सुप्रीम कोर्ट पहुंचा आईपीएस अधिकारी, कोर्ट में सौंपी सीबीआई से जांच की याचिका, कोर्ट ने केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार से मांगा जवाब

0
91

उच्चतम न्यायालय ने एक निलंबित आईपीएस अधिकारी द्वारा अपने खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों के मामले में जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र, छत्तीसगढ़ सरकार और अन्य से जवाब मांगा। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1994 बैच के अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्हें परेशान करने और उनकी छवि खराब करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने राज्य के कई उच्चस्तरीय अधिकारियों को ‘गैरकानूनी तरीके से लाभ’ पहुंचाने और ‘नागरिक आपूर्ति निगम’ घोटाले में पूर्ववर्ती सरकार के सदस्यों को फंसाने से इनकार कर दिया था।

उन्होंने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के 19 सितंबर, 2022 के आदेश को भी रद्द करने की मांग की। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए अमानुल्ला की पीठ ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी कर प्रतिवादियों केंद्र, छत्तीसगढ़ सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा। पीठ ने कहा कि जवाब चार सप्ताह के अंदर दाखिल किया जाना चाहिए। इसके बाद पीठ ने मामले में सुनवाई आठ सप्ताह के बाद निर्धारित की।

सुनवाई के दौरान अधिकारी की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं, जिनमें से एक भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत और एक अन्य राजद्रोह के तहत।
पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ”इतनी जल्दी …राजद्रोह। यह कुछ ज्यादा हो गया। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता सुमीर सोढी ने याचिकाकर्ता के आरोपों को गलत बताया। पीठ ने रोहतगी से कहा, ”वह (याचिकाकर्ता) अपना पक्ष रख रहे हैं, गलत हो या सही, कि उन्हें प्रताड़ित किया गया। आप अपना जवाब दीजिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here