छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक दिसंबर से शुरू होगा आदिवासी आरक्षण मुद्दे पर विशेष सत्र

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रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्णय से आदिवासी आरक्षण को लेकर उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष दो दिवसीय सत्र एक दिसम्बर से शुरू होगा। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत से विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के प्राप्त प्रस्ताव पर आज यहां हस्ताक्षर कर दिए। यह सत्र आगामी 01 और 02 दिसम्बर को आहूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पूर्व आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा था। बघेल ने आगामी एक एवं दो दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया था।

उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद आदिवासी समाज में आक्रोश को देखते हुए सीएम बघेल ने उन्हे आश्वस्त किया हैं कि उनको 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल शीघ्र वहां जाएगा। अध्ययन दल के गठन एवं इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है। उनकी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों।

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