छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का ‘सपूत’ कहने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘शर्म नहीं’ आती। बघेल ने कहा कि अगर भाजपा के नेता गोडसे की तारीफ करते हैं तो वे महात्मा गांधी को कैसे अपना सकते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में बोलते हुए गोडसे को देश का सपूत करार दिया था और कहा था कि महात्मा गांधी का हत्यारा मुगल शासक बाबर और औरंगजेब जैसा आक्रमणकारी नहीं था क्योंकि वह भारत में पैदा हुआ था। बघेल ने कहा कि उन्होंने एक बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के एक सत्र के दौरान भाजपा विधायकों से ‘गोडसे मुर्दाबाद’ का नारा लगाने के लिए कहा था, लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने रायपुर संभाग के सत्तारूढ़ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा, वे (भाजपा) गोडसे को भारत का सपूत कहते हैं…कितनी बेशर्मी है! आप और मुझे इसका बुरा लग सकता है, लेकिन गोडसे उनके आदर्श हैं। यदि आप गोडसे को सपूत कहते हैं, तो आप गांधी को कैसे अपना सकते हैं? मुख्यमंत्री ने कहा, उनका एक ही एजेंडा है- धर्मांतरण और सांप्रदायिकता। हमें उनका मुकाबला करना है। बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की घटना के बारे में बताते हुए कहा, मैंने उनसे (भाजपा नेताओं से) कहा कि आपने महात्मा गांधी, उनका चश्मा और उनकी लाठी स्वीकार कर ली है, जो बहुत अच्छा है। आप ‘महात्मा गांधी अमर रहे’ का नारा लगा रहे हैं, लेकिन क्या आप एक बार नाथूराम गोडसे मुर्दाबाद कह सकते हैं?
मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन वे गोडसे मुर्दाबाद नहीं कह सके, क्योंकि वे उसे अपना आदर्श मानते हैं और नक्सलवाद से उनका पुराना रिश्ता है। बघेल ने आगे कहा कि 25 मई को, 2013 की झीरम घाटी नक्सली हमले की बरसी पर उन्होंने जानना चाहा कि अंतिम रिपोर्ट से आरोपी नक्सली रमन्ना और गुडसा उसेंडी के नाम कैसे हटा दिए गए। इस हमले में कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, उनके (भाजपा के) नक्सलियों से संबंध हैं इसलिए वे बेशर्मी से गोडसे को भारत का सपूत कह सकते हैं। यह विचारधारा की लड़ाई है।