छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसपर शुक्रवार को चर्चा शुरू हुई। विपक्ष ने सरकार पर युवाओं और संविदा कर्मचारियों को धोखा देने समेत 109 आरोप लगाये हैं। भाजपा ने बुधवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर आज चर्चा शुरू हुई। संभावना है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष देर शाम तक इस पर चर्चा करेंगे। चारदिवसीय मानसून सत्र के आखिरी दिन भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत हुई। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर कई मोर्चों पर विफल होने और युवाओं तथा संविदा कर्मचारियों को धोखा देने का आरोप लगाया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सदन में आरोप पत्र पेश किया।
बहस की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया है क्योंकि यह सरकार बहरी और गूंगी हो गई है तथा लोकतंत्र की हत्यारी बन गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं पर भूपेश बघेल सरकार द्वारा किए गए अत्याचार अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से कहीं अधिक हैं। सप्ताह के शुरुआत में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवकों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग कर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किए गए नग्न विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार में युवाओं को अपने कपड़े उतारने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य का विकास नहीं कर सकती बल्कि आत्म कल्याण में लगी हुई है।
अग्रवाल ने सत्ताधारी दल कांग्रेस के संगठन और मंत्रिमंडल में हुए हाल के बदलावों पर कटाक्ष करते हुए कहा, मुख्यमंत्री को न अपने कैबिनेट सहयोगियों पर और न ही अपने पार्टी प्रमुख पर भरोसा है। वहीं मंत्रियों को मुख्यमंत्री पर कोई भरोसा नहीं है। कांग्रेस नेता मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने तथा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को मंत्रिमंडल से हटाकर मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल करने का वह जिक्र कर रहे थे। इस दौरान अग्रवाल ने कथित शराब घोटाले समेत भ्रष्टाचार को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। अग्रवाल के भाषण के दौरान मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायकों ने रोक-टोक किया और उनके आरोपों पर पलटवार किया। विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने मंत्रियों से कहा कि वे बीच में टोकाटाकी न करें क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सभी को बोलने का मौका मिलेगा।