छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी ओपी चौधरी के खिलाफ एक कोयला खदान से कोयला चोरी का कथित ‘फर्जी’ वीडियो ट्वीट करने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। ट्वीट में दावा किया गया था कि वीडियो राज्य के कोरबा जिले का है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि जिले के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र की पुलिस ने मधुसूदन दास की शिकायत पर भाजपा नेता ओपी चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पटेल ने बताया कि बांकीमोंगरा क्षेत्र के निवासी दास ने शिकायत की थी कि चौधरी ने लोकप्रियता हासिल करने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट से एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था। उन्होंने बताया कि दास की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है। भाजपा नेता चौधरी ने 18 मई को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें कहा गया था, ”यह दृश्य है एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का… छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित गेवरा माइंस का… संगठित माफिया राज का खुल्ला खेल… हजारों मजदूरों और सैकड़ों गाड़ियों से खुल्लम खुल्ला कोयले की चोरी… सब कुछ अति की सीमा को पार चुका है हमारे छत्तीसगढ़ में…।
वीडियो में बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं को कुदाल और अन्य सामान लेकर एक खुले कोयला खदान की खुदाई करते हुए दिखाया गया था। वीडियो में लोग कोयले से भरी बोरियों को कंधे और सिर पर उठाकर खदान से बाहर कतारों में निकलते हुए भी नजर आ रहे थे। पूर्व आईएएस अधिकारी चौधरी ने अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पुलिस की आलोचना की और कहा कि वह जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ”मैंने वह वीडियो साझा किया जो पहले से ही वायरल था। वास्तव में, मेरे द्वारा इसे साझा करने के बाद, बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक ने वीडियो की जांच का आदेश दिया और कोरबा कलेक्टर ने जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों का दौरा किया और कहा कि खदानों में सुरक्षा का अभाव है। पुलिस कोयला चोरी में लिप्त संगठित माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय मेरे खिलाफ कार्रवाई कर रही है। चौधरी ने कहा, मैं इससे बिल्कुल भी नहीं डरता। मैं जनहित के मुद्दों को उठाना जारी रखूंगा। रायपुर के पूर्व कलेक्टर चौधरी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।
पिछले महीने वीडियो के सामने आने के बाद बिलासपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने वीडियो की जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट के प्रभारी को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया था। वहीं कोरबा जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने दीपका थाना के प्रभारी अविनाश सिंह और हरदीबाजार चौकी के प्रभारी अभय सिंह बैस को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया था। पुलिस ने अब तक पुलिस महानिरीक्षक के जांच के निष्कर्षों का खुलासा नहीं किया है।