बिलासपुर में दशहरा तक नए कपड़े पहनेंगे बंगाली परिवार के लोग, जानें दुर्गा पूजा को लेकर क्या है मान्यता

1
214

बिलासपुर। धर्म, कला एवं संस्कृति को परिलक्षित करती दुर्गा पूजा के प्रारंभ होने के साथ ही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस त्योहार का उल्लास अपने चरम पर है। पारंपरिक हर्षोल्लास और श्रद्धाभाव से मनाई जाने वाली पांच दिवसीय दुर्गापूजा आज षष्ठी के दिन शुरू होकर पांच अक्टूबर विजयादशमी तक चलेगा। दुर्गापूजा की खरीदारी को लेकर पिछले माह से शबाब पर रही लोगों की खुमारी उतर चुकी है और यहां के मॉल एवं बाजारों में साड़ियां, धोती-कुर्ते, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन, मिठाइयों एवं उपहार सामग्रियों की दुकानों से बंगाली परिवारों की भीड़ छंट चुकी है तथा अब उनके कदम पूजा पंडालों की ओर बढ़ने और ढाक की थाप पर धूनी धुलूचि लिए नृत्य की लय के साथ झूमने को आतुर हैं।

दुर्गापूजा पर नए कपड़े पहनने का बंगाली परिवारों में आलम यह है कि गरीब से गरीब परिवार भी त्योहार के इन चार दिन नए कपड़े पहनते हैं। संपन्न वर्ग तो पहर के हिसाब से भी अपना लुक बदलते नजर आते हैं। आधुनिक परिधानों को तरजीह देने वाले महिला-पुरुष भी दुर्गा पूजा के दौरान विशेषकर महाअष्टमी के दिन पारंपरिक परिधान को प्रमुखता देते हैं। दुर्गा पूजा समूचे परिवार एवं समाज के लिए समारोह और खुशियों के आदान-प्रदान का मौका होता है और यही वह समय होता है जब लोग व्यस्तताओं से परे एक दूसरे से मिलने जुलते हैं और त्योहार की खुशियों की साझेदारी करते हैं।

दुर्गापूजा एवं नवरात्र के मौके पर पारंपरिक डांडिया का आयोजन भी एक प्रमुख आकर्षण होता है जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल होते हैं। मां दुर्गा की भक्ति एवं स्तुति को केंद्र में रखते हुए पूरे उल्लास के माहौल में महिला-पुरुष एवं बच्चे भी डांडिया नृत्य में हस्सिा लेते हैं। बिलासपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में पारंपरिक दुर्गापूजा के आयोजन का विशिष्ट महत्व है। प्रत्येक वर्ष की तरह यहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है और पांच दिनों तक यहां पूजा के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस मौके पर हजारों की संख्या में विभिन्न समाजों के महिला, पुरुष और बच्चे आश्रम में उपस्थित होते हैं और पूजा में अपनी भागीदारी निभाते हैं। दुर्गा पूजा की भव्यता तथा विशाल आकर्षक पंडालों की साजसज्जा गैर बंगाली समुदाय के लोगों को भी आकर्षित करती रही है और इनमें से बहुतेरे लोग इस समुदाय की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत से करीब से रुबरू होने और मां दुर्गा के दर्शन के लिए पूजा पंडालों में उमड़ पड़ते हैं।

1 COMMENT

  1. I am really inspired together with your writing talents and also with the format to your blog. Is that this a paid subject matter or did you modify it yourself? Anyway stay up the nice high quality writing, it’s uncommon to look a nice blog like this one these days!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here