परख द्वारा बांस की चटाई पर मिट्टी का उपयोग करके तैयार की गई ऐसी ही एक कलाकृति बस्तर की घोटुल संस्कृति को दर्शाती है जिसमें आदिवासी युवाओं को एक साथ बैठकर उपहारों का आदान-प्रदान करते दिखाया गया है। घोटुल बस्तर गांवों में ऐसे स्थान होते हैं जहां युवा आदिवासी पुरुष और महिलाएं इकट्ठा होते हैं, बातचीत करते हैं, गाते हैं और नृत्य करते हैं तथा वे वहां जीवनसाथी चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कला वीथिका का उद्घाटन किया। राज्य के 31वें जिले के रूप में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई का शुभारंभ करने के लिए बघेल खैरागढ़ में थे। रायपुर में अधिकारी ने कहा, ”छत्तीसगढ़ का समृद्ध इतिहास, रीति-रिवाज, परंपरा और आदिवासी जीवन हमेशा सौंदर्य लोक कला में महत्वपूर्ण पहलू रहा है जो कि राज्य में वर्षों से निर्मित हुई है। यह कला वीथिका राज्य की लोक कला को संजोने और बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि कला वीथिका का नाम सरगुजा जिले के प्रसिद्ध कलाकार और लोक चित्रकार स्वर्गीय सोनाबाई रजवार के नाम पर रखा गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here