प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि कोयला ढुलाई से संबंधित कथित वसूली मामले में धन शोधन की जांच के तहत उसने बेदखली के आदेश जारी किए हैं और 152 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त किया है। छत्तीसगढ़ सरकार की पूर्व नौकरशाह सौम्या चौरसिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी और मामले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी और अन्य की चल एवं अचल संपत्तियों सहित ये 91 संपत्तियां पिछले साल दिसंबर में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जब्त की थी।
ईडी ने पूर्व में कहा था कि उसकी जांच एक कथित बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, कारोबारियों, नेताओं और बिचौलियों के समूह द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले की ढुलाई के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी। ईडी ने एक बयान में कहा कि पीएमएलए के निर्णायक प्राधिकार ने सभी प्रतिवादियों को मौका देने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक जून को जब्ती आदेश की पुष्टि की।
बयान में कहा गया, इसके तहत ईडी ने 81 अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है और पीएमएलए (जब्त की गई संपत्तियों के संबंध में प्राधिकार की मंजूरी) नियम, 2013 के अनुसार 10 अचल संपत्तियों के संबंध में बेदखली नोटिस जारी किया है। इन संपत्तियों में फ्लैट, आभूषण, कोयला वाशरी और भूखंड शामिल हैं, जो चौरसिया, विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल से संबंधित हैं। ईडी ने चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।