छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कहा कि उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के साथ उनके रिश्ते सामान्य हैं और आगे भी रहेंगे तथा अगले मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी आलाकमान करेगा जो सबको मान्य होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट जीत की संभावना (विनबिलिटी) के आधार पर दिए जाएंगे। साथ ही कहा कि यह भी संभव है कि कुछ ‘कमजोर’ उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में नहीं उतारा जाए और उन्हें कुछ दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाए। बघेल ने कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार के खिलाफ जनता में नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास राज्य में कोई चेहरा नहीं है जिस वजह से वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग का सहारा ले रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग ही कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, इस साल फरवरी में कांग्रेस के महाधिवेशन के समय तैयारियों में लगे लोगों के खिलाफ छापा मारा गया था…इनको (भाजपा) कोई लिहाज नहीं है। ईडी और आयकर विभाग भाजपा की ‘बी टीम’ बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा कुछ भी कर ले, छत्तीसगढ़ की सत्ता में उसकी वापसी नहीं होने वाली है। ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के दो विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी), एक कारोबारी समेत अन्य लोगों के यहां बुधवार को छापा मारा था। यह पूछे जाने पर कि क्या वह जेल जाने समेत हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा, ”हम उसके (जेल के) लिए भी मानसिक रूप से तैयार हैं। इन लोगों ने पहले भी जेल में डाला था। उसके बाद क्या हुआ? भाजपा की 15 साल से सरकार थी और वह 15 सीटों पर सिमट गई। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा आगे भी इसी तरह से दुस्साहस करती है तो इस बार भी उसे सबक मिलेगा। बघेल ने इस बात को फिर दोहराया कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस को 75 से अधिक विधानसभा सीटें जितवाकर भाजपा नेतृत्व को जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का ‘रिटर्न गिफ्ट’ (जवाबी तोहफा) देंगे।
छत्तीसगढ़ की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए इस साल नवंबर और दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। यह पूछे जाने पर क्या कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतर नेतृत्व का मुद्दा सुलझ गया है तो मुख्यमंत्री ने कहा, ”नेतृत्व कौन करेगा, मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह हमेशा पार्टी आलाकमान तय करता है। पार्टी आलकमान का जो भी आदेश होगा वो मान्य होगा। पार्टी आलाकमान जो तय करेगी, वो हम सब मानेंगे। सिंहदेव के साथ अपने रिश्तों के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, टीएस सिंहदेव जी से पहले भी रिश्ते सामान्य थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा, गुटबाजी तो सब जगह होती है….हर दल में होता है। हम खुलकर बोलते हैं, लेकिन भाजपा में कोई बोल नहीं पाता है, सब घुट-घुटकर रहते हैं। कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि संभव है कि पार्टी के 71 विधायकों में कुछ ‘कमजोर’ उम्मीदवारों को दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाए। उनका कहना था, ”पार्टी लगातार सर्वे करती है…पार्टी के पदाधिकारियों से रायशुमारी की जाती है। हो सकता कि कुछ सीटों पर हमारे उम्मीदवार कमजोर हों तो उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दी सकती है। उन्होंने दावा किया, भाजपा ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि उसका चेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे….पांच साल में भाजपा का चेहरा आईटी और ईडी रहे हैं।
बघेल ने कहा, हमारे पास 71 सीटें पहले से हैं, इससे ज्यादा का लक्ष्य है। किसानों, नौजवानों गरीबों, दलितों और आदिवासियों के लिए जो काम किया है उससे हमारे कार्यकर्ताओं में बहुत उत्साह है। इसी आधार पर हम 75 पार की बात कर रहे हैं। छत्तीसढ़ में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि वे पिछली बार भी चुनाव लड़े थे। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”ऐसा लगता है कि भाजपा 2018 में हारी तो उस हार से उबर नहीं पाई है। ये थके-हारे लोग हैं। उनका यह भी कहना था, हम भाजपा के ‘हिंदुत्व’ के सामने विकास के मुद्दे पर ही आगे बढ़ेंगे। हमने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाया है। जब यह सामने होती है तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता।