छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। जांच एजेंसी ने इसमें सत्ताधारी दल कांग्रेस के दो विधायकों और भारतीय प्रशासनिक सेवा की एक अधिकारी को आरोपी बनाया है। ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि अभियोजन पक्ष का पूरक आरोपत्रपत्र 280 पृष्ठों से अधिक का है और इसमें लगभग 5,500 पृष्ठों के दस्तावेजों भी शामिल है। उन्होंने बताया कि आरोपपत्र को चतुर्थ अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पीएमएलए) अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया। पांडेय ने बताया कि आरोपपत्र में दो विधायकों देवेंद्र यादव (भिलाई नगर सीट) और चंद्रदेव राय (बिलाईगढ़ सीट) तथा रानू साहू (2010 बैच की छत्तीसगढ़-कैडर की आईएएस अधिकारी) सहित 11 लोगों को नामजद किया गया है।
अधिवक्ता ने बताया कि अधिकारी सौम्या चौरसिया (मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में तैनात रही) के करीबी सहयोगी माने जाने वाले निखिल चंद्राकर और मनीष उपाध्याय तथा सूर्यकांत तिवारी इस कथित घोटाले के सरगना हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी बनाए गए 11 लोगों में से रानू साहू समेत दो लोग इस मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद जेल में हैं।
पांडे ने कहा कि ईडी ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में कथित कोयला घोटाले में मामला दर्ज करने और उसकी जांच करने का निर्देश देने की मांग की है। ईडी राज्य में कथित कोयला घोटाले से संबंधित मामले की जांच कर रही है। ईडी के मुताबिक राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल (संगठित आपराधिक गिरोह) द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली जा रही थी।