महादेव ऐप: आरोपी का मामले में फंसाने का दावा, किसी को भी नकदी पहुंचाने से किया इनकार

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में गिरफ्तार आरोपी असीम दास ने विशेष अदालत में कहा कि उसने कभी भी किसी नेता को धन नहीं पहुंचाया तथा उसे फंसाया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नकदी पहुंचाने के आरोप का सामना कर रहे असीम दास और पुलिस आरक्षक भीम सिंह यादव को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले तीन नवंबर को गिरफ्तार किया था। राज्य में सात और 17 नवंबर को विधानसभा के लिए मतदान हुआ। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। दास के वकील शोएब अल्वी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दास और यादव को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया।

उन्होंने बताया कि सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दी। अल्वी ने बताया कि दास ने जेल से ईडी के निदेशक को एक पत्र लिखा था और इसकी प्रतियां 17 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई। पत्र में कहा गया है कि उसे महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में फंसाया जा रहा है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने उसे अंग्रेजी में लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जिस भाषा को वह नहीं समझता है।

वकील ने बताया कि उन्होंने अदालत से इस पत्र को इस मामले में रिकॉर्ड पर स्वीकार करने का आग्रह किया है। दास ने अपने पत्र में कहा है कि वह इस साल अक्टूबर में शुभम सोनी द्वारा बुलाए जाने के बाद दो बार दुबई गया था, जो उसके बचपन का दोस्त था। यात्रा की व्यवस्था सोनी ने की थी। ईडी के अनुसार सोनी महादेव नेटवर्क के मुख्य आरोपियों में से एक है। अल्वी ने बताया, दास ने पत्र में कहा है कि सोनी छत्तीसगढ़ में एक निर्माण व्यवसाय शुरू करना चाहता था और उसने उसे (दास को) अपने लिए काम करने कहा था। सोनी ने दास को धन की व्यवस्था करने का वादा किया था। अल्वी ने कहा, उस दिन (जब दास को गिरफ्तार किया गया था) उसे (दास को) रायपुर विमानतल की पार्किंग में खड़ी एक कार लेने और रायपुर के वीआईपी रोड पर स्थित एक होटल में जाने के लिए कहा गया था। बाद में उसे कार को सड़क पर पार्क करने के लिए कहा गया, जहां एक व्यक्ति ने नकदी से भरा बैग कार में रखा और चला गया।

दास ने पत्र में कहा है, मुझे फोन पर अपने होटल के कमरे में वापस जाने के लिए कहा गया और कुछ ही देर में ईडी के अधिकारी मेरे कमरे में आए और मुझे अपने साथ ले गए। बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है। दास ने कहा है, मैंने कभी भी किसी नेता या कार्यकर्ता को धन या कोई अन्य सहायता नहीं दी है। ईडी ने तीन नवंबर को दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और नकदी पहुंचाने के आरोपी दास द्वारा दिए गए एक बयान से चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने आरोप से इनकार किया था और भाजपा पर विधानसभा चुनाव में हार की आशंका में ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।

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