रायपुर। छत्तीसगढ़़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में स्थापित देश के सबसे बड़े मिलेट (मोटा अनाज) प्रसंस्करण संयंत्र की शुरूआत की। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में स्थापित इस मिलेट प्रसंस्करण उद्योग की शुरूआत की। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से मिलेट मिशन के तहत कांकेर जिले के नाथिया नवागांव में अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड ने कोदो-कुटकी-रागी की प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित मूल्य-वर्द्धित उत्पाद इकाई स्थापित की है।
इस इकाई में कोदो-कुटकी-रागी से चावल तथा दलिया, सूजी, आटा सेवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्किट, कुकीज और लड्डू बनाया जाएगा। इस इकाई की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता 10 से 12 हजार टन है। छत्तीसगढ़ शासन के मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित इस इकाई को प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी भी दी जायेगी। प्रसंस्करण इकाई के लिए प्रतिदिन लगभग 35-40 टन कोदो-कुटकी-रागी की जरूरत होगी। इस इकाई के लिए कच्चा माल छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन तथा अवनी आयुर्वेदा के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस इकाई की स्थापना से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के हजारों किसान भी लाभान्वित होंगे। छत्तीसगढ़ के 20 से अधिक जिलों में मिलेट्स का उत्पादन होता है और इस इकाई की स्थापना से महिला समूहों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बस्तर जिले के धुरागांव में इमली प्रसंस्करण संयंत्र की भी शुरुआत की। इस संयंत्र में प्रतिदिन 10 टन इमली गुदा, पांच टन इमली चपाती और तीन टन इमली बीज का पाउडर बनाने की क्षमता है।