छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 30 वें जिले सारंगढ़-बिलाईगढ एवं 31 वें जिले खैरागढ़-छुई खदान-गंडई का शुभारंभ करते हुए कहा कि पिछले पौने चार वर्षों में छह नए जिलों के गठन से प्रशासन एवं जनता के बीच दूरी कम करने में मदद मिली हैं। बघेल ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालयों के शुभारंभ के साथ इन जिलों का शुभारंभ करते हुए लोगो को सारंगढ़-बिलाईगढ़ एवं खैरागढ़-छुई खदान-गंडई के नए जिले के रूप में अस्तत्वि में आने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।उन्होने इस अवसर पर सारंगढ़-बिलाईगढ जिले में बुनियादी सुविधाओं के लिए 540 करोड़ रुपए एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 364 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी।
उन्होंने कहा कि 72 साल के लगातार संघर्ष के बाद सारंगढ़ अलग जिला बन पाया है। जिले के नर्मिाण के संघर्ष में कई पीढ़ियों ने योगदान दिया। उन्होंने कहा कि सारंगढ़ को जिला बनाने में बिलाईगढ का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। बिलाईगढ वासियों की सहमति से ही सारंगढ़ जिला बन पाया है।उन्होने कहा कि सारंगढ़ शुरू से मानव जाति की सभ्यता का केंद्र रहा है। कई शक्तिपीठों के साथ ही बाबा घासीदास जी के प्रति आस्था रखने वालों की बहुलता है। सारंगढ़ का दशहरा उत्सव भी बस्तर दशहरा की तरह वख्यिात है। सीएम बघेल ने कहा की पिछले चार सालों में प्रदेश में सर्वांगीण विकास के काम हुए हैं।
धान खरीदी के संबंध में की गई घोषणा पर हम अटल है। हर साल खरीदी मूल्य बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 4 साल में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 11 लाख बढ़ी है। अब लगभग 26 लाख किसान धान बेच रहे हैं। सरकार की नीति से सभी किसान एवं ग्रामीण खुश हैं। खेतों में फसल लहलहा रही है। अब तक 150 करोड़ रुपए की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गोबर के बाद अब गोमूत्र की खरीदी भी गोठानो से हो चुकी है। इन सबके असर से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में 279 आत्मानंद स्कूल खुल चुके हैं। 422 और नए स्कूल खोलने की कार्ययोजना पर काम चल रही है। अंग्रेजी माध्यम के कॉलेज भी खोले गए हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए चार साल में 4 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले हैं। हॉट बाजार क्लीनिक के साथ लोगों को धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स से सस्ती दवाइयां भी मुहैया करा रहे हैं। उन्होने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनता के जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए मदद करने को हम रेवड़ी बांटना नहीं मानते। लोकतंत्र में यह हमारा कर्तव्य है।