छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में शनिवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आठ नक्सलियों में से छह वरिष्ठ रैंक के कैडर थे और उन पर कुल 48 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित था। पुलिस ने बताया कि मारे गए नक्सली माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) सैन्य कंपनी नंबर 1 और माड डिवीजन सप्लाई टीम से जुड़े थे। पुलिस ने शनिवार को जिले के कुतुल-फरसबेड़ा और कोडतामेटा गांवों के पास जंगलों में मुठभेड़ के दौरान आठ नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने कहा, ‘मारे गए आठ नक्सलियों में से छह की पहचान सुदरू, वर्गेश, ममता, समीरा, कोसी और मोती के रूप में हुई है, जो माओवादियों की पीएलजीए कंपनी नंबर 1 में विभिन्न पदों पर सक्रिय थे और प्रत्येक पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
उन्होंने बताया कि दो अन्य नक्सलियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। आईजी ने बताया कि जिले के कुतुल, फरसबेड़ा, कोडतामेटा और अडिंगपार गांवों में माओवादी कैडरों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद 12 जून की देर रात सुरक्षा बलों के नक्सल विरोधी ‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत अभियान शुरू किया गया था। मुठभेड़ में एसटीएफ कांस्टेबल नितेश एक्का (27) भी शहीद हो गए, जबकि उनके दो साथी लेखराम नेताम (28) और कैलाश नेताम (33) घायल हो गए। उन्हें राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आईजी ने बताया कि राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और एसटीएफ के साथ-साथ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 53वीं बटालियन और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 135वीं बटालियन के जवानों ने इस अभियान में हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि महिला कमांडो ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईजी ने कहा, अबूझमाड़ (नारायणपुर जिले में) 40 साल से नक्सली हिंसा से पीड़ित था, लेकिन अब स्थानीय लोग, आदिवासी और ग्रामीण हिंसा, भय और नक्सलवाद से मुक्त होना चाह रहे हैं। सफल नक्सल विरोधी अभियानों से विकास को गति मिल रही है।” इससे पहले, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और कुछ अन्य नेताओं ने रायपुर में शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। पुलिस ने बताया कि बाद में उनके पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से उनके गृह जिले जशपुर ले जाया गया, जहां शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया।