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Chhattisgarh News: अयोध्या में रामलला को चढ़ाया जाएगा छत्तीसगढ़ का देवभोग, 1200 एकड़ में बोया जाएगा 110 क्विंट बीज

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अयोध्या में रामलला को उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ के देवभोग क़िस्म के चांवल का भोग प्रसाद चढ़ाया जाएगा। अयोध्या स्थित पुरारि सीड्स कंपनी 110 क्विंटल बीज इंदिरा गांधी कृषि यूनिवर्सिटी रायपुर से 3.5 लाख रुपये में खरीद रही है, जिसे अयोध्या एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के खेतों में बोया जाएगा। रामलला के विशेष भोग प्रसाद के लिए 110 क्विंटल बीज को अयोध्या में लगभग 1200 एकड़ खेत में बोया जाएगा, जिससे लगभग 6 हजार क्विंटल की फसल हो सकती है। कृषि महाविद्यालय के डॉ. विवेक त्रिपाठी ने बताया है कि 110 क्विंटल छत्तीसगढ़ देवभोग बीज इस माह के अंत तक अयोध्या सप्लाई होना है। पुरारि सीड्स कंपनी अयोध्या के संचालक रामगोपाल तिवारी ने बताया कि बारिश के मौसम में किसान यहां देवभोग धान का उत्पादन करेंगे। इस धान के चांवल से अयोध्या मंदिर में रामलला के लिए विशेष भोग तैयार किया जाएगा।

किसानों के हित में संचालित हो रही कई योजनाएं

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के अंतर्गत उन स्थानों का विकास कर रही है जहां वनवास काल के दौरान श्री राम की स्मृतियां जुड़ी हैं। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक उत्पादन देने वाली धान की प्रजाति स्वर्णा जो कि आंध्र प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निकाली गई, उसे और छत्तीसगढ़ की पुरानी धान प्रजाति जीराशंकर दोनों प्रजातियों की प्लांट ब्रीडिंग के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ देवभोग नाम की प्रजाति विकसित की। जो पतला चांवल की सुगंधित और मुलायम चावलों की प्रजाति में गिनी जाती है। इसका धान 135-140 दिन में पकता है और उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आता है। कृषि मंत्रालय भारत सरकार की बीज विकास समिति ने वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ देवभोग को भारत के राज्य पत्र में स्थान दिया और इसे छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए उत्पादन अनुशंसा दी। अब इसी चांवल का भोग अयोध्या में छत्तीसगढ़ के भांचा रामलला को चढ़ाया जाएगा।

किसानों से जुड़ रही हैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां

प्रदेश में बड़ी मात्रा में किसान छत्तीसगढ़ देवभोग धान की बुवाई कर रहे हैं। रायपुर और इससे जुड़े दुर्ग जिले में पाटन क्षेत्र, धमतरी जिले में देवभोग का उत्पादन जारी है, इन क्षेत्रों के किसानों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां जुड़ रही हैं। पहले इस किस्म के धान का पौधा 130-150 सेंटीमीटर तक होता था, लेकिन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के साथ संयुक्त रूप से परियोजना चलायी, जिसमें परमाणु विकिरण के कारण पौधे की लंबाई 110 सेंटीमीटर तक करने के साथ ही उत्पादकता बढ़ाने में भी सफलता पाई। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा अब तक 200 से भी अधिक वेरायटी निकाली जा चुकी है। जिसमें 1987 से अब तक 40 वेरायटी के धान शामिल हैं। इनमें महामाया, पूर्णिमा, दंतेश्वरी, बम्लेश्वरी, दुबराज, दुबराज सेलेक्शन-1, विष्णुभोग सेलेक्शन-1, बादशाह भोग, तरुण भोग इत्यादि प्रजाति के धान शामिल हैं।

Chhattisgarh News: आय से अधिक संपत्ति मामले में घिर सकते हैं पूर्व सीएम रमन सिंह

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Chhattisgarh News: बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति प्रकरण में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, और सांसद अभिषेक सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के अलावा अभिषेक सिंह की संपत्ति की जांच के लिए दायर याचिका स्वीकार कर ली है। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से छह हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस आरसी सामंत की एकल पीठ ने कांग्रेस नेता विनोद तिवारी की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने बताया कि सांसद बनने के बाद अभिषेक सिंह की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ। उनका नाम पनामा पेपर्स में भी था।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उनके खिलाफ शिकायत को जांच के लिए राज्य शासन को भेजा था। याचिकाकर्ता ने बताया कि डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के 2003 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे। 1998 का चुनाव हारने के बाद रमन सिंह कर्ज में थे फिर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे। इनके परिवार के पास कोई खास आय का स्रोत नहीं है। मगर चुनावी शपथ पत्र में सोना, जमीन, और लाखों रूपए की जानकारी दी थी। मगर ये सब आया कहां से इसकी जानकारी नहीं है। तिवारी ने बताया कि अभिषेक सिंह ने अपने पिता, और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रभाव के चलते काफी संपत्ति अर्जित की है। यह उनके द्वारा चुनाव लड़ते समय आयोग को दिए हलफनामे से कहीं ज्यादा है। तिवारी ने ईओडब्ल्यू से अभिषेक सिंह की संपत्ति की जांच की मांग की है। जस्टिस श्री सामंत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस पूरे मामले में सीबीआई, ईडी, और ईओडब्ल्यू को भी छह हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हर्ष परगनिया ने पैरवी की।

अभिषेक की कंपनी…

याचिकाकर्ता ने बताया गया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, अभिषेक सिंह के रूप में दोहरी पहचान रखते हैं। इस पहचान के जरिए उन्होंने तीन कंपनियां बनाई हैं और कई करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन कंपनियों में से प्रत्येक की गतिविधियां बेहद संदिग्ध हैं और संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच और जांच की जरूरत है।
यह कहा गया कि संभावित गलत कामों के स्पष्ट संकेतों के बावजूद ये क्यों नहीं हुए, यह एक रहस्य है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी में इंटीग्रेटेड टेक-इंफ्रा बिजनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड- अभिषेक सिंह ने विदेशी मुद्रा में पहले वर्ष में ही करोड़ों मूल्य के अपने शेयर बेचने से पहले, 90 फीसदी से अधिक हानि पर असामान्य लाभ अर्जित किया।

पत्नी के स्वामित्व वाले मूल्वयान शेयरों को छोटे अंश पर बेचा गया

एक अन्य शैले एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, विभिन्न संदिग्ध निवेश-कई करोड़ों-के स्रोतों से किए गए थे। जिनका अभी तक पूर्ण रूप से खुलासा नहीं किया गया है। सिंह और उनकी पत्नी के स्वामित्व वाले मूल्यवान शेयरों को उनके मूल्य के एक छोटे से अंश पर बेचा गया था। तीसरी कंपनी-मुशिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड- और संबंधित कंपनियों पर एक नजदीकी नजर डालने से क्रॉस निवेश का पता चलता है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से शामिल धन के वास्तविक स्रोतों को छिपाना है। यहां भी हम कंपनियों में शेयरों की बिक्री को 97 फीसदी तक की अकथनीय हानि पर देखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार रसीदें बड़ी मात्रा में चल रही हैं, उनके पीछे के विवरण की आपूर्ति नहीं की गई है। इसे इस तथ्य में जोड़ें कि इनमें से कम से कम दो कंपनियों की फेमा उल्लंघन के लिए जांच की जानी चाहिए।

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में महिला के साथ बलात्कर के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार

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जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ जिले में एक विक्षिप्त महिला के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जांजगीर चांपा जिले के पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जिले के डभरा थाना क्षेत्र में एक विक्षिप्त महिला (56) के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में किशन यादव (31) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की पांच तारीख को डभरा थाने की पुलिस ने थाना क्षेत्र में एक महिला का शव बरामद किया था। शव के चेहरे और गुप्तांग में चोट के निशान थे। पुलिस ने महिला की हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई थी। उन्होंने बताया कि जांच दौरान पुलिस को जब यादव के संबंध में जानकारी मिली तब यादव से पूछताछ की गई। बाद में यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया, पांच अप्रैल की रात करीब आठ बजे महिला को डभरा गांव की एक अन्य महिला ने भोजन दिया था। भोजन के बाद महिला रोज की तरह एक दुकान के सामने सो गई थी। जब महिला वहां सोई थी तब रात करीब 1.30 बजे आरोपी किशन यादव वहां पहुंचा और महिला से छेड़छाड़ करने लगा। जब महिला ने विरोध किया तब यादव महिला को घसीटकर एक सूने जमीन में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने बताया कि जब महिला ने यहां विरोध किया तब यादव ने उसके चेहरे और आंख को चोट पहुंचाया और सिर पत्थर पर पटककर उसे जख्मी कर दिया।

उन्होंने बताया कि यादव ने एक लोहे के सरिया से उसके गुप्तांग में चोट पहुंचाया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद यादव वहां से फरार हो गया। वहीं अधिक खून बहने से महिला की मौत हो गई। जब पुलिस को घटना की जानकारी मिली तब नौ अप्रैल को यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि माता—पिता की मृत्यु के बाद महिला विक्षिप्त हो गई थी और पिछले लगभग आठ वर्ष से वह डभरा गांव में ही विचरण करती रहती थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला की हत्या और बलात्कार के आरोप में यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मी की हत्या, नक्सलियों ने बीजापुर के गांव के बाजार में काट डाला

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने कथित तौर पर गांव के बाजार में एक पुलिसकर्मी की रविवार को काटकर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना बीजापुर से 73 किलोमीटर दूर मिरतुर गांव में उस समय घटी जब सहायक आरक्षी गोपाल काडती साप्ताहिक बाजार में गए थे। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमलावार सादे कपड़े में थे और उन्होंने धारदार हथियार से काडती पर हमला किया जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि काडती मिरतुर पुलिस थाने में तैनात थे। अधिकारी ने बताया, हमले के तरीके से संकेत मिलता है कि घटना को नक्सलियों के एक छोटे दल ने अंजाम दिया है।पुलिस टीम को हमलावरों की तलाश करने के लिए इलाके की छानबीन करने भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मृतक मिरतुर गांव के ही निवासी थे और पुलिस थाना परिसर में संतरी की ड्यूटी करने के बाद बाजार गए थे। अधिकारी ने बताया कि कडती वर्दी में थे और जब हमला हुआ तो उनके पास हथियार नहीं था।

Chhattisgarh Latest News: राम वन गमन पर्यटन सर्किट’ परियोजना के तहत तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू, 350 कलाकार लेंगे हिस्सा

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Chhattisgarh ki taza khabar: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राम वन गमन पर्यटन सर्किट’ परियोजना के तहत शिवरीनारायण मंदिर का नवीनीकरण कार्य पूरा होने के अवसर पर शुक्रवार को तीन दिवसीय एक कार्यक्रम की शुरुआत की। जांजगीर-चांपा जिले में मंदिर परिसर में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम का समापन रामनवमी के अवसर पर होगा। कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न कलाकारों द्वारा ‘मानस गायन’ से हुई। राज्य के 25 जिलों के लगभग 350 कलाकार इस वाचन प्रतियोगिता में भाग लेंगे जिसका नतीजा कार्यक्रम के समापन पर घोषित किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में चिह्नित नौ स्थलों में से शिवरीनारायण मंदिर दूसरा स्थान है। सरकार के अनुसार, ‘राम वन गमन पर्यटन सर्किट’ 2,260 किलोमीटर लंबा होगा।

Chhattisgarh News: लेन्टाना और यूपोटोरियम उन्मूलन काम से बारनवापारा अभ्यारण्य को मिला नया स्वरूप

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का सबसे उत्कृष्ट तथा आकर्षक अभ्यारण्य बारनवापारा का नया स्वरूप में कायाकल्प हुआ है। यह कायाकल्प वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के अंतर्गत कैम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में स्वीकृत राशि से किया गया है। इसके तहत 5 हजार 920 हेक्टेयर रकबा में सघन लेन्टाना उन्मूलन तथा यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य हुआ है। जिसमें से बारनवापारा अभ्यारण्य के 19 कक्षों में कुल 950 हेक्टेयर रकबा में लेन्टाना उन्मूलन का कार्य और 32 कक्षों में कुल 4 हजार 970 हेक्टेयर रकबा में यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में अभ्यारण्य को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं।

मृदा में नमी होने के चलते बढ़ रही कई प्रजाति की घास

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर बलौदाबाजार वनमंडल अंतर्गत स्थित बारनवापारा अभ्यारण्य में हुए वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य से वहां मृदा में नमी होने के कारण घास प्रजाति शीघ्रता से बढ़ने लगी हैं। साथ ही इससे अभ्यारण्य में वन्यप्राणियों को अब घास चरने के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है। जिससे वे लेन्टाना तथा यूपोटोरियम के उन्मूलन कार्य के बाद स्वच्छंद विचरण भी करने लगे हैं। इससे पर्यटकों को वन्यप्राणियों की सहजता से दृष्टता हुई है और वन्यप्राणी भी स्वस्थ व तन्दुरूस्त दिखाई देने लगे हैं। अभ्यारण्य में वन्यप्राणी रहवास उन्मूलन कार्य के उपरांत घास पुनुरोत्पादन में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है।

प्रधान एवं मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीवी नरसिंगराव ने बताया कि अभ्यारण्य में वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के तहत सघन लेन्टाना एवं यूपोटोरियम के उन्मूलन का कार्य किया गया है, जिससे बारनवापारा अभ्यारण्य में अब वन्यप्राणियों को वर्षभर हरी खाद्य घास उनके भोजन व चारा के रूप में उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि बारनवापारा अभ्यारण्य में तेन्दुए, गौर, भालू, साम्भर, चीतल, नीलगाय, कोटरी, चौसिंघा, जंगली सुअर, जंगली कुत्ता, धारीदार लकड़बग्घा, लोमड़ी, भेड़िया एवं मूषक मृग जैसे वन्यप्राणी बहुतायत में मिलता है एवं आसानी से दिखते भी है।

Chhattisgarh News: आकार लेने लगी है छत्तीसगढ़ में पर्यटन तीर्थों की नई श्रृंखला, 10 को सीएम बघेल करेंगे लोकार्पण

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रायपुर। छत्तीसगढ़ से जुड़ी भगवान श्रीराम के वनवास काल की स्मृतियों को सहेजने तथा संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में चयनित 9 पर्यटन तीर्थों का तेजी से कायाकल्प कराया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत इन सभी पर्यटन तीर्थों की आकर्षक लैण्ड स्कैपिंग के साथ-साथ पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है। 139 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना में उत्तर छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से लेकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले तक भगवान राम के वनवास काल से जुड़े स्थलों का संरक्षण एवं विकास किया जा रहा है। चंदखुरी के बाद अब शिवरीनारायण में भी विकास कार्य पूरा हो चुका है, जिसका लोकार्पण 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करेंगे। इसके लिए तीन दिवसीय भव्य समारोह की शुरुआत 08 अप्रैल से हो जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में वर्ष 2019 में भूमिपूजन कर राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण की शुरूआत की थी। इस परिपथ में आने वाले स्थानों को रामायणकालीन थीम के अनुरूप सजाया और संवारा जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की इस महात्वाकांक्षी योजना से भावी पीढ़ी को अपनी सनातन संस्कृति से परिचित होने के अवसर के साथ ही देश-विदेश के पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी प्राप्त होगी। 07 अक्टूबर 2021 को तीन दिवसीय भव्य राष्ट्रीय आयोजन के साथ माता कौशल्या मंदिर, चंदखुरी के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री की ओर से किया गया है, जिसके पश्चात् पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की सफलता का परिचायक है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परम्परा में प्रभु श्री राम रचे-बसे है। जय सिया राम के उद्घोष के साथ यहां दिन की शुरूआत होती है। इसका मुख्य कारण है कि छत्तीसगढ़ वासियों के लिए श्री राम केवल आस्था ही नहीं है बल्कि वे जीवन की एक अवस्था और आदर्श व्यवस्था भी हैं। छत्तीसगढ़ में उनकी पूजा भांजे के रूप में होती है।

Chhattisgarh News: कोरिया से सुकमा तक हर कदम पर होंगे भगवान राम के दर्शन, पर्यटन के विश्व मानचित्र पर होगा छत्तीसगढ़ का नाम

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रायपुर। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। वनवास काल में श्रीराम ने यहां महत्वपूर्ण समय व्यतीत किया, यहां के ऋषि आश्रम, प्रकृति के मध्य वनवास काटा, इसलिए यहां की जनश्रुतियों, लोककथाओं, आम जनजीवन में राम रचे-बसे हैं। जनमान्यताओं के सम्मान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संकल्पना पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की ओर से छत्तीसगढ़ में श्रीराम पथ वनगमन परिपथ के रूप में प्राचीनतम महत्व के वैश्विक पर्यटन क्षेत्रों का विस्तार किया जा रहा है।

मान्यता है कि राम के साथ माता सीता और लक्ष्मण ने 12 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे। जिन जगहों पर भगवान राम आए थे ऐसे 75 स्थानों को चिह्नित कर वैश्विक पर्यटन के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में कोरिया से सुकमा तक 2260 किमी की लंबाई तक 9 जगहों को रामायणकाल के वातावरण के अनुकूल विकसित करने का कार्य जारी है। कोरिया जिले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्व की कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। राम वन गमन पथ पर्यटन योजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं।

लगभग 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास का कार्य सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर लगातार जारी है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में नए वैश्विक अवसर भी बढ़ रहे हैं। पर्यटन में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही श्री राम वन गमन पथ ग्रामीण अर्थव्यवथा को स्वावलंबी और मजबूत बनाएगा। इस साल रामनवमी के अवसर पर मुख्यमंत्री 10 अप्रैल को शिवरीनारायण धाम में श्रीराम वन गमन पर्यटन पथ के परियोजना कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

इस दौरान शिवरीनारायण में तीन दिवसीय भव्य आयोजन में देश के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ छत्तीसगढ़ के भी प्रतिष्ठित कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इसमें चयनित 25 जिलों के मानस मंडलियों के लगभग 350 कलाकार शिवरीनारायण में 8,9 और 10 अप्रैल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। राम वनगमन पर्यटन परिपथ शिवरीनारायण की शुरूआत 8 अप्रैल को महंत डॉ रामसुंदर दास, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के द्वारा किया जाएगा। 9 अप्रैल को मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत शिवरीनारायण महोत्सव में मौजूद रहेंगे। राम वनगमन पर्यटन परिपथ शिवरीनारायण का समापन 10 अप्रैल को मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री बघेल की मौजूदगी में होगा।

Chhattisgarh News: टीशर्ट पहनना और पुरुष सहयोगियों संग नौकरी करने से तय नहीं होता महिला का चरित्र : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

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Chhattisgarh latest News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बच्चे की अभिरक्षा को लेकर दायर की गई एक याचिका पर फैसला देते हुए कहा है कि यदि पत्नी, पति की इच्छा अनुरूप स्वयं को नहीं ढालती है, तब यह बच्चे की अभिरक्षा से उसे वंचित करने का निर्णायक कारक नहीं होगा। न्यायालय ने पारिवारिक अदालत के आदेश को रद्द करते हुए मां को बच्चे की अभिरक्षा सौंपने का फैसला दिया है। अधिवक्ता सुनील साहू ने बताया कि जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की युगल पीठ ने महासमुंद जिले की पारिवारिक अदालत के आदेश को रद्द कर मां को बच्चे की अभिरक्षा सौंपने का फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने प्रस्तुत याचिका के निर्णय में टिप्पणी करते हुए कहा है कि जींस-टीशर्ट पहनने, पुरुष सहयोगियों के साथ नौकरी के सिलसिले में बाहर जाने से किसी भी महिला का चरित्र तय नहीं किया जा सकता है।

