रायपुर। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पार्टी का एक लक्ष्य है, और वह इसे हासिल करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कदम उठाएगी जिससे इस कदम का समाज पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजना पर भी प्रकाश डाला और कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को वोट देने का मतलब छत्तीसगढ़ की संपत्ति अडानी को सौंपना है।
प्रदेश में 2018 के चुनावों में कांग्रेस के शराबबंदी के वादे के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने कहा, देखिए, यह एक लक्ष्य है और लक्ष्य हासिल करने के लिए एक प्रक्रिया है। लक्ष्य हासिल करने के लिए कुछ कदम उठाने पड़ते हैं और (इस दिशा में) कदम उठाए गए हैं। राज्य में पिछले पांच वर्षों में शराब की 100 दुकानें बंद हो चुकी हैं। खेड़ा ने कहा, हम (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी की तरह नहीं हैं और हम इसके लिए खुश हैं कि उनके तरह नहीं हैं। जैसा उन्होंने नोटबंदी किया, हम वैसा कुछ नहीं कर सकते। हम इसे एक प्रक्रिया के तौर पर करेंगे जिससे समाज में कोई अव्यवस्था न हो। हम इसे अचानक नहीं रोक सकते। दो हजार रुपये के नोट सात साल तक भी इस्तेमाल नहीं किए जा सके और वे हमसे पूछते हैं कि हमने 75 साल में क्या किया। उन्होंने कहा, प्रक्रिया शुरू हो गई है। लक्ष्य पूर्ण शराबबंदी का है। इस दिशा में क्या कदम उठाए जाने चाहिए जिससे समाज पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस बीच कांग्रेस ने एक पर्चा बांटा जिसमें लिखा था अलर्ट अगर (ईवीएम पर) कमल (चिह्न) का बटन दबाया गया तो वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल बॉक्स स्लिप) से अडानी बाहर आ जाएंगे।
खेड़ा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को वोट देने का मतलब राज्य की संपत्तियों को अडानी को सौंपना है। उन्होंने किसानों, युवाओं, आदिवासियों और मजदूरों के लिए कांग्रेस सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर वोट भाजपा को गया तो लोगों की कल्याणकारी योजनाएं छीन ली जाएंगी। कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा, वो राज धर्म नहीं निभाते, दोस्ती निभाते हैं। हम राज धर्म निभाते हैं। केंद्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य आम आदमी पार्टी का छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने कहा, इंडिया गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए है। हर किसी को चुनाव लड़ने और हारने का अधिकार है। छत्तीसगढ़ में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे।