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भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी: साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में गुरुवार को कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है, हमारे देश में विश्व में सबसे ज्यादा युवा हैं, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह बहुत खुशी की बात है की छत्तीसगढ़ की धरती पर यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद बैठक आयोजित हो रही है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है।

शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा के सभी शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं। आज हमारे प्रदेश में युवा आईआईटी, एम्स, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू है। नई शिक्षा नीति के तहत हम युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयास जैसी संस्था स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है। प्रयास में पढ़े बच्चे बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। सीएम साय ने कहा कि ऐसे युवा जो सिविल सेवा आदि परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल स्थापित है। हमने इस ट्राईबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट कर दिया है।

प्रदेश भर में हम नालंदा परिसर बना रहे हैं जहां बच्चे एक शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। हमने यहां पहल की है कि मेडिकल की पढ़ाई भी छात्र हिंदी भाषा में कर पाएं। प्रदेश में प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा गोंडी, हल्बी आदि में शिक्षा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति के तहत हम न सिर्फ राज्य में निवेश ला रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और एआई डाटा सेंटर का कार्य प्रारंभ हुआ है। इन क्षेत्रों में भी युवाओं के रोजगार की बड़ी संभावना सृजित होगी। हमारी सरकार ने पीएससी में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपी है।

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान डेढ़ साल में सरकार द्वारा किये कार्यों की जानकारी हम जनता से ले रहे हैं। सुशासन तिहार का अभी तीसरा चरण चल रहा है, जिसके तहत हम पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। प्रथम चरण में जो आवेदन प्राप्त हुए उनका द्वितीय चरण में हमारे अधिकारियों के द्वारा निराकरण किया गया। अब तृतीय चरण में हम जनता के पास जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल में हमने प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश गारंटी को पूरा किया है। लोगों से प्रधानमंत्री आवास देने का जो वादा हमने किया था उसे निभाया है। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन की राशि मिल रही है। सुशासन तिहार के दौरान नारायणपुर में एक महिला ने मुझे यह बहुत खुशी से बताया कि महतारी वंदन की राशि से उसने एक सिलाई मशीन खरीदी है। जिसके माध्यम से वह चार से पांच हजार की कमाई कर रही है। सीएम साय ने कहा छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग प्रारंभ किया गया है। सरकार के सारे काम पारदर्शिता से हो रहे हैं। हम अब डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। ई-फाइल के माध्यम से फाइलें अब ऑनलाइन हैं। भ्रष्टाचार के सारे रास्ते हम बंद कर रहे हैं।

बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में निलंबित तीनों आईएएस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तीनों निलंबित अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को उच्चतम न्यायालय ने सशर्त अंतरिम जमानत दी है। शीर्ष अदालत की ओर से गुरुवार को जमानत के आदेश की प्रति प्राप्त हुई है। कोयला लेवी मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की। जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के प्रति टन पर 25 रुपए की अवैध लेवी वसूली जाती थी।

कोयला लेवी मामले में आरोपियों की याचिका पर न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की डबल बैंच ने सुनवाई करने के बाद अंतरिम जमानत दी, लेकिन साथ में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते इनके छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है। इन आरोपियों को हालांकि ईओडब्ल्यू में कई अन्य मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, याचिकाकर्ताओं को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का नर्दिेश दिया जाता है, बशर्ते कि वे निचली अदालत की संतुष्टि के लिए जमानत बांड प्रस्तुत करें। आरोपी सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर वश्निोई और सौम्या चौरसिया के मामले में यह निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे, सिवाय इसके कि तीनों आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या निचली अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

न्यायालय ने आगे निर्देश दिया है कि वे अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते प्रस्तुत करें। वे अपने रहने के स्थान की सूचना अधिकार क्षेत्र के थाने को दें। यदि याचिकाकर्ता गवाहों से संपर्क करने या फिर उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करते पाए जाते हैं, तो इसे अंतरिम जमानत की रियायत का दुरुपयोग माना जाएगा। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें और समय पर जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।

छत्तीसगढ़ के सीएम साय ने मांदरी में पंचायत शेड के नीचे लगायी चौपाल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘सुशासन तिहार’ के ‘अंतिम चरण’ में बुधवार को कांकेर (उत्तर बस्तर) जिले के ग्राम मांदरी में पंचायत शेड के नीचे अपनी चौपाल लगाई और ग्रामीणों से संवाद कर योजनाओं पर फीडबैक लिया। सीएम साय ने ग्रामीणों की मांग पर मांदरी में हाई स्कूल बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 20 लाख की स्वीकृति, मांदरी आंगनबाड़ी केंद्र भवन में बाउंड्रीवाल के लिए पांच लाख की स्वीकृति, साल्हेभांट मुख्य मार्ग से टीरउ सलाम के घर तक सीसी सड़क निर्माण 600 मीटर तक करने के वास्ते 15 लाख की स्वीकृति तथा झुरा नाला से खेतों में सिंचाई के लिए लाइन विस्तार के वास्ते 3.50 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की। सीएम साय ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने बीते डेढ़ वर्षों में जनता के हित में कार्य किया है।

सुशासन तिहार हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और सरकार द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने का अवसर भी। इसके माध्यम से हम जनकल्याणकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति जान रहे हैं। हमारे अलावा मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सुशासन तिहार में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने शपथ लेते ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के तहत कैबिनेट में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। उन्होंने कहा कि सभी जरूरतमंदों को आवास मिलेगा, ‘आवास प्लस’ में जिनका नाम है, उन्हें भी आवास दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 70 लाख से अधिक महिलाओं को ‘महतारी वंदन योजना’ की राशि सीधे उनके खातों में देकर आर्थिक समृद्धि और महिला सशक्तिकरण का द्वार खोला गया है। जो लाभार्थी अभी वंचित हैं, उन्हें भी जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 24 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। इससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंकिंग व अन्य सेवाओं की सुविधा मिलेगी। अभी यह सेवा 1460 पंचायतों में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री सीएम साय ने कहा कि सरकार तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर रही है। पंजीयन की नई प्रक्रिया से रज्ट्रिरी के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है। ग्राम मांदरी में अचानक पहुंचे सीएम साय ने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया। उन्होंने बिजली व्यवस्था, राशन वितरण और महतारी वंदन योजना की राशि के संबंध में हितग्राहियों से जानकारी ली। इस अवसर पर एक हितग्राही इतवारिन आचला ने बताया कि महतारी वंदन योजना की प्राप्त राशि का बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाकर राशि जमा कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है, और जनकल्याण ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में युवाओं प्रतियोगिता परीक्षा के तैयारी के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयार की पुस्तक ‘नई दिशा’ का विमोचन कर युवाओं को वितरित किया। उन्होंने विभिन्न विभागों के जन कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, आवास की चाबी, ट्राई साइकिल आदि भी वितरित किये।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 18 नक्सलियों ने मंगलवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 11 नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’ से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण से तंग आकर आज एक महिला समेत 18 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से पीएलजीए बटालियन नंबर एक के सदस्य मड़कम आयता (25) और भास्कर उर्फ भोगाम (26) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था। वहीं, नक्सली सदस्य मड़कम देवे (25) और लक्ष्मण (28) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले हेमला मंगलू (33), कुंजाम भीमा (36), मड़कम भीमा (25), मुचाकी मंगा (39), कोरसा संतोष (25) और तेलाम माड़ा (35) पर दो-दो लाख रुपये तथा डोडी मंगलू (51) पर एक लाख रुपये का इनाम था। अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार के नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत यह सफलता मिली है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल सदस्य मुक्त प्रत्येक ग्राम पंचायत को विकास कार्य के लिए एक करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि समर्पण करने वाले नक्सलियों को ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025’ के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

छत्तीसगढ़ में कोयला खदान का एक हिस्सा ढहने से दो युवकों की मौत, एक अन्य घायल

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मंगलवार को एक कोयला खदान की दीवार ढहने से दो युवकों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना सुबह के समय जिले की ‘साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ (एसईसीएल) की गेवरा-दीपका खदान में उस वक्त हुई जब मुंडापार बाजार निवासी विशाल यादव (18), धन सिंह कंवर (24) और साहिल धनवार (19) बिना अनुमति क्षेत्र में दाखिल हुए। उन्होंने बताया कि कथित तौर पर कोयला चोरी करने की कोशिश में खदान की दीवार ढहने से तीनों मलबे में दब गए।

अधिकारियों ने बताया कि यादव और कंवर की मौके पर ही मौत हो गई तथा धनवार गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि मौके पर ग्रामीण इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचित किया। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचा और शवों तथा घायल को अस्पताल में पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने बताया कि खदान के बाहरी क्षेत्र की दीवार पर कुछ कोयला रह जाता है और दीवार करीब 15 से 25 फुट ऊंची होती है। उन्होंने बताया कि संभवत: इस स्थान से कोयला चोरी करते समय यह ढह गई जिसके कारण दुर्घटना हुई। चंद्र ने बताया, ‘एसईसीएल प्रबंधन ने सभी से अपील की है कि वह इस प्रकार के जोखिम भरे और गैरकानूनी गतिविधियों से दूरी बनाएं तथा किसी प्रकार के प्रलोभन में न आएं।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पामेड़ में खुली ग्रामीण बैंक की शाखा, मुख्यमंत्री साय ने की शुरुआत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में राज्य सरकार ने ग्रामीण बैंक की शाखा की शुरुआत की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को बीजापुर जिले के अंदरूनी और पूर्व में नक्सल प्रभावित रहे पामेड़ इलाके में डिजिटल माध्यम से छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक की शाखा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर कहा, ”जिस पामेड़ को कभी माओवादियों के बटालियन नंबर-एक का गढ़ माना जाता था, आज वहां बैंक खुल रहे हैं, कन्या आश्रम बन रहे हैं और लोग खुले मन से सुशासन शिविरों में भाग ले रहे हैं। यह बदला हुआ बस्तर है जो आत्मविश्वास, विकास और लोकतंत्र का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने इसे विकास और विश्वास की नयी सुबह बताते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं के लिए 100 किलोमीटर दूर आवापल्ली नहीं जाना पड़ेगा। यह पहल सरकार के सुशासन और समावेशी विकास के दृष्टिकोण को दर्शाती है। साय ने बताया कि इस बैंक शाखा से पामेड़ और आसपास के 50 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा, जहां अब खाता खोलने, पैसा निकालने और महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं की राशि लेने में सुविधा होगी। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं को आश्वस्त किया कि अब उन्हें योजना की राशि के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री ने पामेड़ में 1.62 करोड़ रुपये की लागत से बने 50 लोगों की क्षमता वाले आदिवासी कन्या आश्रम का भी लोकार्पण किया।

साय ने कहा कि कन्या आश्रम के माध्यम से आगामी समय में बस्तर की बेटियां शिक्षा और विकास की मुख्यधारा से जुड़कर बस्तर को नया नेतृत्व प्रदान करते हुए क्षेत्र के विकास को नयी ऊंचाई पर ले जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पामेड़ में अब पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की जा रही है ताकि आसपास के कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे बच्चों को समय पर पोषण पुनर्वास केंद्र में लाएं और स्वास्थ्य लाभ लें। अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर ‘सुशासन तिहार’ के तहत समाधान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय जनसमस्याओं का त्वरित समाधान किया गया।

सीएम साय ने नीति आयोग से नक्सलवाद के अंत व नई औद्योगिक नीति कीं पर प्राथमिकताएं

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रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के विकास रोडमैप के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पहुंचे नीति आयोग की शनिवार को बैठक में शामिल हुए। दिल्ली में स्थित ‘भारत मंडपम’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने से पहले सीएम साय ने राज्य के विकास रोडमैप, नक्सलवाद के अंत तथा नई औद्योगिक नीति को लेकर अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कीं। दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम साय ने बातचीत में कहा कि वह इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ की भावी विकास योजनाओं और राज्य के दृष्टिकोण को नीति आयोग के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के प्रधानमंत्री के लक्ष्य के अनुरूप, हमारा उद्देश्य ‘विकसित छत्तीसगढ़’ की दिशा में ठोस कदम बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर और अन्य क्षेत्रों के समावेशी विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने नक्सलवाद की समस्या पर भी बात की और कहा कि राज्य में अब यह समाप्ति की ओर है, क्योंकि सरकार ने सुरक्षा के साथ-साथ विकास को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि वह बैठक में राज्य की नई औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक अवसरों की संभावनाओं पर भी प्रकाश डालेंगे। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़, प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का लिया फैसला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को सुरक्षाबलों के समक्ष कुल 87 लाख 50 हजार रुपये के इनामी 24 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इनमें से 20 नक्सलियों पर 50,000 से लेकर 10 लाख रुपए तक के इनाम घोषित थे। सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति झ्र 2025 और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है। यह आत्मसमर्पण उसी निर्णायक यात्रा की एक कड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता अंतहीन विनाश की ओर ले जाता है। अब नक्सली उग्रवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। हम इन आत्मसमर्पित साथियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

बसवराजू को मार गिराने से नक्सलवाद की रीढ़ तोड़ने में सफल हुए: विष्णु देव साय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृहस्पतिवार को कहा कि शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराने के साथ ही सरकार ने नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का महासचिव और पोलित ब्यूरो का सदस्य बसवराजू उन 27 नक्सलियों में शामिल था जिन्हें सुरक्षाबलों ने बुधवार को नारायणपुर और बीजापुर जिलों की सीमा पर अबूझमाड़ के जंगलों में मार गिराया। साय ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”तीन दशकों में पहली बार हुआ है कि महासचिव स्तर का कोई माओवादी मारा गया हो। यह असाधारण कामयाबी है और इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नक्सलवाद के ताबूत में हमने अंतिम कील जड़ दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”नक्सल आंदोलन की रीढ़ कहा जाने वाला भाकपा (माओवादी) का महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य बसवराजू उर्फ गगन्ना, इस कार्यवाही में ढेर किया गया है। इसकी गिनती माओवादियों में नंबर एक के रूप में होती थी। बसवराजू के ऊपर सवा तीन करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक करोड़ रुपये, एनआईए द्वारा 50 लाख रुपये, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 25 लाख रुपये तथा ओडिशा सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था।” साय ने कहा, ”इस बड़ी सफलता से हमने नक्सलवाद की रीढ़ तोड़ने में कामयाबी हासिल की है। हमारी इस सफलता के पीछे हमारे सुरक्षा बलों के जवानों का शौर्य और साहस है। उन पर हमें गर्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारे जवानों का हौसला अपने चरम पर है, नक्सलियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।” साय ने नक्सलियों से बातचीत के सवाल पर कहा, ”बंदूक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती। नक्सलवाद ने भोले भाले आदिवासी लोगों के जीवन को तबाह किया है। आज बस्तर का हर व्यक्ति विकास चाहता है, गोली का जवाब गोली से और बोली का जवाब बोली से हमारी सरकार की नीति रही है।” मुख्यमंत्री ने बताया, ”हमारी सरकार ने बीते डेढ़ साल में चार सौ से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है तथा 1422 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में मुठभेड़, एक कोबरा कमांडो और एक नक्सली मारा गया

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बृहस्पतिवार को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कोबरा कमांडो की मृत्यु हो गई तथा मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती तुमरेल क्षेत्र में माओवादियों के उपस्थिति की सूचना पर बुधवार को सुकमा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), एसटीएफ और कोबरा कमांडो के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आज सुबह से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रूक-रूक कर मुठभेड़ जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में कोबरा कमांडो की मृत्यु हो गई तथा सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को मार गिराया है। अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार एक कोबरा कमांडो घायल भी हुआ है। उन्होंने बताया कि घायलों को निकालने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष इकाई है जिसे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में तैनात किया गया है।