रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपराध और मादक पदार्थ को ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनाई है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अवैध गतिविधियों को रोकने में विफल रहने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। साय ने नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यदि एसपी अपने संबंधित जिलों में अपराधों पर अंकुश नहीं लगाते हैं तो उन्हें कड़ी विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पुलिस से डरना चाहिए जबकि आम जनता को उनके प्रति सम्मान रखना चाहिए जैसा कि सेना के प्रति होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को अपराधियों के प्रति कठोर होना चाहिए और आम जनता के प्रति विनम्र होने के साथ नरम रुख अपनाना चाहिए। साय ने कहा कि अवैध शराब का कारोबार, जुआ और सट्टेबाजी जैसी बुराइयां समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं और युवाओं का इनसे प्रभावित होना चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगर आपराधिक गतिविधियों को नहीं रोका गया तो संबंधित जिले के एसपी और थाना स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में जवान कठिन परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ रहे हैं और राज्य सरकार हर मोर्चे पर पुलिस के साथ खड़ी है। पुलिस के कल्याण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में शुक्रवार को पेश किए गए बजट में गृह विभाग के आवंटन में पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में शामिल जवानों के लिए राशन बैग और खास किस्म के जूतों के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। शर्मा ने कहा कि इसके अलावा विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
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