रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आदिवासी आरक्षण में कटौती के विरोध में राज्य भर में चक्का जाम किया। भाजपा नेताओं ने बताया कि आदिवासी आरक्षण में कटौती के विरोध में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के साथ मिलकर पार्टी के नेताओं ने अलग-अलग जगहों पर चक्का जाम किया। उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय ने आंदोलन का नेतृत्व किया। वहीं, राज्य के पूर्व भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने अपने गृह जिले जशपुर में विरोध का नेतृत्व किया। इस अवसर पर साय ने कहा कि भाजपा ने आदिवासी समाज को उसका हक दिया और कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ ”विश्वासघात” किया। उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए सड़क से लेकर हर स्तर पर आदिवासी समुदाय के साथ है।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ बंद कर दिया गया और अब इसका खामियाजा आदिवासी युवा भुगत रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भाजपा के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए विभिन्न स्थानों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि अब तक आंदोलन के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सितंबर में राज्य सरकार के वर्ष 2012 में जारी उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण को 58 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। न्यायालय ने कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है। इससे पहले आज दिन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि उन्होंने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत को भेजा है।
बघेल ने बताया था कि आगामी एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आदिवासी समुदायों को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार उन्हें 32 प्रतिशत कोटा का लाभ प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं, राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर आज हस्ताक्षर कर दिया है। यह सत्र एक और दो दिसंबर को आहूत किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल उइके ने आदिवासी आरक्षण के संबंध में तीन नवंबर को राज्य शासन को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र आहूत करने के संबंध में आवश्यक सहयोग करने की बात कही थी।