छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए इससे जुड़े सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करने का निर्देश देते हुए उन्हे इसे पूर्व की तरह बारहमासी नदी में परिवर्तित करना सुनिश्चित करने को कहा हैं। सीएम बघेल भेंट मुलाकात के दौरान अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नदी को पुनःजीवित करने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ जनसहभागिता भी जरूरी हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्राधिकरण में चल रहे विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने कहा कि शहर से लगे अरपा नदी में निर्माणाधीन शिवघाट बैराज को जून माह के अंत तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। इस बैराज के बन जाने से शहर की जल समस्या काफी हद तक दूर होगी।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, जिले के प्रभारी सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं प्राधिकरण के सदस्य उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि अरपा नदी जलग्रहण क्षेत्र का संपूर्ण विकास के लिए अगस्त 21 में नये स्वरूप में अरपा बेसीन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। वैज्ञानिक आधार पर ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा जिससे नदी में बारहों महीने पानी बहता रहे। प्राधिकरण के क्षेत्र में बिलासपुर सहित जीपीएम, मुंगेली और कोरबा जिले की 625 गांव शामिल हैं। इन ग्रामों की 3,634 वर्ग किलोमीटर इसके जलग्रहण क्षेत्र में शामिल हैं। अरपा एवं इसकी सहायक नदियों में जल संसाधन विभाग द्वारा छोटी बड़ी मिलाकर 116 योजनाएं संचालित हैं, इनकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 86 हजार 605 हेक्टेयर है।
अरपा नदी को जीवंत बनाए रखने के लिए फिलहाल तीन बैराज परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनमें अरपा भैंसाझार, शिवघाट व पचरीघाट शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2023-24 के बजट में छपरा टोला सहित नौ योजनाएं मंजूर की गई हैं। इन योजनाओं से अरपा में पानी छोड़कर पुनर्जीवित किया जायेगा।