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छत्तीसगढ़ में बड़ा हादसा; तालाब में नहाने गए दो बच्चे डूबे, दोनों की मौत

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में गांव के एक तालाब में नहाने गये दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि घटना पोलमी गांव में गौरव केरकेटा (छह) और शिव केरकेटा (चार) एक तालाब में नहाने गए थे। नहाने के दौरान गहरे पानी में चले गए, जिससे दोनों डूब गए। दोनों के लाश मिलने के बाद परिवार में हड़कंप मचा है। पाली तानाखार से कांग्रेस के विधायक मोहित राम केरकेटा पोलमी गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को सहायता राशि के तौर पर 20,000 रुपये दिए तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये दिलाने का वादा किया।

Chhattisgarh Breaking : छत्तीसगढ़ में बड़ा हादसा, पुलिया की रेलिंग से टकराई कार में आग लगी आग, दंपति समेत पांच लोगों की जलकर मौत

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छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले में शुक्रवार को एक पुलिया की रेलिंग से टकराने के बाद एक कार में आग लगने से एक व्यापारी, उसकी पत्नी और उनकी तीन बेटियों की जलकर मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक दंपति और उनका परिवार जिले के खैरागढ़ कस्बे के मूल निवासी हैं। हादसे के समय वे पड़ोसी बालोद जिले में एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना ठेलकाडीह थाना क्षेत्र के सिंगारपुर गांव के पास देर रात करीब दो बजे हुई।

पुलिस अधिकारी ने कहा, एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कार पुलिया की रेलिंग से टकराकर पलट गई और सड़क से फिसल गई। इसके बाद कार में आग लग गई, जिसके कारण उसमें सवार सभी पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान सुभाष कोचर, उनकी पत्नी कांति देवी और उनकी तीन बेटियों भावना, कुमारी वृद्धि और पूजा के रूप में हुई है। दंपति की तीनों बेटियों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया और जले हुए शवों को बाहर निकाला। पुलिस इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

Chhattisgarh Latest News: ज्वैलरी शॉप में गोलीबारी कर लूट की कोशिश, दो लुटेरे गिरफ्तार, एक फरार

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Chhattisgarh Crime: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आभूषण की दुकान में गोलीबारी कर लूटपाट करने वाले दो आरोपियों को ​पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक आरोपी फरार है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि शहर के गोंड़पारा इलाके में तीन लुटेरे बृहस्पतिवार दोपहर दीपक ज्वेलर्स में घुसे औैर दुकान के संचालक दीपक सोनी को गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस ने एक लुटेरे को लोगों की मदद से तथा दूसरे लुटेरे को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है। तीसरा आरोपी फरार है।

बिलासपुर जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने बताया कि सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोंड़पारा इलाके में आज दोपहर लगभग ढाई बजे तीन नकाबपोश युवक एक मोटरसाइकल में सवार होकर दीपक ज्वेलर्स पहुंचे और कट्टा तथा चाकू दिखाकर दुकान को लूटना शुरू कर दिया।। दुकानदार दीपक सोनी ने जब इसका विरोध किया तब एक लुटेरे ने सोनी पर गोली चला दी, जिससे वह घायल हो गये। माथुर ने बताया कि घटना के दौरान आसपास के लोगों को आता देख तीनों लुटेरे वहां से भागने लगे। कुछ लोगों ने एक आरोपी को पकड़ लिया। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई औेर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जब पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की तब उसने अपने साथी के बारे में बताया। बाद में पुलिस ने अन्य युवक को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। वह भागने के लिए ट्रेन में सवार हो गया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी युवक उड़ीसा के सुंदरगढ़ इलाके के हैं। वह लूटपाट से लगभग 15 मिनट पहले उस दुकान में पहुंचे थे। वहां उन्होंने खरीदार बनकर कुछ आभूषण देखा औैर वापस चले गए थे। बाद में तीनों ह​थियार के साथ वहां पहुंचे और लूटपाट करना शुरू कर दिया। लेकिन जब आसपास के लोग वहां पहुंचे तब लूट का सामान वहीं छोड़कर भागने लगे। माथुर ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से एक मोटरसाइकिल, दो देसी कट्टा और एक चाकू बरामद किया है। तीसरे आरोपी की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि घटना में घायल सोनी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर है।

छत्तीसगढ़ के दिव्यांग छात्र ने ऐसा क्या सौंपा, जिसने सीएम भूपेश बघेल के लिए बना दिया यादगार

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छत्तीसगढ़ में एक दिव्यांग छात्र ने सीएम भूपेश बघेल को अनोखी चीज भेंट की। भेंट मे मिले तोहफा सीएम बघेल के लिए यादगार बन गया। दरअसल आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा रायपुर के दीनदयाल ऑडीटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में विभिन्न कलाओं की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। महोत्सव के शुभारंभ अवसर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कई छात्र आए थे। इसमें शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय के बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स के दूसरे सेमेस्टर के दिव्यांग छात्र प्रणीत भी पहुंचा था। प्रणीत सीएम बघेल के लिए एक तोहफा भी लाया था, जिसे देखकर सरकार के लिए यादगार बन गया। दिव्यांग छात्र प्रणीत ने मुख्यमंत्री बघेल को स्वयं के द्वारा बनाया हुआ उनका स्केच भेंट किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय के 27 बच्चों सहित विभिन्न कलाओं के लगभग 250 कलाकारों ने भाग लेकर छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला को जीवंत कर दिया है।

Chhattisgarh Government Decision: छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, 24 अप्रैल से 14 जून तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गर्मी को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के निर्णय के बाद शिक्षा विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि भीषण गर्मी को देखते हुए प्रदेश के सभी शासकीय और प्राइवेट स्कूल 24 अप्रैल से 14 जून तक बंद रखे जाएंगे। बतादें कि स्कूलों में कुछ विषयों में एण्डलाइन असेंसमेंट 25 अप्रैल को किया जाना है, उन विषयों में जो विद्यार्थी स्वेच्छा से स्कूल जाना चाहते हैं उनका एण्ड लाइन असेंसमेंट निर्धारित तिथि को किया जाएगा। इसके पश्चात् अगले शिक्षा सत्र के लिए स्कूल 15 जून से खुलेंगे। यह आदेश शासकीय एवं निजी स्कूलों में लागू होगा।

आदिवासी मूलत: संस्कृति का धारणा है: डॉ गंगा सहाय मीणा

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रायपुर। रायपुर के पंडित डीडीयू ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय जनजाति साहित्य महोत्सव दूसरे दिन जनजाति साहित्य की विभिन्न विषयों पर अलग-अलग सत्रों में परिचर्चा हुई। जिसमें भारत के जनजातियों में वाचिक परंपरा के तत्व एवं विशेषताएं एवं संरक्षण के उपाय, भारत की जनजाति धर्म एवं दर्शन, जनजाति लोक कथाओं का पठन एवं अनुवाद तथा जनजाति लोक काव्य पठन एवं अनुवाद जैसे विषय शामिल रहे।

देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने साहित्यिक परिचर्चा में भाग लिया। जिसमें शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं शासकीय अधिकारी कर्मचारी, बुद्धिजीवी वर्ग तथा विभिन्न विश्वविद्यालय से आए हुए प्राध्यापकों ने भाग लिया। जे.एन.यू. नई दिल्ली विश्वविद्यालय से आए डॉ गंगा सहाय मीणा ने कहा कि सभी आदिवासियों की कुछ बातें पूरे विश्व में सभी जगह समान रूप से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सांस्कृतिक सवालों पर सोचने की जरूरत है, आदिवासी मूलतः एक सांस्कृतिक अवधारणा है। इंदौर कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ रेखा नागर ने कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं, प्रकृति उनकी सहचरी बनी हुई है। जंगल के बचाव से आदिवासी संस्कृति को बचायी जा सकती है।

छत्तीसगढ़ बस्तर के रूद्र पाणिग्रही ने कहा कि वाचिक परंपरा का दस्तावेजीकरण होना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के दूरस्थ अंचल अबूझमाड़ क्षेत्र में निवासरत जनजातियों के बारे में अपना व्याख्यान दिया। इसी तरह अन्य प्रतिभागियों में आंध्रप्रदेश के हैदराबाद से आए डॉ सत्य रंजन महकुल ने जुआंग समुदाय के शिफ्टिंग कल्टीवेशन, हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी.सुब्बाचारी ने अनुवर्तीत जनजाति प्रदर्शन कला, दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ स्नेहलता नेगी ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जनजातियो में महिला सशक्तिकरण के बारे में तथा लोक परंपराओं को बचाए रखने वाली पारंपरिक गीत ठाकुरमोनी और श्री बीआर साहू ने जनजातियों के वनस्पतिक ज्ञान के बारे में बताया। इसी तरह अन्य प्रतिभागियों में उत्तर प्रदेश लखनऊ से आई डॉ अलका सिंह, गुवाहाटी विश्वविद्यालय आसाम से डॉ अभिजीत पायेंग, झारखंड की श्रीमती वंदना टेटे, मणिपुर विश्वविद्यालय की डॉ कंचन शर्मा, नारायणपुर से आए श्री शिव कुमार पांडे, पदमपुर उड़ीसा से आयी दमयंती बेसरा सहित अन्य प्रतियोगिता प्रतियोगिता ने अपना व्याख्यान दिया। इस अवसर पर आदिम जाति तथा अनुसुचित जाति विकास विभाग की आयुक्त सह संचालक श्रीमति शम्मी आबिदी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

देश-विदेश के पर्यटकों के अनुरूप हो पर्यटन स्थलों में बुनियादी सुविधाएं: सीएम बघेल

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रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए देश-विदेश के पर्यटकों के दृष्टिकोण से पर्यटन स्थलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होने पर्यटन स्थलों के समीप स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के लिए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा मे भी कार्य करने के निर्देश अधिकारियो को दिए। उन्होंने राज्य में जल पर्यटन विकसित करने चिन्हाकिंत जलाशयों में क्रूजबोट, मोटरबोट, हाउसबोट, और वॉटर पार्क जैसी सुविधाएं बढ़ाये जाने पर बल दिया। श्री बघेल ने ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश अधिकारियो को दिए।

सीएम बघेल का फैसला: सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में खुलेंगे बजट होटल

मंगलवार को अपने निवास कार्यलय में छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाएं को लेकर विभागीय समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि पर्यटन स्थलों पर प्रदेश, देश और विदेश के प्रर्यटको के हिसाब से सुविधाएं विकसित हो। पर्यटन स्थलों के समीप उपलब्ध जलाशयों में बोटिंग सुविधा उपलब्ध हो, ऐसे स्थानों को चिन्हाकिंत कर आइलैण्ड के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कोरबा के सतरेंगा, बिलासपुर के खूंटाघाट, धमतरी के गंगरेल बांघ और हसदेव बांगो के मीनीमाता बांध में क्रूज बोटिंग व वाटर पार्क जैसी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की समुचित सुरक्षा के लिउ उच्च गुणवत्ता युक्त सीसीटीव्ही कैमरा स्थापित हो। होम-स्टे, बजट होटल हेतु निजी भागीदारी का प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि जल पर्यटन एवं क्रूज टूरिज्म विकसित की जाए। निजी निवेशको के माध्यम से जल पर्यटन को विकसित करने क्रूज बोट, मोटर बोट, हाउसबोट आदि विकसित किया जाए।

Chhattisgarh Government Decision: छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, जानें केन्द्र को लेटर लिखकर किस चीज के लिए की सिफारिश

बैठक पर्यटन विभाग के सचिव श्री अरन्बलगन पी. ने बताया कि स्वदेश योजना के तहत 96 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से प्रथम फेस का काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। योजना के तहत ट्रायबल टूरिज्म सर्किट विकसित किया जा रहा है। ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत जशपुर, कुनकुरी, कमलेश्वर, मैनपाट, महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल, नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट और तीरथगढ़ को शामिल किया गया है। स्वदेश दर्शन-टू के तहत ‘इको टूरिज्म सर्किट’का कांसेप्ट तैयार कर लिया गया है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगो डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है।इसकी प्रस्तावित लागत 81 करोड़ 26 लाख रूपए है।

जनजातियों की भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत : सीएम बघेल

अधिकारियों ने बताया कि प्रशाद योजना के तहत ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल सिरपुर को बुद्धिष्ट सर्किट थीम के रूप में विकसित किए जाने योजना पर कार्य किया जा रहा है। आर्किटेक्ट द्वारा स्थल निरीक्षण कर कांसेप्ट प्लान तैया कर लिया गया है। इसके लिए 65 करोड़ 60 लाख रूपए की लागत से परियोना तैया कर ली गई है। सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ को प्रसाद योजना के तहत विकसित करने की योजना तैयार कर ली गई है। इसकी लागत 45 करोड़ 69 लाख रूपए है। कुदरगढ़ में रोपवे लगाने की योजना है। रोपवे विकास के लिए 0.79 हेक्टेयर वन भूमि का प्रत्यावर्तन हो चुका है। रोपवे का निर्माण निजी भागीदारी से की जाएगी। इसकी अनुमानित लागत लगभग 10 करोड़ 88 लाख रूपए आएगा।

सीएम बघेल का फैसला: सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में खुलेंगे बजट होटल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तर्ज पर बस्तर खोल जाएंगे। इसके अलावा सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। इसको लेकर सीएम भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बघेल ने कहा कि इन महाविद्यालयों के प्रारंभ होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठकों के क्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभागों के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक संस्कृति विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक अनिल साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए चलाया जाए जनजागरूकता अभियान

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि लोककला दलों के माध्यम से आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कला जत्थों के जरिए स्थानीय बोली-भाषाओं में कार्यक्रम तैयार कराए जाएं, जिससे उनका अच्छा प्रभाव हो। उन्होंने कहा कि इससे विशेष पिछड़ी जनजातियों-सरगुजा के पण्डो, कवर्धा के बैगा और गरियाबंद, सिहावा-नगरी और मगरलोड क्षेत्र की कमार जनजाति के लोगों में शासकीय योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के तहत मानस प्रतियोगिता अगले वर्ष जनवरी में आयोजित की जाए। सीएम ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, वहां पर्यटकों के रुकने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से होटलों की सुविधा सहित शौचालय, पेयजल, आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

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कार्य पूर्ण होते ही कराएं लोकार्पण

शिवरीनारायण, चंदखुरी, राजिम, सतरेंगा, चित्रकोट, चम्पारण, गंगरेल जैसे पर्यटन स्थलों में ये सुविधाएं विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों पर्यटन स्थलों में पर्यटन के दृष्टिकोण से सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिमगा तहसील के समीप स्थित ऐतिहासिक कबीरभूमि दामाखेड़ा में भी विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि दामाखेड़ा (कबीर तालाब) को विकसित करने के लिए 22.43 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सीएम बघेल ने पर्यटन विभाग के पुराने मोटल्स के निजी क्षेत्र की भागीदारी से सुचारू संचालन की कार्ययोजना की प्रगति की जानकारी ली। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका लोकार्पण किया जाए, जिससे लोगों को जल्द सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अमरकंटक मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बांधों और जलाशयों के समीप उपलब्ध शासकीय भूमि में निजी क्षेत्र की भागीदारी से वोटिंग, वाटर स्पोटर्स, पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं।

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कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया प्रगति पर

पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रसाद योजना के तहत 43.33 करोड़ रुपये की लागत से मॉ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 96.10 करोड़ रुपये की लागत की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट परियोजना के सभी 13 स्थानों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 65.60 करोड़ रुपये की लागत से सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर विकसित किया जा रहा है। अन्बलगन पी. ने यह भी बताया कि सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ के विकास की योजना को प्रसाद योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। इसी प्रकार स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एंव हसदेव बांगो डेम को शामिल कर इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में बजट होटल के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है।

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खनन के दौरान मिली पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं

छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार के तहत ख्याति प्राप्त कलाकारों की आडियो-वीडियो क्लीपिंग संकलित कर उनका भावी पीढ़ी के लिए डिजिटाईजेशन किया जा रहा है। बैठक में दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तरीघाट और रायपुर जिले के आंरग तहसील के रीवा के पुरातत्व स्थलों की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यहां लगभग दो से ढाई हजार साल पुरानी मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं। खनन के दौरान दूसरी से पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं मिली है। मुख्यमंत्री बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रथम चरण में विकसित किए जा रहे स्थलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की सौम्य छवि की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चंदखुरी और शिवरीनारायण में प्रथम चरण में किए गए विकास कार्यों का लोकार्पण हो गया है। प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित अन्य स्थलों का भी जैसे-जैसे जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होता है। लोगों को समर्पित करने की कार्यवाही भी की जाए। बैठक में बताया गया कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस वर्ष कराई गई मानस मंडली प्रतियोगिता में 7 हजार मानस मंडलियों के लगभग 70 हजार मानस कलाकरों ने हिस्सा लिया।

Chhattisgarh Government Decision: छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, जानें केन्द्र को लेटर लिखकर किस चीज के लिए की सिफारिश

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छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर रायगढ़ जिले में महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित कोयला खदान को वन मंजूरी देने की सिफारिश की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने और रायगढ़ वन मंडल में महाजेनको को आवंटित गारे-पेल्मा सेक्टर 2 कोयला ब्लॉक के लिए आवश्यक मंजूरी पर चर्चा करने के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने यह कदम उठाया। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि राज्य सरकार ने रायगढ़ वन मंडल के गारे पेलमा सेक्टर-2 कोयला खदान उत्खनन परियोजना के लिए आवश्यक वन मंजूरी को लेकर केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा है और गारे पेल्मा सेक्टर-2 ओपनकास्ट कोयला खदान के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि को महाजेनको के पक्ष में देने की स्वीकृति का अनुरोध किया है।

सीएम बघेल की एक और घोषणा, कचना धुरवा गोंडवाना समाज भवन के लिए दिए 1 करोड़ 7 लाख रुपये

अधिकारियों ने बताया कि यह पत्र छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड से प्राप्त आवेदन पर सभी औपचारिकताएं तथा निर्धारित 44 बिन्दुओं की शर्तों और विवरणों को पूरा कर भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में स्थित यह कोयला ब्लॉक महाराष्ट्र की विद्युत कंपनी (महाजेनको) को आवंटित है। महाराष्ट्र में विद्युत उत्पादन के लिए कोयला की आपूर्ति इस कोयला ब्लॉक से की जानी है, जिससे भविष्य में कोयले की आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल से महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने इस कोयला ब्लॉक से संबंधित सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कराने का आग्रह करते हुए कोयला ब्लॉक के लिए वन मंजूरी और राज्य शासन की अनुशंसा का अनुरोध भी किया था। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकरण में आवेदनकर्ता मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने मंजूरी के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि का विवरण दर्शाया है।

जनजातियों की भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत : सीएम बघेल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा। यह बाते सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि जो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, उन्हें हमें बचाना है। इसके लिए जनजातीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है।
राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पद्मश्री लोकनायक हलधर नाग, साकीनी रामचंद्रा और अर्जुन सिंह धुर्वे को शॉल और नारियल भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रख्यात कवि पद्मश्री हलधर नाग को सम्मानित करते हुए आत्मीयता से गले लगाया।

उन्होंने समारोह में देशभर से पहुंचे विख्यात साहित्यकारों, रचनाकारों, विश्वविद्यालयों के अध्येताओं, शोधर्थियों, विषय-विशेषज्ञों, नृतक दलों, चित्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरगुजा से बस्तर तक अनेक जनजातियां निवास करती हैं और उनकी भाषा-शैली भी अलग-अलग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों में नक्सली समस्या कम हुई है। अब छत्तीसगढ़ की चर्चा देश-दुनिया में यहां की समृद्ध संस्कृति के लिए हो रही है। हमारी सरकार ने जनजातियों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराया, जिसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। इससे देश-दुनिया के लोगों को छत्तीसगढ़ को जानने और समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि चिंता का विषय है कि विश्व में बहुत सी जनजातियों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, जिससे उनकी संस्कृति विलुप्त हो रही है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए स्कूली स्तर भी पहल की है। इसके लिए प्रदेश में 16 प्रकार की बोली में पाठ्य पुस्तक तैयार की गई है। अब प्रदेश में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई कर रहे हैं। जनजातीय भाषाओं, बोलियां, कला-परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए बस्तर में बादल अकादमी की स्थापना की गई है। इसी तरह की अकादमी अन्य जनजातीय बहुलता वाले जिलों में भी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि साहित्य, नृत्य, चित्रकारी का प्रदर्शन निश्चित रूप से सभी समाज को जोड़ने में सेतु का कार्य करता है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया फलदार पौधे लगाने का फैसला

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी हितों के संरक्षण के प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए वन अधिकार पत्र प्रदान सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके रोजगार के लिए वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है, इससे वनों में वृक्षों के संरक्षण के साथ ही वनवासियों को उनकी जरूरत की चीज उपलब्ध होगी। इसी प्रकार प्रदेश में पहले 7 लघु वनोपजों की खरीदी की जाती थी, अब 65 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके साथ ही इन लघु वनोपजों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए कार्य कर रही है।

जंगल का संरक्षण करते हैं आदिवासी

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। उन्होंने कहा कि जंगल का संरक्षण आदिवासी करते हैं। देश में 80 प्रतिशत वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य से होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए हैं। जिसका लाभ जनजातीय समाज के बच्चों को भी मिल रहा है। प्रदेश में प्रयास विद्यालय के माध्यम से जनजातीय समाज के बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपरा और साहित्य को लिपिबद्ध किया जाना जरूरी है। अब आदिवासी समाज में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के साथ ही तीन दिन तक यहां राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनजातीय साहित्य प्रचार-प्रसार और विकास के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। जिसमें विशेष रूप से जनजातीय विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों को प्रदर्शन सहविक्रय की व्यवस्था स्टॉल के माध्यम से की गई है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों जैसे हस्तशिल्प विकास बोर्ड, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, औषधि पादप बोर्ड, जनसम्पर्क विभाग, माटी कला बोर्ड, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के स्टॉल भी लगाए गए हैं। स्टॉल में गढ़कलेवा तथा बस्तरिहा व्यंजन का स्वाद भी जनसमूह ले सकेंगे।

इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, पूर्व मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज, सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्री डी.डी. सिंह भी मंचस्थ थे। समारोह को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केशरी लाल वर्मा ने सम्बोधित किया। आयुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रीमती शम्मी आबिदी ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में विभिन्न जनजातीय समाज प्रमुख और पदाधिकारी भी उपस्थित थे।