वैश्य समाज के लिए बने संगठन “अग्रकुल” के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी गई है। पदाधिकारियों की घोषणा करते हुए संस्था के संयोजक विष्णु मित्तल ने कहा कि सबको मिलकर समाज की जरुरतों के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा यह संगठन भले ही वैश्य समाज का हो लेकिन इस संगठन के बैनर तले जो काम होगा इसका लाभ समाज के सभी तबकों तक पहुंचेगा। विष्णु मित्तल ने कहा, वैश्य समाज का कोई भी परिवार किसी भी तरह की परेशानी में हो वह अपनी बात अग्रकुल संस्था के सामने रख सकता है। समाज की सभी समस्याओं,जरूरतों और सामूहिक विकास के लिए संस्था पूरी निष्ठा और समर्पण से काम करेगी। उन्होंने मनोनीत पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि संस्था के संयोजक विष्णु मित्तल भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के कोषाध्यक्ष हैं। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल के अलावा महेश गुप्ता और एस एस अग्रवाल इस संस्था के संरक्षक हैं।
टीम में तीन महामंत्री,नौ उपाध्यक्ष
शनिवार को घोषित की गई टीम में अरविंद गर्ग,नीलकमल गुप्ता, श्याम मोहन अग्रवाल महामंत्री बनाए गए हैं। जबकि दिनेश गुप्ता,पुष्प कुमार अग्रवाल, ओ पी गोयनका, यतेंद्र गुप्ता, लोचन गुप्ता, अपर्णा गोयल,संकेत गुप्ता, ललित गोयल और रोमेश गुप्ता उपाध्यक्ष होंगे। अमित गोयल कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं।
छह मंत्री और सात कार्यकारिणी सदस्य
आशीष कीला, रितु गोयल, प्रदीप भैया जी,दीपक मित्तल, कुसुम बंसल, श्याम मित्तल मंत्री होंगे। हरिओम गुप्ता, सुमन गुप्ता, तिलक राम गुप्ता,सुरेश अग्रवाल,दीपक गर्ग,वरुण जैन,रवि गुप्ता कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर अग्रकुल टीम का हिस्सा होंगे। गौरतलब है कि पिछले साल 17 अक्टूबर को दिल्ली में ‘वैश्य’ समाज की विरासत, संस्कृति और समाज का देश के प्रति योगदान रेखांकित करने के मकसद से अग्रकुल के गठन की घोषणा हुई थी। इस पहली बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल और दिल्ली प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल के अलावा वैश्य समाज के नामी गिरामी लोग शामिल हुए थे।
‘अग्रकुल संस्था ’ के बैनर तले हुई पहली बैठक में संकल्प लिया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों को ही संस्था से जोड़ा जायेगा। लिहाजा माना जा रहा है कि संस्था सामाजिक प्रकल्प के जरिए वैश्य समाज को लामबंद करेगी। अरविंद केजरीवाल भी वैश्य समाज से आते हैं। इसलिए संस्था के राजनीतिक निहितार्थ को लेकर भी अटकले लगाई जा रही हैं।