भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राज्य की भूपेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर गौरव दिवस मनाने के निर्णय पर तंज कसते हुए कहा कि इस दौरान एक विकसित राज्य की पहचान बना चुके छत्तीसगढ़ की पहचान धूमिल हुई है और उसकी पहचान अब ईडी एवं आयकर के छापों वाले राज्य की बन चुकी हैं। डा.सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधे व्यक्तिगत हमला करते हुए उन्हे चार्टशीटेट करार दिया और कहा कि उनके सचिवालय़ एवं विभागों से जुड़े लोग और उनकी उप सचिव तक जेल में है या फिर कुछ जमानत पर हैं।
उन्होंने कहा कि ईडी भ्रष्टाचार के आरोपियों को छोड़ने वाली नही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की शान्ति एवं विकास की पहचान खो गई है और दिनदहाड़े हत्याएं एवं अन्य अपराध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले बहुत बहत बड़े वादे कर सत्ता में आई भूपेश सरकार ने अधिकांश वादे पूरा नही किए है। शराबबंदी के वादे पर महिलाओं का बड़ा समर्थन हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार ने इस वादे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। महिलाएं ठगी महसूस कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी तो दूर उनके कार्यकाल में जहां शऱाब की 700 दुकाने थी वह अब बढ़कर 1491 हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान शराब की होम डिलवरी कर सरकार ने उस दौरान देश में शराब बिक्री में पहला स्थान अर्जित किया।
डा.सिंह ने कहा कि सरकार ने पांच वर्ष में सिंचाई रकबा बढ़ाकर दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन चार वर्षों में महज चार प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई हैं। बेरोजगारों से राज्यभर में फार्म भरवाए गए थे कि उन्हे ढ़ाई हजार रुपये प्रति माह भत्ता मिलेगा लेकिन अभी तक इसका कोई अता पता नही हैं। विधवा पेंशन, महतारी सम्मान योजना जैसे वादे उनकी सूची में अब नही हैं। विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अभी तक हस्ताक्षर नही किए जाने पर सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा पर लग रहे आरोपो के बारे में पूछे जाने पर डा.सिंह ने कहा कि राज्यपाल ने जिन 10 बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है उस पर राज्य के अधिकारियों जवाब देकर सन्तुष्ट करना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल के भाजपा नेताओं की सलाह पर काम करने के आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि राज्यपाल स्वतंत्र एवं निर्णय लेने में सक्षम है। सक्षम लोगों को ही राज्यपाल बनाया जाता हैं।