रमन के गढ़ खैरागढ़ में मिली जीत से आलाकमान की नजर में बढ़ा भूपेश बघेल का कद
रायपुर।
हर तरफ विपरीत माहौल के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए बड़ी उम्मीद बनकर उभर रहा है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के गढ़ खैरागढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार को उम्मीद से कहीं ज्यादा मतों से मिली जीत के पीछे मुख्यमंत्री का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। खैरागढ़ को जिला बनाने का एलान चुनाव के लिए टर्निंग पॉइंट बन गया। इस जीत से भाजपा को बड़ा झटका लगा है और एंटी इनकंबेंसी की चर्चा भी निर्मूल साबित हुई है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा कि दरअसल यह जीत कांग्रेस की जनकल्याणकारी योजनाओं पर मुहर है। कांग्रेस सरकार का प्रो पीपुल गवर्नेंस और भूपेश बघेल की लोकप्रिय छवि से छत्तीसगढ़ में सत्ता के पक्ष में लहर है।
गौरतलब है कि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को रिकार्ड 20 हजार मतों के अंतर से शिकस्त दी है। कांग्रेस की जीत में सबसे अहम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा को माना जा रहा है। यही वजह है कि पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर आने के बाद इस उपचुनाव में कांग्रेस ने रिकार्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की है। कांग्रेस अब तक के सभी उपचुनावों में जीती है। साथ ही स्थानीय निकायों में भी पार्टी का बर्चस्व है।
कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी मोर्चा संभाला था।
खैरागढ़ उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 71 होने हो गई है। दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन कर तीनों सीटों में जीत हासिल की थी। अब कांग्रेस ने शानदार रिकॉर्ड बनाते हुए चौथे उपचुनाव को भी अपने पाले में कर लिया है।
चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सीएम भूपेश द्वारा खैरागढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा मास्टर स्ट्रोक साबित हुई। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि 16 अप्रैल को परिणाम आएगा और 17 अप्रैल को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नया जिला बनेगा। जीत के साथ ही नया जिला बनने की हलचल भी शुरू हो गई है।
फिलहाल एक और जीत ने भूपेश बघेल का कद छत्तीसगढ़ के साथ कांग्रेस आलाकमान की नजरों में भी और बढ़ा दिया है और उनके विरोधियों की जमीन खिसक गई है।