छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की कानून-व्यवस्था की स्थिति की तुलना कांग्रेस शासित इस राज्य से करके छत्तीसगढ़ को बदनाम करने की कोशिश की है। बघेल मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने की कथित घटना पर प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून व्यवस्था दुरूस्त करने विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और मजबूत करने तथा कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने सभी राज्यों से महिलाओं की सुरक्षा का आह्वान करते हुए राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने संवाददाताओं से कहा, “मणिपुर पिछले तीन महीने से जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री जी ने एक बार भी इसके बारे में नहीं कहा। पहली बार उन्होंने घटना के बारे में 36 सेकेंड तक बात की। मणिपुर के बारे में बोलने के बजाय उन्होंने छत्तीसगढ़ और राजस्थान को घसीट लिया। उन्हें मणिपुर की घटना के बारे में बोलना चाहिए था जिसके लिए पूरा देश चिंतित है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने हाल ही में छत्तीसगढ़ का दौरा किया था और अपने राजनीतिक भाषण में उन्होंने छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं कहा था। यहां तक कि कई बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके अमित शाह ने भी अपने भाषणों में कभी भी राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिक्र नहीं किया। अचानक, आज उन्होंने (प्रधानमंत्री) मणिपुर की तुलना राजस्थान और छत्तीसगढ़ से की, जहां (इस साल के अंत में) विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा छत्तीसगढ़ में ऐसी (मणिपुर जैसी) कोई स्थिति नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अदालत और अस्पताल में हत्याओं या मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार पर एक शब्द भी नहीं कहा।
बघेल ने कहा वह विदेश दौरों और चुनाव प्रचार में व्यस्त रहते हैं। उनके पास मणिपुर जाने का समय नहीं था। बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री कैसे आधारहीन आरोप लगा सकते हैं और छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कानून व्यवस्था की स्थिति को मणिपुर से जोड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री सिर्फ लोगों को मणिपुर मुद्दे से भटकाना चाहते हैं। वह मणिपुर की तुलना ऐसे राज्य से कर रहे हैं जो शांतिपूर्ण है। मणिपुर में जो हो रहा है वह अलग बात है। इसकी तुलना छत्तीसगढ़ से नहीं की जा सकती। छत्तीसगढ़ को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।