छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2017 में बुरकापाल नक्सली हमले मामले में गिरफ्तार 121 आदिवासियों को आरोप मुक्त कर दिया है। इस घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवान शहीद हुए थे। आदिवासियों की ओर से अधिवक्ता बेला भाटिया ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (एनआईए अधिनियम/अनुसूचित अपराध) दीपक कुमार देशलरे की अदालत ने शुक्रवार को बुरकापाल नक्सली हमले के आरोपी आदिवासियों को आरोप मुक्त कर दिया।
भाटिया ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपियों के खिलाफ जिन गवाहों को पेश किया गया,उनमें से किसी का भी बयान यह विश्वास किए जाने योग्य नहीं है कि आरोपी प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य हैं तथा घटना में संलिप्त रहे हैं। अदालत ने कहा कि इन आरोपियों के पास से कोई घातक आयुध एवं आग्नेय शस्त्र भी बरामद नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में इन आरोपियों पर लगाए गए अभियोग को प्रमाणित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं हैं।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल वर्ष 2017 को नक्सलियों ने सुकमा जिले के बुरकापाल गांव के करीब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की के एक दल पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 25 जवानों की मौत हुई थी। क्षेत्र में मानवाधिकार के लिए कार्य करने वाली भाटिया ने बताया कि घटना के बाद सुरक्षा बलों ने एक महिला समेत 121 आदिवासियों को गिरफ्तार किया था। अधिकांश गिरफ्तारियां वर्ष 2017 में हुई थीं, जबकि कुछ 2018 और 2019 में हुई थी। सभी को विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।
आदिवासियों के बरी होने फैसले को लेकर भाटिया ने कहा, हालांकि उन्हें न्याय मिल गया है, फिर भी उन्होंने जो अपराध नहीं किया, उसके लिए उन्हें इतने साल जेल में क्यों बिताने पड़े। इसकी भरपाई कौन करेगा। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुपालन में जगदलपुर केंद्रीय जेल में बंद 110 और दंतेवाड़ा जिला जेल में तीन सहित 113 आरोपियों को रिहा किया जाएगा। सुंदरराज ने कहा कि शेष आठ आरोपियों को रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि वे कुछ अन्य विचाराधीन मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।