छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक को मानवाधिकार आयोग का नोटिस

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पुलिसकर्मियों के हाथों पिता की बेरहमी से पिटाई देखकर व्यथित पुत्र के चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लिए जाने के मामले में गुरुवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया। आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि रिपोर्ट में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई का विवरण तथा पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गयी है तो उसकी विस्तृत जानकारी भी शामिल होनी चाहिए। आयोग ने कहा कि मीडिया में आयी घटना की रिपोर्ट अगर सच है, तो यह पीड़ितों के जीवन एवं सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है और पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील तथा अमानवीय दृष्टिकोण को उजागर करता है।

आयोग ने छत्तीसगढ़ में अपने विशेष दूत उमेश कुमार शर्मा को संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए भी कहा है। आयोग ने कहा कि उनकी रिपोर्ट दो महीने के भीतर आने की उम्मीद है। गौरतलब है कि गत सोमवार को बिलासपुर जिले के बल्हिा में युवक हरिशचंद्र गेंदले की मोटरसाइकिल महिलाओं के समूह से टकरा गयी थी जिसकी शिकायत थाने में दर्ज करायी गयी थी। पुलिस उसकी तलाश में घर गयी थी। घर में नहीं मिलने पर पुलिस उसके पिता को थाने ले गयी। युवक जब थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मियों द्वारा अपने पिता को बुरी तरह पिटते देखा जिससे व्यथित होकर वह बिल्हा रेलवे स्टेशन पहुंचा और चलती ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।

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