छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जंगली हाथी के हमले में एक मजदूर की मौत हो गई है जबकि एक अन्य मजदूर घायल हो गया। वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले के मरवाही वन मंडल में मालाडांड़ गांव के करीब जंगली हाथी के हमले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के मजदूर बदिराम पनिका (47) की मौत हो गई जबकि सहदेव पनिका (50) घायल हो गया। मरवाही वनमंडल के वनमंडल अधिकारी दिनेश पटेल ने बताया कि मालाडांड़ गांव के करीब कुछ मजदूर मनरेगा का काम करके घर लौट रहे थे उसी दौरान तीन मजदूरों सहदेव पनिका, बदिराम पनिका और रंजीत आर्मो का रास्ते में पड़ने वाले जंगल में एक दंतैल हाथी से सामना हो गया। पटेल ने बताया कि हाथी ने पहले सहदेव पर हमला किया और अपनी सूंड से उसका पैर पकड़कर उछाल दिया। बाद में हाथी ने बदिराम पर हमला कर दिया और उसे कुचल दिया।
वन अधिकारी ने बताया कि किसी तरह रंजीत और सहदेव ने भाग कर जान बचाई और अन्य ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से बदिराम और सहदेव को अस्पताल पहुंचाया गया जहां से चिकित्सकों ने उसे जिला चिकित्सालय भेज दिया। इलाज के दौरान बदिराम की मौत हो गई। पटेल ने बताया कि सहदेव के पैर में गंभीर चोट लगी है उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की सीमा से लगे इस वन क्षेत्र में तीन हाथियों का दल पिछले कई माह से विचरण कर रहा है। आज सुबह यह दल मध्यप्रदेश के अनूपपुर की ओर से आया था, जिसमें से एक दंतैल हाथी दल से अलग हो गया और उसका मजदूरों से सामना हो गया।
वन अधिकारी ने बताया कि मृतक बदिराम के परिजनों को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि मरवाही वन मंडल में हाथियों के हमले की अनेक घटनाएं हो चुकी है। इससे पहले 20 मार्च को मरवाही वन मंडल के रूमगा गांव के करीब जंगली हाथी ने महुआ चुन रही 10 वर्षीय बच्ची को कुचलकर मार डाला था। इस घटना के चार दिन बाद 24 मार्च को परासी गांव के करीब एक दंतैल हाथी ने 42 वर्षीय महिला धनिया बाई को कुचलकर मार डाला था।