छत्तीसगढ़ : बोरवेल में गिरा राहुल 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया

10
207

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सूखे बोरवेल में गिरे 11 वर्षीय बालक राहुल को 104 घंटे से अधिक समय तक चले बचाव अभियान के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बालक को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बालक को बाहर निकालने के लिए बोरवेल से कुछ दूरी पर एक समानांतर गड्ढा खोदा गया था। जहां से सुरंग बनाकर मंगलवार रात लगभग 11:55 बजे उसे बाहर निकाल लिया गया। बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना तथा जिले के पांच सौ से अधिक कर्मचारी जुटे थे। वहीं, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक लगातार घटनास्थल पर ही मौजूद थे। रात लगभग 11:55 बजे जब बालक को सुरंग से बाहर निकाला गया तब वहां मौजूद हजारों लोगों ने बचाव दल की सराहना की और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। टेलीविजन दृश्यों में बालक को एक स्ट्रेचर पर सुरंग के रास्ते बाहर निकालते देखा गया। उसे बचाव दल अपने कंधों पर सुरंग के मुहाने से वहां तैयार एम्बुलेंस तक ले गए।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के मालखरौदा विकासखंड के पिहरिद गांव में शुक्रवार दोपहर बाद लगभग दो बजे राहुल साहू घर के पिछले हिस्से में खेलते समय एक खुले, सूखे पड़े बोरवेल में गिर गया था। राहुल बोरवेल में 60 फुट नीचे फंसा हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि जिला और पुलिस प्रशासन को शुक्रवार दोपहर बाद राहुल के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली तब तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि राहुल को बाहर निकालने में मदद के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के विशेषज्ञों को बुलाया गया। वहीं चिकित्सकों के दल ने राहुल के लिए बोरवेल के भीतर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की। अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल से कुछ दूरी पर जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से समानांतर गड्ढा किया गया। इस गड्ढे से एक सुरंग बनाकर लगभग 104 घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।

उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के अंतिम चरण को देखते हुए घटनास्थल पर चिकित्सकों के दल के साथ एक एंबुलेंस को तैयार रखा गया था। बालक को एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर शहर के अपोलो अस्पताल ले जाया जा रहा है। इसके लिए पिहरिद गांव से अपोलो अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। देर तक गहरे गड्डे में रहने के कारण बालक थक गया है। अधिकारियों ने बताया कि बालक के पिता लाला राम साहू के मुताबिक, उन्होंने कुछ समय पहले घर के पिछले हिस्से में सब्जियों की खेती के लिए बाड़ी में लगभग 80 फुट गहरे बोरवेल की खुदाई करवाई थी। जब बोरवेल में पानी नहीं निकला तब उसे बिना इस्तेमाल किए छोड़ दिया गया। शुक्रवार को बाड़ी में खेलने के दौरान राहुल इस सूखे, खुले बोरवेल में गिर गया था।

उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद बचाव कार्य शुरू किया गया तथा राहुल की स्थिति का पता लगाने के लिए बोरवेल में रस्सी के सहारे एक कैमरा लगाया गया था। वहीं, रस्सी के सहारे उसके लिए फल और जूस आदि भेजा जा रहा था। बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया, ”कैमरे के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारी लगातार राहुल की स्थिति की निगरानी कर रहे थे। एक स्पीकर को रस्सी से उतारा गया था जिससे उसके माता-पिता उससे बात कर सकें और उसका हौसला बढ़ा सकें। माता-पिता के अनुसार, बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और ठीक से बात नहीं कर सकता है इसलिए वह ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था। दल ने उसे रस्सी के सहारे बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसने उसे नहीं पकड़ा।

अधिकारियों ने बताया, बचाव कार्य में बहुत एहतियात बरता गया, क्योंकि आठ इंच बोरवेल के भीतर केसिंग पाइप नहीं है, कुछ भी चूक होने से इसमें मिट्टी के धंसने का खतरा था। वहीं, गड्डा करने तथा राहुल तक सुरंग बनाने के दौरान बड़े चट्टानों को तोड़ा गया। इससे इस अभियान में अधिक समय लगा। बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ की तीसरी बटालियन के इंस्पेक्टर महाबीर मोहंती ने बताया कि कठोर चट्टानों की मौजूदगी ने सुरंग के निर्माण की गति को बाधित किया जिससे बचाव में देरी हुई लेकिन अंततः संयुक्त प्रयासों से बच्चे को बचा लिया गया।

जिला प्रशासन के एक ​अधिकारी ने बताया, ”बोरवेल के पास खुदाई के दौरान बोरवेल के भीतर पानी भी बढ़ गया, जिसे एनडीआरएफ कर्मचारियों ने रस्सी से बंधे एक बर्तन की मदद से निकाला। वहीं गांव के निवासियों को भूजल स्तर को नीचे बनाए रखने के लिए बोरवेल चालू करने के लिए कहा गया। इसके अलावा, क्षेत्र के दो स्टॉप डैम से भी पानी छोड़ा गया। जांजगीर-चांपा के जिलाधिकारी जितेंद्र शुक्ला ने राहुल के बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अभियान की सफलता पर खुशी जताई और सभी का धन्यवाद किया। शुक्ला ने कहा, सभी के सहयोग से यह अभियान पूरा हो सका। बोरवेल में एक सांप भी था। लेकिन बालक राहुल साहू की जीवटता के कारण यह बाधा भी पार हो गई। कठोर चट्टानों और लगातार विपरीत परिस्थिति के बाद भी यह अभियान सफल हो गया।

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर राहुल के जल्द ही पूर्ण स्वथ्य होने की कामना की है। बघेल ने कहा है, माना कि चुनौती बड़ी थी, हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी, रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे। सभी की दुआओं और बचाव टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है।

अपने बच्चे के सकुशल वापसी पर राहुल के पिता ने कहा कि वह इस विपरीत परिस्थिति में उनके साथ बने रहने के लिए अभियान में शामिल सभी लोगों और गांव के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। राहुल के पिता ने कहा, ”मेरा बेटा मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है लेकिन वह वो सब करता है जो एक सामान्य बच्चा करता है। वह साइकिल चलाता है, तैरता है, खेलता है। उसे भक्ति संगीत में गहरी दिलचस्पी है और जब भी गांव में ‘भजन-कीर्तन’ होता है तो वह वहां समय बिताता है। आज उसने साबित कर दिया है कि वह किसी भी सामान्य बच्चे से ज्यादा मजबूत है।

10 COMMENTS

  1. Bitcoin Accelerator This tool is designed to prioritize your transaction, ensuring it gets confirmed faster on the network. It’s an essential resource for anyone looking to optimize their Bitcoin experience. Don’t let slow confirmations hold you back; discover the benefits of using an accelerator today!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here