रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के स्थान पर एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने का निर्णय लिया है। विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में कलेक्टरों को जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) की मान्यता समय के द्वारा सीमित नहीं होगी अर्थात् यह कालातीत नहीं होगा यह सर्वदा के लिए होगा। यह एक तरह से स्थाई अभिलेख है। बार-बार जाति प्रमाण जारी किये जाने की आवश्यकता नही है।
जाति प्रमाण पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इसका डुप्लीकेट भी जारी किया जा सकेगा। कलेक्टरों से कहा गया हैं कि राज्य में स्थित समस्त शासकीय, निजी शालाओं एवं केन्द्रीय बोर्ड की शालाओं में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के वद्यिार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र उनकी शालाओं में अध्ययनरत होने के दौरान ही उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार कर शालाओं में वितरित किए जाएं तथा उक्त शिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष निरंतर रूप से जारी रखा जाए।