रायपुर। छत्तीसगढ़ की नवनिर्वाचित विधानसभा के 90 विधायकों में से 17 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से छह के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 54 सीट जीतकर सरकार बना रही है। राज्य में 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) पहली बार एक सीट पर जीत हासिल कर पाई है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नेतृत्व वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस बार अपना खाता खोलने में विफल रहीं। छत्तीसगढ़ ‘इलेक्शन वॉच’ और ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 17 (19 फीसदी) विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे।
रिपोर्ट कहा गया कि उनमें से छह (सात फीसदी) विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। भाजपा के 54 विधायकों में से 12 (22 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं तथा कांग्रेस के 35 विधायकों में से पांच (14 प्रतिशत) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी तरह भाजपा के चार (सात फीसदी) और कांग्रेस के दो (छह फीसदी) विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के तरफ से जीतने वाले निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन सीट), देवेन्द्र यादव (भिलाई नगर) और अटल श्रीवास्तव (कोटा) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे।
वहीं भाजपा से पूर्व मंत्री राजेश मूणत (रायपुर शहर पश्चिम), दयालदास बघेल (नवागढ़), शकुंतला सिंह पोर्ते (प्रतापपुर), उधेश्वरी पैकरा (सामरी), ओपी चौधरी (रायगढ़) विजय शर्मा (कवर्धा सीट), विनायक गोयल (चित्रकोट-एसटी) और आशाराम नेताम (कांकेर-एसटी) के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान 90 निर्वाचित विधायकों में से 24 (27 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे, जबकि 13 (14 फीसदी) गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे।