छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को राज्य के 10 हजार से अधिक गौठानों में गर्मी को देखते हुए पशुओं के लिए चारा पानी और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 4 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन अंतरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गौठान में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए अनिवार्य रूप से गौठान समितियों की बैठक करायी जाए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर कि राज्य के आधे से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।
राज्य की 11 हजार पंचायतों में 10 हजार 6 सौ नब्बे गौठान स्वीकृत हुए हैं। जिसमें से 10 हजार से अधिक गौठान पूर्ण हो गए हैं। इन गौठानों में 5 हजार 398 गौठान स्वावलंबी हो गये हैं, जिनके द्वारा गोबर खरीदने के लिए 50 करोड़ 82 लाख रुपये की सहायता दी गई है। एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में कुल 1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिसके एवज में गोबर वक्रिेताओं को अंतरित की जाने वाली 2.59 करोड़ रुपये की राशि में से 1.24 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 1.67 करोड़ रुपये का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया गया है।
राज्य के 49 गौठानों में गोबर से पेंट तैयार करने की इकाई स्वीकृत की गई है जिसमें से 34 इकाईयां की स्थापना की जा चुकी है। 32 इकाई में पेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इन इकाईयों से 87 हजार 827 लीटर पेंट की उत्पादन किया गया है तथा 47 हजार 547 लीटर पेंट के बिक्री से 97.08 लाख रुपये की आय अर्जित की गई है। राज्य के 33 जिलों के गौठानों में 20.20 लाख क्विंटल पैरा और 7 हजार 859 गौठानों में पानी की व्यवस्था की गई है।
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