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छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ शिविर पर हमला: 17 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2024 में छत्तीसगढ़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उग्रवादियों द्वारा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर हमला किए जाने के मामले में 17 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है, उनमें से 16 फरार हैं और गिरफ्तार आरोपी की पहचान सोदी बामन उर्फ देवल के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि फरार आरोपियों में भाकपा(माओवादी) की केंद्रीय समिति और विशेष क्षेत्रीय/राज्य समिति के दो-दो सदस्य और ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1′, तेलंगाना राज्य समिति और भाकपा (माओवादी) की पामेड क्षेत्र समिति के अन्य शीर्ष कैडर शामिल हैं।

पीजीएलए, भाकपा (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। मामला 16 जनवरी 2024 को बीजापुर जिले के धर्मावरम में सीआरपीएफ के नए शिविर और चिंतावागु एवं पामेड में दो निकटवर्ती सीआरपीएफ/कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजॉल्यूट एक्शन) शिविरों पर हुए हमले से संबंधित है।

बयान में कहा गया कि स्वचालित हथियारों और बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) से लैस हमलावरों ने शिविरों से सुरक्षाबलों के हथियार और अन्य सामान लूटने का प्रयास किया। इसमें कहा गया, ”17 दिसंबर 2023 को स्थापित किए गए धर्मावरम सीआरपीएफ शिविर पर किए गए हमले में 12 जवान घायल हो गए थे।” बयान में कहा गया कि एनआईए ने नौ फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से मामला अपने हाथ में लिया और प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के 21 नामजद और 250-300 अज्ञात हथियारबंद कैडर के खिलाफ मामला दर्ज किया। संघीय एजेंसी ने कहा कि जांच से पता चला है कि आरोपी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश के तहत युवाओं की भर्ती में शामिल थे।

ईडी ने जब्त की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यालय और पूर्व मंत्री कवासी लखमा की संपत्ति

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक के कथित शराब घोटाले से जुड़ी धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में राज्य में कांग्रेस पार्टी के एक कार्यालय के अलावा उसके विधायक कवासी लखमा की कुल 6.15 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इन संपत्तियों को कुर्क करने का अनंतिम आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में लखमा, उनके बेटे हरीश लखमा और सुकमा जिले में कांग्रेस कार्यालय भवन की संपत्तियां शामिल हैं। संघीय एजेंसी ने दिसंबर 2024 में रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में लखमा से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार भी किया था। लखमा (72) कोंटा विधानसभा सीट से छह बार विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं। हरीश लखमा सुकमा में पंचायत अध्यक्ष हैं। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि छत्तीसगढ़ शराब ”घोटाले” के परिणामस्वरूप राज्य के कोष को ”भारी नुकसान” हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों ने इस अपराध से 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय अर्जित की। इसमें आरोप लगाया गया है कि अवैध शराब व्यापार से अर्जित आय का उपयोग सुकमा में कांग्रेस कार्यालय बनाने में किया गया।

अहमदाबाद विमान हादसे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने जताया दुख

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर गहरा दुख जताया है। लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। ‘बोइंग’ विमान अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेघाणीनगर इलाके में अपराह्न करीब दो बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने गुजरात में हुई विमान दुर्घटना पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने बताया कि साय ने गुजरात के अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को अत्यंत हृदयविदारक और दुखद घटना बताया है। मुख्यमंत्री ने इस भीषण दुर्घटना में मृत यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। साय ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल और शक्ति प्रदान करने की कामना की है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने आई आईपीएस बदले, अफसरों को नक्सल विरोधी मोर्चे पर किया तैनात

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के आठ अधिकारियों का तबादला कर उन्हें राज्य में नक्सल विरोधी मोर्चे पर तैनात किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सुकमा जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा क्षेत्र) आकाश राव गिरेपुंजे की सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी में विस्फोट होने से मृत्यु होने के बाद आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सभी आठ अधिकारी 2021 बैच के आईपीएस हैं और विभिन्न जिलों में नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) के पद पर तैनात थे।

उन्होंने बताया कि राज्य के गृह विभाग ने मंगलवार शाम को तबादले का आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार, सरगुजा के सीएसपी रोहित कुमार शाह को सुकमा जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) (नक्सल विरोधी अभियान) और जगदलपुर (बस्तर जिला) के सीएसपी उदित पुष्कर को दंतेवाड़ा जिले में एएसपी (नक्सल विरोधी अभियान) पदस्थ किया गया है। वहीं कोरबा के सीएसपी रवींद्र कुमार मीना और रायपुर के सीएसपी अमन कुमार रमन कुमार झा को बीजापुर जिले में एएसपी (नक्सल विरोधी अभियान) पदस्थ किया गया है। आदेश के अनुसार जगदलपुर के सीएसपी आकाश श्रीश्रीमल को कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में एएसपी (नक्सल विरोधी अभियान) पदस्थ किया गया है तथा रायपुर के सिविल लाइंस के सीएसपी अजय कुमार और बिलासपुर के सीएसपी अक्षय प्रमोद सबदरा को नारायणपुर जिले में एएसपी (नक्सल विरोधी अभियान) पदस्थ किया गया है। राज्य के रायगढ़ जिले में सीएसपी आकाश कुमार शुक्ला को दुर्ग जिले के बघेरा में एएसपी (नक्सल विरोधी अभियान) विशेष कार्य बल (एसटीएफ) पदस्थ किया गया है। सुकमा जिले के डोंड्रा गांव के करीब सोमवार को पत्थर खदान में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम (आईईडी) में विस्फोट होने से एएसपी (कोंटा क्षेत्र) गिरेपुंजे की मौत हो गई और दो अधिकारी घायल हो गए थे।

छत्तीसगढ़ में हत्या: चरित्र पर संदेह को लेकर शादी के तीन माह बाद ही पति ने पत्नी का गला रेता

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धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में पुलिस ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दोनों की तीन महीने पहले ही शादी हुई थी और आरोपी को अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के नगरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोटपारा इलाके में मीनाक्षी पटेल की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके पति धनेश्वर पटेल :26: को गिरफ्तार कर लिया है। नगरी थाना के प्रभारी शरद ताम्रकार ने बताया कि मंगलवार को घटना की सूचना मिलने पर वहां पहुंची पुलिस टीम ने घर के एक कमरे से मीनाक्षी का शव बरामद किया। मीनाक्षी की हत्या दरांती से गला रेतकर की गई थी।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में मीनाक्षी के पति धनेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली है कि मीनाक्षी और धनेश्वर का विवाह तीन माह पहले ही हुआ था। विवाह के बाद से ही धनेश्वर मीनाक्षी के चरित्र पर संदेह करता था। इसे लेकर दोनों में अक्सर विवाद होता था। ताम्रकार ने बताया कि मंगलवार की सुबह जब घर में धनेश्वर के माता—पिता नहीं थे, तब धनेश्वर और मीनाक्षी के बीच विवाद हुआ और धनेश्वर ने मीनाक्षी की गला रेतकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी जब पड़ोसियों को मिली तब उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने मोदी सरकार के 11 साल को चमत्कारिक और ऐतिहासिक बताया

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि अगले वर्ष मार्च तक नक्सलवाद को खत्म करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प पूरा हो जाएगा तथा राज्य में पिछले डेढ़ साल में 425 माओवादियों को ढेर कर दिया गया है। मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर राजधानी रायपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल कई मायनों में चमत्कारिक और ऐतिहासिक रहा है, अब भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में जिस तरह से छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उससे देश जल्द ही इस खतरे से मुक्त हो जाएगा।

साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ वर्ष में 425 माओवादियों को ढेर किया गया है, 1388 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और 1443 को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ”हमारे सुरक्षाबलों ने बसवराजू और सुधाकर जैसे शीर्ष नक्सलियों को ढेर करके माओवाद की कमर तोड़ दी है, जो प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से संभव हो सका।” एक सवाल के जवाब में साय ने कहा कि मानसून के कारण नक्सल विरोधी अभियानों में कुछ दिक्कतें आती हैं, लेकिन बरसात में भी कार्रवाई जारी रहेगी। साय ने कहा, ”छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी जी की अधिकांश प्रमुख गारंटियों (भाजपा के विधानसभा चुनाव के वादे) को पूरा करके एक कीर्तिमान स्थापित किया है।

निस्संदेह इसका श्रेय भी मोदी जी को जाता है, जिनकी गारंटी पर जनता ने भरोसा किया और हमें सेवा का मौका दिया।” उन्होंने कहा, ”हमने सुशासन के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए सुशासन एवं अभिसरण विभाग गठित किया है। यह विभाग दूसरे विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने का काम कर रहा है। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के उद्देश्य को साकार करते हुए महज डेढ़ साल में 350 नीतिगत सुधार किए हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी कर दी है, जिससे छत्तीसगढ़ में अब तक राजस्व संग्रह में कुल 62,509 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सप्ताह में छह दिन कार्य की प्रणाली को फिर से बहाल करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कई अधिकारियों ने भी इसका आग्रह किया है और उनकी सरकार इस पर विचार करेगी। छत्तीसगढ़ में अधिकारियों सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सप्ताह में पांच दिन कार्य की शुरुआत 2022 में पिछली भूपेश बघेल सरकार के दौरान की गई थी।

छत्तीसगढ़ के मंत्रियों का ‘चिंतन शिविर’ शुरू; मुख्यमंत्री साय और अन्य कैबिनेट मंत्री हुए शामिल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए दूसरा ‘चिंतन शिविर’ रविवार को भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) रायपुर में शुरू हुआ जिसका उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए रणनीति तैयार करना और राज्य के कामकाज में प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों को शामिल करना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट सहयोगी कार्यक्रम में मौजूद रहे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ”सुशासन से चुनाव तक” विषय पर समर्पित एक सत्र और बस्तर जैसे क्षेत्रों में जारी परिवर्तन चर्चा के केंद्र में रहने वाले प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं।

दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2.0’ राज्य के सुशासन और अभिसरण विभाग द्वारा आईआईएम रायपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। पहला ‘चिंतन शिविर’ पिछले साल मई में आयोजित किया गया था। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, ”एक अनूठी पहल के तहत ‘चिंतन शिविर 2.0’ रविवार को आईआईएम रायपुर परिसर में शुरू हुआ जो 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने की दिशा में छत्तीसगढ़ के सफर में एक महत्वपूर्ण कदम है।” विज्ञप्ति में कहा गया कि यह कोई साधारण सरकारी बैठक नहीं है, यह एक विचारशील मंच है जहां राज्य के सभी मंत्री अपने अनुभव, सीखे गए सबक और जमीनी हकीकत से जुड़ी कहानियों को साझा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। इसमें कहा गया, ”मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आयोजित दो दिवसीय शिविर, विशेष रूप से मंत्रियों के लिए पिछले डेढ़ साल के अपने कार्यकाल पर आत्मचिंतन करने और भविष्य के लिए एक सामूहिक मार्ग प्रशस्त करने के लिए आयोजित किया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य न केवल पिछले काम की समीक्षा करना है, बल्कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की स्पष्ट और प्रभावशाली भूमिका को परिभाषित करना है। इसमें कहा गया, ”प्रत्येक मंत्री अपने विभाग में किए गए नवाचारों, जन सेवा के माध्यम से मिले सबक और आगे की अपनी योजना प्रस्तुत करेंगे। सेवा, संकल्प और सीख के मुख्य विषयों पर केंद्रित विशेष सत्र भी कार्यक्रम का हिस्सा हैं।” विज्ञप्ति में कहा गया, ”इसके अलावा, मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी हाल की बैठकों के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन को साझा करेंगे, ताकि केंद्र और राज्य सरकार की रणनीतियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जा सके।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के पूवर्ती गांव में नक्सलियों ने शनिवार को एक ग्रामीण की निर्मम हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि घटना को 10 से 15 नक्सलियों के समूह ने इस घटना अंजाम दिया, जिन्होंने धारदार हथियारों से हमला कर ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के पीछे मुखबिरी वजह बताई जा रहा है, जिससे क्षेत्र में दहशत और भय का माहौल बन गया है।

पूवर्ती गांव कुख्यात नक्सली और मोस्ट वांटेड माडवी हिड़मा का गृहनगर है, जहां इससे पहले भी कई बार नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे और पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है और नक्सलियों की पहचान करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक घटना में शामिल माओवादियों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो महिला समेत पांच नक्सली ढेर

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद दो महिला समेत पांच नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों ने पिछले चार दिनों में दो नक्सली नेता समेत कुल सात नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए सभी सात नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार चार जून से बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान जारी है।

इस अभियान में राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ), जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशिष्ट इकाई कोबरा बटालियन के जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पांच जून को सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में माओवादियों के नेता सुधाकर उर्फ गौतम का शव बरामद किया गया था। इसके बाद छह जून को तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य भास्कर का शव बरामद किया गया। सुधाकर पर 40 लाख रुपये तथा भास्कर पर 45 लाख रुपये का इनाम था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को हुई मुठभेड़ों के दौरान तीन अन्य माओवादियों का शव बरामद किया। वहीं आज दो अन्य नक्सलियों का शव बरामद किया गया।

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा बरामद पांच अज्ञात नक्सली शवों की पहचान करने का प्रयास जारी है। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से हथियार और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया है, जिसमें दो एके-47 राइफल भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान कुछ सुरक्षाकर्मी सांप के काटने, मधुमक्खी के डंक मारने, निर्जलीकरण और अभियान संबंधी अन्य चोटों के कारण घायल हो गए। उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय उपचार प्रदान किया जा रहा है। सभी की स्थिति सामान्य है तथा वह खतरे से बाहर हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। इससे पहले, सुरक्षाबलों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) को बस्तर क्षेत्र में मार गिराया था। बसवराजू 21 मई को नारायणपुर-बीजापुर जिले की सीमा में हुई मुठभेड़ में मारा गया था।

छत्तीसगढ़ में दो सिंचाई परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री से चर्चा की : मुख्यमंत्री साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर राज्य में बोधघाट सिंचाई परियोजना सहित दो प्रमुख प्रस्तावित परियोजनाओं को लेकर चर्चा की और इसके लिए केंद्र से मंजूरी मांगी। साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह इन परियोजनाओं पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री साय शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद आज सुबह रायपुर लौटे हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ”माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से नयी दिल्ली में मैंने मुलाकात कर बोधघाट सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की और उन्हें बताया कि बस्तर संभाग के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से इन परियोजनाओं की स्वीकृति अत्यंत महत्वपूर्ण है।’

बाद में मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ”मैंने प्रधानमंत्री जी को बताया कि बस्तर लंबे समय तक नक्सलवाद की समस्या से प्रभावित रहा है और इसलिए सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए यहां बहुत काम नहीं हो पाया है। बस्तर में कुल बोये गए क्षेत्र 8.15 लाख हेक्टेयर में से केवल 1.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई सुविधाएं विकसित हो पायी हैं।” साय ने कहा, ”अब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बस्तर में तेजी से नक्सलवाद की समस्या का उन्मूलन हो रहा है और बस्तर शांति तथा विकास की ओर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना पूरे बस्तर में कृषि विकास और रोजगार को बढ़ाने में मदद करेगी।” उन्होंने कहा कि दोनों परियोजनाएं बस्तर को सक्षम, विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।

दोनों परियोजनाओं की कुल लागत 49 हजार करोड़ रुपये है। प्रस्तावित बोधघाट सिंचाई परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के 269 गांव लाभान्वित होंगे, इससे खरीफ और रबी सीजन में 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि 125 मेगावाट बिजली उत्पादन के अलावा, इससे 49 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे तथा प्रतिवर्ष 4,824 मीट्रिक टन मछली उत्पादन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ”इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के माध्यम से इंद्रावती नदी से लगभग 100 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फुट) पानी महानदी बेसिन में स्थानांतरित करने की योजना है। इससे तीन लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई हो सकेगी, जिसमें कांकेर जिले में 50,000 हेक्टेयर भूमि शामिल है।

उन्होंने कहा कि बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है। साय ने बताया, ”प्रधानमंत्री जी ने इसे गंभीरता से सुना और इस पर विचार करने की बात कही है। इससे हमारा यह विश्वास प्रबल हुआ है कि बस्तर के सर्वांगीण विकास का हमारा उद्देश्य सफल होगा। बस्तर में विकास, प्रगति और नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।” छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर क्षेत्र में सात जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा शामिल हैं। बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के तहत दंतेवाड़ा जिले के बारसूर गांव के पास इंद्रावती नदी पर बांध बनाने का प्रस्ताव है।