रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों की परिकल्पना धीरे-धीरे साकार हो रही है। गोधन न्याय योजना के तहत गांवों में बनाए गए गौठानों में से 3089 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। सीएम बघेल यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को गोबर खरीदी की राशि, महिला स्वसहायता समूहों और गौठान समितियों को लाभांश राशि तथा गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने खरीफ की तरह रबी सीजन में भी वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देने और गौठानों में गौ मूत्र की खरीदी को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। अक्टूबर माह के आखरी पखवाड़े में खरीदे गए गोबर के एवज में कुल 4.69 करोड़ रुपये का भुगतान आज गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को किया गया है। इस राशि में से विभाग द्वारा 2.37 करोड़ रूपए और स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक बदलाव है। राज्य सरकार की भी यह मंशा है कि आने वाले समय में सभी गौठान स्वावलंबी बने। वहां की गतिविधियों का संचालन गौठान समितियां अपने संसाधनों से कर सकें।
सीएम भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। गौठानों में 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.35 लाख क्विंटल गोबर के एवज में किया गया 4.69 करोड़ रुपये भुगतान किया गया। इसी तरह गौठान समितियों को 39 लाख और महिला समूहों को 27 लाख रुपये की लाभांश राशि का भुगतान किया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रव्द्रिर चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
सीएम बघेल ने कार्यालय में राज्य के गन्ना उत्पादक कृषकों को गन्ना प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 68 करोड़ 90 लाख रूपए की बोनस राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। इस राशि में वर्ष 2020-21 के बोनस की 11.99 करोड़ रुपये की बकाया बोनस राशि और गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 की 56.91 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे उन्हें खेती की लागत में भी राहत मिल रही है।