रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को एक योजना शुरू की, जिसके तहत गौठानों (गांवों में गौशालाओं) को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। बघेल ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर यहां अपने आधिकारिक आवास पर महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (एमजीआरआईपी) योजना की शुरूआत की। जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने बताया, कार्यक्रम के पहले चरण में राज्य भर में ऐसे 300 पार्क विकसित किये जा रहे हैं, जिसके लिए चालू वित्त वर्ष के बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार ने अपनी सुराजी गांव योजना (ग्राम सुशासन योजना) के तहत, 8,000 से अधिक गांवों में गौठान स्थापित किए हैं, जहां गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदे गए गोबर का उपयोग केंचुआ खाद (वर्मी कम्पोस्ट) तैयार करने के लिए किया जा रहा है। इसी साल जुलाई में चुनिंदा गौठानों में चार रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद की भी शुरूआत की गई थी।
एमजीआरआईपी के तहत चयनित गौठानों को अब ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां केंचुआ खाद उत्पादन के अलावा मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण जैसी गतिविधियां भी की जाएंगी। राज्य के प्रत्येक विकास खंड में पहले चरण में दो ग्रामीण औद्योगिक पार्क होंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग योजना का प्रबंधन करेगा। अधिकारी ने कहा कि यह योजना गौठान से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी।