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छत्तीसगढ़ में रेल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना से औद्योगिक गतिविधियों का तेजी से होगा विस्तार: सीएम बघेल

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यूपी में औद्योगिक परिदृश्य को बेहतर करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। सरकार ने अब तक 167 एमओयू किए हैं। इन के माध्यम से 78 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में प्रस्तावित है, इनमें 90 इकाईयों को लगाने की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार को दुर्ग जिले के औद्योगिक क्षेत्र भिलाई में स्थित हथखोज में नवनिर्मित रेल इंडस्ट्रियल पार्क एवं भारी एवं हल्का ओद्योगिक क्षेत्र भिलाई में निर्मित अधोसंरचनाओं के लोकार्पण के अवसर पर नागरिकों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पहले जब औद्योगिक क्षेत्र बनते थे तब मौलिक सुविधाओं का अभाव होता था और इसके लिए काफी कोशिश करनी होती थी। आज रेल पार्क की अधोसंरचना देखी। सारी सुविधा यहां मौजूद है। यहां जल्द ही यूनिट्स लग जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विभिन्न उद्योगों के माध्यम से प्रदेश में 19 हजार 550 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जिसके माध्यम से 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है।

छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदार बने देवांगन समाज: सीएम भूपेश

6000 लोगों को रोजगार मिला

सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है और इसकी संभावनाओं को देखते हुए हमने फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर विशेष जोर दिया। खाद्य एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में 478 इकाईयों के माध्यम से 1167 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 6000 लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल इंडस्ट्रियल पार्क लगने के पश्चात यहां पर औद्योगिक गतिविधियों का तेजी से विस्तार होगा। प्रदेश में उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिए अधोसंरचना के क्षेत्र में और नीतियों के क्षेत्र में हरसंभव सुविधाएं देना सरकार की प्राथमिकता है और इस पर लगातार कार्य किया जा रहा है।

सीएम बघेल का ऐलान, छत्तीसगढ़ में खुलेंगे 1000 परिवहन सुविधा केन्द्र, पांच हजार युवाओं को भी मिलेगा रोजगार

छत्तीसगढ़ में बनाया जाएगा फूड पार्क

उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य और रेल पार्क के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रेल पार्क में 22 भूखंड हैं। इसमे अधोसंरचना की पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में फ़ूड पार्कों की स्थापना की दिशा में उद्योग विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। इससे कृषि प्रधान हमारे राज्य का तेजी से आर्थिक विकास हो सकेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, भिलाई चरोदा के महापौर निर्मल कोसरे, सभापति श्री कृष्णा चंद्राकर एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस दौरान संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी श्री बद्री नारायण मीणा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, सीएसआईडीसी के एमडी श्री अरुण प्रसाद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि रेल पार्क में 8 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से सीसी रोड, पाइप लाइन, ओवरहेड टैंक, स्ट्रीट लाईट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होने का लाभ रेलवे के लिए उपकरण तैयार करने वाली यूनिटों को होगा। एक ही जगह पर अधोसंरचना उपलब्ध होने का लाभ उद्यमियों को होगा तथा रेलवे के लिए भी रेल पार्क बन जाने से आसानी होगी। इसके साथ ही आज हल्के एवं भारी औद्योगिक क्षेत्र में सवा चार किलोमीटर सीसी रोड का लोकार्पण भी किया गया। इसकी लागत 12 करोड़ रुपये है। आभार ज्ञापन उद्योग एवं व्यापार केंद्र के महाप्रबंधक श्री सिमोन एक्का ने किया।

छत्तीसगढ़ कोर्ट का फैसला: दिव्यांग युवती से बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास

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राजनांदगांव जिले की एक अदालत ने दिव्यांग युवती से बलात्कार के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राजनांदगांव के अतिरिक्त लोक अभियोजक आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक शर्मा की अदालत ने 25 वर्षीय दिव्यांग (मूक-बधिर) युवती के साथ बलात्कार करने के दोषी बिसन लाल सलामे (56) को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए अभियोग पत्र के अनुसार मोहला थाना क्षेत्र में ढाई साल पहले आरोपी सलामे ने दिव्यांग युवती के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया था। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त युवती की मां खेत में काम करने गई थी और वापस आने पर उसे इसका पता चला। अधिवक्ता ने बताया कि युवती की मां द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सलामे के खिलाफनामजद मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि दिव्यांग युवती की घटना के कुछ दिनों बाद ही बीमारी से मृत्यु हो गई।

ई-पॉश मशीन से राशनकार्ड धारकों को राशन लेने में न हो कोई परेशानी: मंत्री अमरजीत भगत

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रायपुर। कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए इसलिए राज्य के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक सुगमता पूर्वक राशन पहुंचाना हमारी जवाबदेही है। ई-पॉश मशीन लगने के बाद राशनकार्डधारी परिवारों को राशन लेने में आ रही कठिनाईयों का तत्काल समाधान किया जाए। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत ने यहां अपने निवास कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा, राशन कार्ड धारियों के थम इम्प्रेशन, नॉमिनी तथा सर्वर प्राब्लम के कारण राशन वितरण की शिकायत आ रही थी। उल्लेखनीय है प्रदेश में वर्तमान में लगभग 69 लाख राशन कार्ड प्रचलित और 13 हजार से अधिक शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में से 12 हजार 312 दुकानों में ई-पास मशीन लगाए जा चुके है।

खाद्य मंत्री भगत ने बैठक में कहा कि ऐसे व्यक्ति जिसके नाम से राशन कार्ड है परन्तु उचित मूल्य दुकान तक आकर राशन लेने में असमर्थ है जैसे-निःशक्तजन, बुजुर्ग, 10 वर्ष से कम उम्र के बालक, गंभीर लाईलाज बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति आदि के लिए कारगर योजना बनाकार राशन उपलब्ध कराया जाए। अधिकारियों ने बताया कि निःशक्तजन एवं ऐसे सदस्य जिसकी आयु 60 वर्ष से अधिक अथवा 10 वर्ष से कम राशनकार्डधारी के लिखित आवेदन पर जिला स्तर पर ही उसी उचित मूल्य दुकान से संलग्न एवं उनके द्वारा प्रस्तावित किसी अन्य हितग्राही को नॉमिनी नियुक्त कर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।

जिला स्तर पर 39 हजार से अधिक नॉमिनी नियुक्त किए जा चुके है तथा राज्य स्तर से 5,439 नॉमिनी नियुक्त किए जा चुके हैं। कुष्ठ रोगी, अथवा गंभीर बीमारी से पीड़ित राशनकार्डधारियों के लिए मितानिन या आगंनबाड़ी कार्यकर्ता को ट्रस्टेड पर्सन निुक्त कर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। मंत्री भगत ने कहा कि लोगों को सुगमता पूर्वक राशन उपलब्ध हो सके इसके लिए आवेदन परीक्षण के बाद जल्द से जल्द नॉमिनी और ट्रस्टेड पर्सन का लिस्ट जारी हो। भगत ने बैठक में नवीन ग्राम पंचायतों तथा 500 राशन कार्ड से अधिक संख्या वाले उचित मूल्य के दुकानों को कार्ड संख्या के हिसाब से युक्तियुक्तकरण के तहत नवीन आबंटन करने के भी निर्देश दिए।

खाद्य मंत्री भगत ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 तथा पिछले वर्षो के लंबित धान निराकरण की स्थिति का समीक्षा करते हुए कस्टम मिलिंग में तेजी लाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया इस वर्ष राज्य के किसानों से न्यूतम समर्थन मूल्य पर 97.98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई। मुख्यमंत्री की पहल पर धान खरीदी के साथ ही धान का उठाव तेजी से जारी है। वर्तमान उपार्जन केन्द्रों में मात्र 15 हजार 309 मीट्रिक टन धान उठाव के लिए शेष है। अब तक भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में 38.89 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है। जिसमें भारतीय खाद्य निगम में 20.71 लाख मीट्रिक टन और नागरिक आपूर्ति निगम में 18.17 लाख मीट्रिक टन चावल शामिल हैं। इस साल केन्द्रीय पूल में 61.65 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल जमा कराया जाना है। मंत्री भगत ने बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम, छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के कार्यो की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा, नागरिक अपूर्ति निगम के प्र्रबंध संचालक निरंजन दास, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) की प्रबंध संचालक किरण कौशल, संयुक्त सचिव अभिनव अग्रवाल सहित अन्य संबंधित वरष्ठि अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम बघेल के दौरे पहले निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी मंत्री ने सड़क की गुणवत्ता देख जताई नाराजगी, योजनाओं की भी जानी हकीकत

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सीएम बघेल के दौरे से पहले पूर्व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया बलरामपुर और अम्बिकापुर पहुंच गए। उन्होंने यहां योजनाओं व कार्यों की जमीनी हकीकत जानी। साथ विकास कार्यों का भी जायजा लिया। डॉ. शिवकुमार डहरिया ने जिला मुख्यालय बलरामपुर के नवीन बस स्टैण्ड में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत् मोबाईल मेडिकल यूनिट, वार्ड क्रमांक 14 में निर्माणाधीन डामरीकृत सड़क, जिला चिकित्सालय, धन्वंतरी मेडिकल स्टोर व प्रधानमंत्री आवास तथा जनपद कार्यालय का निरीक्षण किया।
जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रस्तावित विधानसभावार दौरे की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने जिला मुख्यालय में नवीन बस स्टैण्ड में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट का निरीक्षण कर अपना ब्लड प्रेशर चेकअप कराया। उन्होंने इस योजना का अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचाने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए।

उन्होंने नवीन बस स्टैण्ड में निर्मित दुकानों का आवंटन शीघ्र कराने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी बलरामपुर को दिए। मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर मरीजों व उनके परिजनों से अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान प्रभारी मंत्री ने जिला अस्पताल में संचालित डायलिसिस यूनिट व निर्माणाधीन हमर लैब का अवलोकन किया। डहरिया ने हमर लैब यूनिट को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में संचालित धन्वंतरी क्लीनिक का निरीक्षण किया तथा दवाई क्रय करने आये हितग्राहियों से दवाई में दी रही छूट के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने धन्वंतरी मेडिकल के संचालक से दवाई की उपलब्धता के संबंध में जानकारी लेते हुए सभी आवश्यक दवाएं रखने के निर्देश दिए।

नगर पालिका बलरामपुर के वार्ड क्रमांक 14 में निर्माणाधीन डामरीकृत सड़क के निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी जताई तथा उक्त सड़क की गुणवत्ता के जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने शहरी प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत वार्ड क्रमांक 05 में ईश्वर मिंज के नवनिर्मित मकान का अवलोकन किया। उन्होंने हितग्राही से आवास के राशि की भुगतान संबंधी जानकारी ली। तत्पश्चात् प्रभारी मंत्री ने जनपद पंचायत कार्यालय पहुंच, कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी ली तथा समय पर पेंशन राशि हितग्राहियों को भुगतान करने के निर्देश दिए। इस दौरान रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, प्रबंध संचालक एनआरएचएम व संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास डॉ. प्रियंका शुक्ला, जनसम्पर्क विभाग के संचालक सौमिल चौबे, कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, वनमण्डलाधिकारी श्री विवेकानन्द झा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

बलरामपुर के बाद डॉ. डहरिया अम्बिकापुर पहुंचे। वहां उन्होंने गांधीनगर क्षेत्र के सुभाषनगर में लगाए गए मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं बालगंगाधर तिलक वार्ड में चल रहे बीटी रोड निर्माण का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माणाधीन बीटी रोड की थिकनेस स्वयं जांची और अधिकारियों को गुणवत्ता पूर्ण कार्य के निर्देश दिए। डॉ. डहरिया ने कहा कि अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए करीब 7.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने सभी काम बरसात से पहले पूरा करने के निर्देश दिए। एमएमयू के निरीक्षण के दौरान डॉ डहरिया ने एमएमयू में उपलब्ध सुविधाओं तथा आज उपचार किये गए मरीजों की संख्या की जानकारी ली। वर्तमान में अम्बिकापुर निगम क्षेत्र में 4 एमएमयू संचालित है जो प्रातः 8 बजे से शाम 5 बजे तक मोहल्लों में शिविर लगाकर लोगों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। इस दौरान बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल, महापौर डॉ अजय तिर्की, जिला पंचायत सदस्य श्री राकेश गुप्ता, संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास डॉ प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह, नगर निगम आयुक्त श्री विजय दयाराम के, राज्य शहरी विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौमिल रंजन चौबे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम बघेल का ऐलान, छत्तीसगढ़ में खुलेंगे 1000 परिवहन सुविधा केन्द्र, पांच हजार युवाओं को भी मिलेगा रोजगार

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छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को आसान बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। इसकी सुविधा के लिए छत्तीसढ़ में केन्द्र खोले जाएंगे। इसके बाद अनाधिकृत एजेंटों के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं का आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के बाद विभाग ने इसका प्रारूप तैयार किया और अधिसूचना के बाद अब परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना भी शुरू हो गई है। जिला स्तर पर इच्छुक लोगों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। इसके तहत राजनांदगांव जिले में 24 परिवहन केन्द्रों की स्थापना के लिए इच्छुक आवेदकों से आगामी 10 मई तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। गौरतलब है कि पूरे राज्यभर में 1000 के करीब परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना किया जाना है। इन सुविधा के बाद परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए लोगों को अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं परिवहन संबंधी सुविधाएं घर के पास ही उपलब्ध हो जाएंगी।

परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिए राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते 26 जनवरी को घोषणा की थी। परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना और भूमिका को लेकर परिवहन विभाग की ओर से प्रारूप तैयार स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक ओर जहां इन केन्द्रों की स्थापना के बाद परिवहन सुविधाओं के लिए लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी। वहीं छत्तीसगढ़ में इसे रोजगारोन्मुखी भी बनाया जा रहा है। परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना से करीब पांच हजार युवाओं के रोजगार सृजन की संभावना भी बनेगी। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2021 को जारी भारत सरकार के राजपत्र क्रमांक 240(अ) के अनुसार लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र को अधिकृत किया जा सकता है। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केन्द्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।

सुविधा केन्द्र संचालन के लिए अर्हता

परिवहन विभाग की ओर से जारी प्रारूप व मार्गदर्शिका के अनुसार कोई व्यक्ति, संगठन, संघ, सहकारी समिति या कोई भी विधिक इकाई पात्र होंगे। वहीं केन्द्र संचालन के लिए कम-से-कम 100 वर्गफीट का स्वयं का भवन या किराया अनुबंध भवन उपलब्ध होना आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस के लिए अलग से विभाजित कक्ष होना भी आवश्यक है। सुविधा केन्द्र संचालन के लिए आवश्यकतानुसार जीएसटी प्रमाण-पत्र या नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। आवेदकों के लिए मूलभूत व्यवस्था सहित प्रतीक्षालय, तकनीकी कक्ष व सीसीटीव्ही कैमरा होना चाहिए। सुविधा केन्द्र संचालन के आवेदकों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होने की योग्यता निर्धारित की गई है। वहीं डीसीए/पीजीडीसीए या समकक्ष योग्यताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।

सुविधा केन्द्रों के द्वारा आवेदकों से ली जा सकेगी निर्धारित फीस

मार्गदर्शिका के अनुसार ऑनलाइन आवेदन के लिए सेवा शुल्क के रूप में 100 रुपये, परिवहन विभाग को ऑनलाइन फीस/टैक्स भुगतान करने के लिए (प्रत्येक एक हजार रुपये या उसके भाग के लिए) 50 रुपये, लर्निंग लाइसेंस के लिए शुल्क 50 रुपये, आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज की स्कैनिंग, कम्प्रेसिंग व अपलोड (प्रति पेज) 5 रुपये तथा ऑनलाइन आवेदन पूर्ति के संपूर्ण दस्तावेजों का प्रिंटआउट शुल्क (प्रति पेज) 5 रुपये निर्धारित है।

अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर में नहीं फसेंगे लोग

राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना का सबसे बड़ा लाभ आमजनता को होगा। अब तक सही जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग अनाधिकृत एजेंटों से संपर्क कर परिवहन संबंधी सेवा के लिए आवेदन करते रहे हैं। जिससे उन्हें समय अधिक लगने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता रहा है। परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

घर पहुंच सेवा में अब तक 9 लाख से अधिक लाभान्वित

छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की ओर से 1 जून 2021 से परिवहन संबंधी 22 तरह की सुविधाओं की घर पहुंच सेवा शुरू की गई थी। इसके तहत आवेदन के बाद लाइसेंस समेत अन्य दस्तावेज आवेदन के घर डाक के माध्यम से भेजे जाते हैं। इस सुविधा के शुरू होने के बाद अब तक 6 लाख 9 हजार 188 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एवं 3 लाख 830 ड्राइविंग लाइसेंस लोगों को घर बैठे प्राप्त हो चुके हैं।

Chhattisgarh ki taza khabar: छत्तीसगढ़ में मुफलिसी ने ले ली दो की जान, मां-बेटे ने गरीबी और बीमारी से तंग आकर लगाई फांसी

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मां-बेटे ने एक साथ फांसी लगा ली है। पुलिस ने आशंका जताई है कि गरीबी और बीमारी के कारण दोनों ने जान दी है। बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि जिले के कोटा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कलारतराई गांव में कृष्णा बाई मानिकपुरी (45) और उसके पुत्र अशोक दास मानिकपुरी (21) ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी है। कोटा थाने के प्रभारी दिनेश चंद्रा ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि कृष्णा बाई अपने बेटे अशोक दास और पति प्रेम दास के साथ कलारतराई गांव में रहती थी। कृष्णा बाई गांव के कुछ लोगों के घर में घरेलू काम करती थी और उसका बेटा मजदूरी करता था। वहीं, पति दिव्यांग होने के कारण कोई काम नहीं करता है।

चंद्रा ने बताया कि जानकारी मिली है कि सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि को मां-बेटे एक ही कमरे में सो रहे थे, वहीं प्रेम दास घर के बाहर आंगन में सो रहा था। मंगलवार की सुबह देर तक जब मां-बेटे कमरे से बाहर नहीं निकले तब प्रेम दास ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में प्रेम दास ने इसकी जानकारी पड़ोसियों को दी। पड़ोसियों की मदद से जब प्रेम दास ने रोशनदान से कमरे के भीतर देखा तो मां-बेटे का शव फांसी से लटका मिला। चंद्रा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस दल रवाना किया गया। बाद में पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के​ लिए भेजा।

उन्होंने बताया कि प्रेम दास और पड़ोसियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी मिली है कि कृष्णा बाई पिछले लंबे समय से सिर दर्द और बुखार से पीड़ित थी, वहीं पुत्र को सीने में दर्द की शिकायत थी। परिवार ने कर्ज भी लिया था जिसकी साप्ताहिक किश्त वह समय पर जमा नहीं कर पा रहे थे। वहीं शारीरिक परेशानियों के कारण वह रोज काम पर भी नहीं जा पाते थे। चंद्रा ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि मां-बेटे ने आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या की है। हालांकि, इस संबंध में सही जानकारी जांच के बाद ही मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है।

Chhattisgarh News: नौ महीने में साढ़े चार महीने छत्तीसगढ़ से बाहर रहे वरिष्ठ मंत्री, जानें विधायकों ने क्या-क्या लगाए गंभीर आरोप

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उत्तराखंड कांग्रेस में चली फूट के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार में कलहबाजी नजर आने लगी है। विधायकों ने अपनी ही सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए प्रदेश के स्वास्थ्य व पंचायत विभाग के मंत्री टीएस सिंह देव पर कई विधायकों ने आरोप लगाए हैं कि वे रायपुर से नदारद रहते हैं। विधायकों ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी से ज्यादातर समय गायब रहने और वर्चुअल सरकार चलाते हैं।

वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव पर यह भी आरोप है कि वे जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 तक 280 दिनों में से करीब 134 दिन रायपुर से बाहर रहे हैं। इनमें से उनका ज्यादातर वक्त लगभग 85 दिन दिल्ली में बीता है। विधायको का कहना है कि उनके गैर मौजूद रहने की वजह से क्षेत्र के लोगों की जरूरत का कोई काम वे उनसे नही करा पाते। जिससे आम लोगों में असंतोष बढ़ रहा है और सरकार के साथ साथ विधायक को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है।

मंत्री के गायब रहकर व्हाट्सएप से सरकार चलाने की शिकायत आलाकमान तक भी पहुंची है। मंत्री कितने समय रायपुर से बाहर रहे इसका पूरा ब्यौरा भी विधायकों की ओर से दिया गया है। मंत्री पर आरोप है कि उनकी हीलाहवाली की वजह से स्वास्थ्य महकमा में अधिकारी लापरवाही करते हैं। इसका असर चिकित्सीय सेवाओ पर भी पड़ता है। कुछ माह पहले पंडो जनजाति के बच्चों की मौत के लिए भी मंत्री को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही मनरेगा कर्मियों में असंतोष के लिए भी देव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

आरोपों की लिस्ट
पहली बार अप्रैल में मनरेगा में काम नही हो रहा है। लाखो मजदूरों के सामने आजीविका का संकट है। 18 करोड़ रुपये की पैट स्कैन मशीन साढ़े तीन साल से धूल फांक रही है। विधायको का आरोप है कि यह अनिर्णय की पराकष्ठा है। जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद हो रही है इसकी भी कोई चिंता मंत्री को नहीं है जबकि यह महकमा भी उनके पास है। गौरतलब है कि देव प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करते रहे हैं। वे पिछले कई महीनों से आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए ज़्यादातर समय दिल्ली में ही रहे हैं। अलग अलग वजहों का हवाला देकर वे रायपुर से बाहर ही रहे हैं। पिछले दिनों में वे लगातार दिल्ली में रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदार बने देवांगन समाज: सीएम भूपेश

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज देवांगन समाज के साथ ही अन्य प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वह छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदार बने। सीएम बघेल जिले के भखारा के निकट सेमरा सी में देवांगन समाज के 57 वें अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देवांगन समाज के प्रदेश में योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देवांगन समाज हमेशा से व्यापार व्यवसाय के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। समाज के बुजुर्गों ने सालों से जो सम्मान और नाम व्यापार और व्यवसाय के क्षेत्र में कमाया है। इसके लिए उन्हें महाजन कहकर सम्मानित किया जाता रहा है। जरूरी है कि उस मान सम्मान को आगे भी कायम रखा जाए।

अधिवेशन में इस समाज के ज़िला स्तरीय कार्यक्रमों के लिए सामाजिक भवन की उठी मांग के मद्देनजर सीएम बघेल ने समाज को धमतरी के भटगांव में दो एकड़ भूमि आवंटित करने की घोषणा की। साथ ही इस आवंटित भूमि में सामाजिक भवन बनाने के लिए 25 लाख रुपये भी देने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने देवांगन समाज के साथ अन्य प्रदेशवासियों का भी आह्वान किया कि वे प्रदेश के विकास में भागीदार बने। उन्होंने प्रदेश सरकार की पहल पर हर निगम क्षेत्र में बनाए जा रहे सी मार्ट का जक्रि छेड़ते हुए आशा व्यक्त की कि इससे ग्रामीण हुनर, शिल्पकार, बुनकर, कुम्हार, महिला समूह द्वारा तैयार उत्पाद को शहर के बाजार में जगह मिलेगी।

सीएम बघेल ने प्रदेश के विकास में व्यापार और व्यवसाय को बढ़ाने की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि पहले चरण में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क हर ब्लॉक के दो चिन्हाकिंत गौठानों में बनाए जा रहे हैं। इसके पीछे की मंशा है कि वहां कार्यरत महिला समूह, हॉलर मिल, दाल मिल, घानी आदि के जरिए ग्रामीण उद्योग स्थापित कर आय का एक सशक्त जरिया विकसित कर लें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देवांगन समाज के प्रतिभाशाली युवक युवतियों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, नगर पंचायत कुरूद के अध्यक्ष तपन चंद्राकर सहित देवांगन समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर बन रहा रिकॉर्ड, कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा चार करोड़ के पार

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छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा चार करोड़ को पार कर गया है। स्वास्थ्य विभाग से आज मिली जानकारी के अऩुसार कोविड-19 से बचाव के लिए प्रदेश भर में अब तक कुल चार करोड़ 20 हजार 099 टीके लगाए गए हैं। इनमें से दो करोड़ 17 लाख 26 हजार 571 टीके प्रथम डोज के रूप में, दो करोड़ 78 लाख 27 हजार 071 द्वितीय डोज के रूप में और चार लाख 66 हजार 457 टीके प्रिकॉशन डोज के तौर पर लगाए गए हैं।

विभाग के अऩुसार प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक की 86 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का दोनों टीका लगाया जा चुका है। वहीं 15 वर्ष से 18 वर्ष के 50 प्रतिशत किशोरों को इसका दोनों टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश में 12 वर्ष से 14 वर्ष के 45 हजार 661 बच्चों को भी दोनों टीका लगाया जा चुका है। राज्य में 18 वर्ष से अधिक के एक करोड़ 69 लाख 65 हजार 270 नागरिकों और 15 वर्ष से 18 वर्ष के आठ लाख 16 हजार 140 किशोरों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।

छत्तीसगढ़ में बड़ा हादसा; तालाब में नहाने गए दो बच्चे डूबे, दोनों की मौत

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में गांव के एक तालाब में नहाने गये दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि घटना पोलमी गांव में गौरव केरकेटा (छह) और शिव केरकेटा (चार) एक तालाब में नहाने गए थे। नहाने के दौरान गहरे पानी में चले गए, जिससे दोनों डूब गए। दोनों के लाश मिलने के बाद परिवार में हड़कंप मचा है। पाली तानाखार से कांग्रेस के विधायक मोहित राम केरकेटा पोलमी गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को सहायता राशि के तौर पर 20,000 रुपये दिए तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये दिलाने का वादा किया।