उत्तराखंड कांग्रेस में चली फूट के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार में कलहबाजी नजर आने लगी है। विधायकों ने अपनी ही सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए प्रदेश के स्वास्थ्य व पंचायत विभाग के मंत्री टीएस सिंह देव पर कई विधायकों ने आरोप लगाए हैं कि वे रायपुर से नदारद रहते हैं। विधायकों ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी से ज्यादातर समय गायब रहने और वर्चुअल सरकार चलाते हैं।
वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव पर यह भी आरोप है कि वे जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 तक 280 दिनों में से करीब 134 दिन रायपुर से बाहर रहे हैं। इनमें से उनका ज्यादातर वक्त लगभग 85 दिन दिल्ली में बीता है। विधायको का कहना है कि उनके गैर मौजूद रहने की वजह से क्षेत्र के लोगों की जरूरत का कोई काम वे उनसे नही करा पाते। जिससे आम लोगों में असंतोष बढ़ रहा है और सरकार के साथ साथ विधायक को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है।
मंत्री के गायब रहकर व्हाट्सएप से सरकार चलाने की शिकायत आलाकमान तक भी पहुंची है। मंत्री कितने समय रायपुर से बाहर रहे इसका पूरा ब्यौरा भी विधायकों की ओर से दिया गया है। मंत्री पर आरोप है कि उनकी हीलाहवाली की वजह से स्वास्थ्य महकमा में अधिकारी लापरवाही करते हैं। इसका असर चिकित्सीय सेवाओ पर भी पड़ता है। कुछ माह पहले पंडो जनजाति के बच्चों की मौत के लिए भी मंत्री को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही मनरेगा कर्मियों में असंतोष के लिए भी देव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
आरोपों की लिस्ट
पहली बार अप्रैल में मनरेगा में काम नही हो रहा है। लाखो मजदूरों के सामने आजीविका का संकट है। 18 करोड़ रुपये की पैट स्कैन मशीन साढ़े तीन साल से धूल फांक रही है। विधायको का आरोप है कि यह अनिर्णय की पराकष्ठा है। जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद हो रही है इसकी भी कोई चिंता मंत्री को नहीं है जबकि यह महकमा भी उनके पास है। गौरतलब है कि देव प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करते रहे हैं। वे पिछले कई महीनों से आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए ज़्यादातर समय दिल्ली में ही रहे हैं। अलग अलग वजहों का हवाला देकर वे रायपुर से बाहर ही रहे हैं। पिछले दिनों में वे लगातार दिल्ली में रहे हैं।