छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेजिडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेजिडेंट, सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक तथा प्राध्यापक के वेतन में बढ़ोतरी का आदेश जारी किया है। यह आदेश एक सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रभावी होगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन एक लाख 55 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख 90 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह सह प्राध्यापक का वेतन एक लाख 35 हजार से एक लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से एक लाख तथा सीनियर रेजिडेंट का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन एक लाख 90 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख 25 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह सह प्राध्यापक का वेतन एक लाख 55 हजार से एक लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से एक लाख 25 हजार तथा सीनियर रेजिडेंट और प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 95 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी की गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने वेतन वृद्धि पर कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी चिकित्सकों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले तथा वेतन में बढ़ोतरी का यह आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है।