छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में पद का दुरुपयोग करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी की अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच करेगी। इसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी कर दिया है। यह मामला छत्तीसगढ़ के नान घोटाले से जुड़ा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोप है कि राज्य में 13 हजार 301 दुकानों में राशन बांटने में गड़बड़ी की गई है। अकेले चावल में ही 600 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। कुल घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का बताया जा रहा है।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि स्टॉक वैरिफिकेशन नहीं करने के बदले में एक-एक राशन दुकान वाले से 10-10 लाख रुपए लिया गया था। कांग्रेस सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा इस मामले में जांच के दायरे में हैं। उन पर और उनके साथ अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने गवाहों पर दबाव डाला और उनके बयान बदलवाए। गत चार नवंबर को ईओडब्ल्यू ने नान घोटाले में एक नई मामला दर्ज की थी, जिसमें रिटायर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अनिल टुटेजा, रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।