छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भालुओं के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में रविवार सुबह भालुओं के हमले से बैगा आदिवासी जवाहर बैगा (40) की मौत हो गई। अचानकमार टाइगर रिजर्व के उप निदेशक सत्यदेव शर्मा ने बताया कि रविवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे रिजर्व के कोटा बफर परिक्षेत्र के अंतर्गत पश्चिम शिवतराई में कुरदर गांव निवासी जवाहर अपने कुछ साथियों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने गया था।
उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता तोड़ते हुए ग्रामीण पहाड़ी के करीब पहुंच गए थे, इस दौरान वहां अचानक तीन भालुओं ने उन पर हमला कर दिया। शर्मा ने बताया कि भालुओं के हमले के बाद ग्रामीण वहां से भागने लगे, लेकिन जवाहर वहीं गिर गया। इसकी वजह से वह भालुओं के हमले का शिकार हो गया। अधिकारी ने बताया कि जंगल से जान बचाकर भागे ग्रामीणों ने जब घटना की जानकारी वन विभाग और पुलिस को दी तब वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घटनास्थल पहुंचे। बाद में वन विभाग ने जवाहर के शव को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
शर्मा ने बताया कि वन विभाग ने मृत ग्रामीण के परिजनों को तात्काल 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों से जनहानि होने की स्थिति में मृतक के परिजनों को कुल छह लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। शर्मा ने बताया कि परिजनों को शेष राशि देने के लिए विभाग ने जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारी ने बताया कि जवाहर को उस जंगल के बारे में बेहतर जानकारी थी। वह अक्सर वन विभाग के लिए कटाई-सफाई के काम के दौरान मजदूरी भी करता था। उन्होंने बताया कि जवाहर ने अपने साथियों को पहाड़ी की तरफ भालुओं के होने की जानकारी दी थी, लेकिन रविवार को वह स्वयं तेंदूपत्ता तोड़ते पहाड़ी तक पहुंच गया जहां भालुओं ने उस पर हमला कर दिया।