छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी गतिविधियों पर लगाम कसी है: राज्यपाल उइके

0
109

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि राज्य में नक्सलवादी गतिविधियों पर लगाम कसी गई है और नक्सलवादी, नक्सलवाद छोड़कर सामाजिक जीवन में लौटने लगे हैं। उइके ने बृहस्पतिवार को राज्य की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में गणतंत्र दिवस के अवसर आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं और छत्तीसगढ़ की जनता के नाम संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के बाद अब हम गौरवशाली 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और इसके अमृत महोत्सव की ओर बढ़ रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि गणतंत्र की मजबूती ही जन-जन की सफलता है। उन्होंने कहा, यह दिन देश में अपना संविधान लागू करने, इस संविधान के अनुसार देश का संचालन करने और आम जनता को विधि सम्मत शक्तियां एवं अधिकार संपन्न बनाने का दिन है। जनता-जनार्दन के सहयोग से छत्तीसगढ़ में समृद्धि और खुशहाली का दौर आगे बढ़ता रहेगा। राज्य में नक्सलवादी गतिविधियों पर भी लगाम कसी गई है और नक्सलवादी, नक्सलवाद छोड़कर सामाजिक जीवन में लौटने लगे हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों में विकास के लिए नई सोच के साथ काम किया गया, जिससे सीमित संसाधनों में भी श्रेष्ठता की दिशा में बढ़ना संभव हुआ है। उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जल-जंगल-जमीन और उससे जुड़े रोजगार के विषयों पर महत्वपूर्ण पहल करते हुए प्रदेशवासियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम बनाने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रयासों के कारण ही धान की खरीदी विगत पांच वर्षों में 56 लाख 88 हजार टन से बढ़कर 98 लाख टन हो गई और अब 110 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। राज्यपाल ने कहा कि गोधन न्याय योजना एक अद्वितीय पहल सिद्ध हुई है, जिसका अनुसरण अब राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रहा है और राज्य में इस योजना से तीन लाख से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और स्व-सहायता समूहों को अब तक 362 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई है। उइके ने कहा कि आदिवासियों को न्याय दिलाने की शुरुआत निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा, लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी, मुकदमा वापसी और तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक बढ़ाने के साथ की गई। उन्होंने कहा कि वन अधिकार पत्रों की बात करें तो लगभग 55 हजार व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र देकर, वनवासियों की आशाओं को नया जीवन दिया गया है।

उन्होंने कहा कि आदर्श छात्रावास योजना के तहत 243 छात्रावासों और आश्रम शाला भवनों का उन्नयन और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 126 छात्रावास तथा आश्रम भवनों का निर्माण किया जा रहा है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संख्या 25 से बढ़ाकर 73 तथा सीट क्षमता 19,380 की गई है। राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी परंपरा-संस्कृति और उनकी पहचान को निखारते हुए आदिवासी समाज में उद्यमिता जगाने की दिशा में भी अनेक बड़े कदम उठाए हैं।

उइके ने कहा कि गणतंत्र में जनता को अधिकार और सुविधाएं देने से ही उनका वास्तविक सशक्तीकरण होता है। उन्होंने कहा, मेरी सरकार ने जन सुविधाओं में विस्तार और वृद्धि के लिए अनेक उपाय किए हैं। ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के तहत 14 नगर निगम क्षेत्रों में जनता को आवश्यक प्रमाण-पत्र, लाइसेंस, आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि उपलब्ध कराने के लिए घर पर पहुंच सेवाएं दी जा रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि विगत चार साल में राज्य में 1,856 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई, जिनमें लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ और 34 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 186 समझौते (एमओयू) किये गए हैं, जिनमें 93 हजार करोड़ रुपए से अधिक का पूंजी निवेश तथा एक लाख 14 हजार लोगों को रोजगार मिलना प्रस्तावित है। राज्यपाल उइके ने कहा कि बस्तर के नक्सलवाद प्रभावित अंचलों व दुर्गम क्षेत्रों में भी स्कूल खोले गए हैं और स्वामी आत्मानंद विद्यालय शुरू किये गये हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here