छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता को हो रही असुविधा को देखते हुए राज्य के कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट करके अपील की है। अपील में कहा गया है, हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से मेरी अपील है कि लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुकने से जनता को असुविधा हो रही है। अतः आप सभी कर्तव्यों का निर्वहन करें। हमारी सरकार कर्मचारी हित हेतु सदैव तत्पर है। पुरानी पेंशन योजना उसका एक उदाहरण है। राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए हम कर्मचारी हित में निर्णय लेते रहे हैं और आगे भी लेंगे। इधर राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने हड़ताल अवधि की स्वीकृति के संबंध में सभी विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है। निर्देश में कहा गया है, ”शासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल कई अधिकारी/कर्मचारी हडताल से वापस आना चाहते हैं। ऐसे अधिकारी/कर्मचारी को कार्यालय में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
निर्देश में कहा गया है, हड़त्ताल में शामिल अधिकारी/कर्मचारी यदि दिनांक एक सितंबर या दो सितंबर 2022 को अपने कार्य पर उपस्थित होते हैं तो उनकी हड़ताल अवधि का अवकाश स्वीकृत करते हुए उनका वेतन भुगतान किया जाए। इससे पहले राज्य सरकार ने अनिश्तिकालीन हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को निर्देश जारी करके कहा था कि बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल में वेतन इत्यादि देय नहीं होगा, न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। इस अवधि को ‘सेवा में व्यवधान’ (ब्रेक-इन-सर्विस) माना जाएगा।
छत्तीसगढ़ के अधिकारी और कर्मचारी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) समेत अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर इस महीने की 22 तारीख से हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिनों की हड़ताल की थी।
इस महीने की 13 तारीख को महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी, जिसके बाद डीए में छह प्रतिशत की वृद्धि करने की सहमति दी गई थी। साथ ही सातवें वेतनमान के आधार पर आवास भत्ता (एचआरए) में बढ़ोतरी की मांग पर विचार करने का भी आश्वासन दिया था। 16 अगस्त को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में छह फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ठ नहीं हुए तथा 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। राज्य में कर्मचारियों और अधिकारियों की हड़ताल के कारण शासकीय कार्यालयों में काम नहीं हो रहा है तथा लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।