छत्तीसगढ़ में कर्ज की वजह से किसान ने की आत्महत्या, भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

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छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल नारायणपुर जिले के एक गांव में 55 वर्षीय एक किसान ने कथित तौर पर कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस बीच, किसानों की कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। किसान के परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि वह कर्ज के बोझ और खराब पैदावार से परेशान था। एक पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि कुकड़ाझोर गांव के निवासी हीरू बढ़ई ने 12 दिसंबर को कथित तौर पर अपने खेत में कीटनाशक खा लिया था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल नारायणपुर में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि अगले दिन अस्पताल में इलाज के दौरान किसान ने दम तोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है तथा आगे की जांच जारी है। किसान के बेटे योगेश्वर बढ़ई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके परिवार के पास लगभग नौ एकड़ जमीन है और इस साल खरीफ की बुआई के लिए जिला सहकारी बैंक से 1,12,852 रुपये का ऋण लिया था। उन्होंने बताया कि हाल ही में 1.24 लाख रुपये (ब्याज सहित) का कर्ज चुकाने का नोटिस मिला था जिसे लेकर उसके पिता चिंतित थे।

उन्होंने कहा कि इस साल फसल अच्छी नहीं हुई जो उनके पिता की चिंता का कारण था। योगेश्वर ने बताया, “मेरे पिता ने कई बार चिंता जताई थी कि ऋण का भुगतान कैसे किया जाएगा। उन्हें इस बात की भी चिंता थी कि वह मेरी शादी के लिए पैसों का इंतजाम कैसे करेंगे। योगेश्वर ने कहा, “ घटना वाले दिन पिता खेत पर अकेले थे और हम सभी खाना खाकर लौटे थे। उन्हें उल्टी करते हुए देखने पर हमने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जहां अगले दिन उनकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, किसान अपने ससुराल में रहता था और अपनी सास की लगभग नौ एकड़ जमीन पर धान की खेती करता था। उन्होंने बताया कि यह कर्ज उनकी सास के नाम पर लिया गया था। इस घटना को दुखद बताते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने दावा किया कि चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने किसानों को दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब वह इससे पीछे हट रहे हैं।

बैज ने एक बयान में कहा, ”भाजपा की असंवेदनशीलता और वादाखिलाफी ने एक किसान को अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर किया। कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता और नारायणपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक केदार कश्यप ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में ऋण माफी का वादा नहीं किया था। कश्यप ने कहा,”जिस व्यक्ति ने आत्महत्या की है, उसके पास जमीन नहीं थी और उन कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, जिससे उन्होंने यह कदम उठाया। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है। राज्य में 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही है।

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