न्यायालय ने कहा है कि इस तरह की सोच से महिलाओं के अधिकार और स्वतंत्रता के लिए चल रही लड़ाई लम्बी और कठिन हो जाएगी। उसका कहना था कि ऐसी शुतरमुर्ग की तरह की मानसिकता रखने वाले समाज के कुछ लोगों के प्रमाण-पत्र से किसी महिला का चरित्र निर्धारित नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने यह भी कहा है कि प्रस्तुत मामले में यदि पत्नी, पति की इच्छा अनुरूप स्वयं को नहीं ढालती है, तो यह बच्चे की अभिरक्षा से उसे वंचित करने का निर्णायक कारक नहीं होगा। सुनील साहू ने बताया कि महासमुंद निवासी एक दंपती का विवाह वर्ष 2007 में हुआ था। इसी वर्ष दिसंबर माह में उनका एक पुत्र पैदा हुआ। विवाह के पांच साल बाद, वर्ष 2013 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। दोनों में आपसी सहमति बनी कि पुत्र अपनी मां के पास रहेगा। इसके बाद बच्चे की मां महासमुंद में ही एक निजी संस्थान में ऑफिस असिस्टेंट की नौकरी करने लगी।

साहू ने बताया कि तलाक के बाद 2014 में बच्चे के पिता ने महासमुंद की पारिवारिक अदालत में आवेदन प्रस्तुत कर बेटे को उसे सौपने की मांग की। पारिवारिक अदालत में बच्चे के पिता ने बताया कि उसकी पत्नी अपने संस्थान के पुरुष सहयोगियों के साथ बाहर आना-जाना करती है, वह जींस-टी शर्ट पहनती है, उसका चरित्र भी अच्छा नहीं है, इसलिए उसके साथ रहने से बच्चे पर गलत असर पड़ेगा। अधिवक्ता साहू ने बताया कि गवाहों के बयान के आधार पर फैमिली कोर्ट ने 2016 में बच्चे की अभिरक्षा मां के स्थान पर पिता को सौप दी थी। बच्चे की मां ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि दूसरों के बयान के आधार पर कोर्ट का यह निष्कर्ष निकालना गलत है कि पिता ही बच्चे की उचित देखभाल कर सकता है। साहू ने बताया कि न्यायालय ने बच्चे को उसकी मां को सौंपने का फैसला देने के साथ यह माना है कि बच्चे को अपने माता-पिता का समान रूप से प्यार और स्नेह पाने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने बच्चे के पिता को उससे मिलने और संपर्क करने की सुविधा भी दी है।

BJP Foundation Day: मंत्रियों और कार्यकर्ताओं संग कहां गए थे सीएम शिवराज, जानें पूरा मामला

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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के 42वें स्थापना दिवस BJP Foundation Day पर आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुना। इसके पहले श्री चौहान ने यहां स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर ध्वज फहराया। श्री चौहान पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ध्वज थाम कर फेरी में भी शामिल हुए।

चौहान ने भाजपा की टोपी लगाकर पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। कार्यक्रम के दौरान राज्य के कई मंत्री, पार्टी के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इसके पहले चौहान ने अपने ट्वीट में कहा कि राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए समर्पित संगठन भाजपा के स्थापना दिवस BJP Foundation Day की भाजपा परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। यह दिन हमें राष्ट्र सेवा के पावन व्रत और अंत्योदय के उत्थान के संकल्पों की याद दिलाता है। देश और समाज हित ही परम ध्येय है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के मार्गदर्शन में पार्टी से जुड़े सभी लोग शिक्षित, समर्थ और नये भारत के निर्माण के प्रयासों में जुटे हैं। श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल जी के सपनों का भारत हम सब मिलकर बनाएंगे। वहीं पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल से सटे बैरसिया में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना।